कोलन और रेक्टल केंसर लक्षण ,कारण / colon and rectal cancer system, reason in hindi

 कोलन और रेक्टल कैंसर  के लक्षण, कारण
/Colon and rectal cancer system, reason in hindi

पाचन प्रणनाली भोजन को पचाती है।और उसमे से पोषक तत्वों को अवशोषित करती है। छोटी आतँ और बड़ी आतँ मिलकर पाचन तंत्र बनाती है।जो लगभग 5 फिट लम्बी होती है।

 कोलन कैंसर और रेक्टल कैंसर काफी मिले जुले होते है।यह बीमारी मांस खाने वालों को ज्यादा होती है।मल की जांच द्वारा यह पता चल जाएगा। जो लोग रेड मांस खाते है। 

उनके मल में नार्मल एनारोबिक बैक्टेरिया की मात्रा ज्यादा होती है। ये बैक्टेरिया आतँ में मौजूद पाचन रस के साथ मिलकर बाईल को कैंसर पैदा करने वाले तत्वों में बदल देते है।

यह  मौटे लोगो मे ज्यादा होता है।इन लोगो मे इन्सुलिन की मात्रा अधिक होती है।ज्यादा इन्सुलिन बनने से  शरीर मे ऐसे तत्व बनते है जो कैंसर  जैसी गतिविधि को जन्म देते है।

जो लोग मौटे होते है उनको अपना वजन कम करना चाहिये।सिगरेट तम्बाकू पान खाने वालों को केन्सर का जोखिम ज्यादा होता है। यह हार्ट, लकवा,बड़ी आतँ के कैंसर,मुँह के कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।

 जो लोग 50साल से ऊपर है। यदि उन्हें कब्ज या बिना बबासीर के टॉयलेट में खून आता है। टॉयलेट काली है। एनीमिया की शिकायत है।उन्हें कॉलोंनस्कोपी से टेस्ट करवा लेना चाहिये।




कोलोरेक्टल केन्सर के लक्षण

1 हीमोग्लोबिन की शरीर मे कमी

2 वजन में कमी

3 पेट मे दर्द या बेचेनी

4 मल में लाल या काले रंग का धब्बा

5 लगातार कमजोरी,थकान,  भूख न लगना

6 लगातार दस्त, कब्ज की बराबर शिकायत

7 पेट को खाली महसूस करना

कोलन और रेक्टल केंसर, यह 25 परसेन्ट  पीढ़ी दर पीढ़ी होता है। वाकी को यह भोजन को ज्यादा मात्रा में खाने से हो सकता है।

 अमीर लोगो मे ज्यादा  कैलोरीज लेने से यह समस्या आती है। छोटे गरीब लोगो को यह कम होता है। बड़े व धनी लोगो को यह ज्यादा होता है। समय पर यदि इसका पता चलता है।

 तब ये आसानी से इलाज द्वारा ठीक हो जाता है। फेफड़ो के कैंसर के बाद ये  कैंसर  ही खतरनाक होता है। और इससे मौते तक हो सकती हो है।



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