शायरी 2021 / में प्रेम दीवानी गाँव की छोरी / me prem diwani gaav ki chhori hindi

मै प्रेम दीवानी  / Me prem diwani hindi new
तू लवर प्रेमी 
में नाजुक सी
गाँव मे रहती।

तू शहर का हीरो बाज
आज तक मेने
तुझको कुँवारे समझा
तू निकला लड़कीबाज।
में गाँव की सीधी भोली
नाम मेरा  सल्ली
काम मे करती
बहुत जल्दी।

ये कोन से मौका आया 
जब मिला मुझे शहर बाज
में ना प्यार करूंगी तुझसे
तू है  घोखेबाज।

में हु सल्ली
गाँव मे मेरा सिक्का चलता
कोई मुझे झूट नही बोलता
इसी दम पर गाँव मेरी बात मानता

अगर में कह देती 
किसी चीज से इनकार
गाँव के लोग साथ मेरा देते
में हो जातो उनके प्रेम में बेहाल।

प्रेम में उसी से करूंगी
जो गाँव की कद्र करेगा
जो गाँव छोड़ चुका
उसे नही गाँव की छोरी से नाता।

में गाँव की गाँव की छोरी
दूध घी प्योर खाती हु
मुझे तो गाँव  का मजबूत छोरा
ही पसन्द आयेगा।

शहर में खावे सब कुछ बासी 
हम खाते ताजा माल
घी पनीर सब कुछ ताजा
सब्जी तो हम कम ही खाते

पेट हमारा दूध दही से भर जाता
वाकी की कसर हम मठठा से निकालते
आधा पीते आधा फेक देते
जब दिल हमारा भर जाता।

इसलिये गाँव के लड़के 
फ़ौज में है सारे 
गाँव की दूध दही व कसरत 
दुश्मन पर मुक्के मार मार कर निकालते।


में तो हु गाँव की सल्ली
गाँव को प्यार करती हूं
देश प्रेम है मेरे अंदर 
चाहे में किसी भी प्रदेश की सल्ली हु।

नाम मेरा सल्ली हो सकता
अलग अलग भाषा बोलती हु
कोई मुझे असमिया कहता  
कोई मुझे उत्तराखंडी

क्योकि में अलग अलग प्रदेश में रहती हूं
भाषा भी अलग अलग  बोलती हु
पर में गाँव की सल्ली
पक्की हिंदुस्थान की बेटी हु।

अगर तूने ने बुरी नियत डाली  मुझ पर
डंडा फेरुगी बेधड़क होकर
नानी याद आएगी तुझको
प्रणाम प्रणाम करेगा मुझको।।




इसे भी पढ़े








Previous
Next Post »