दिल ( Heart ) की धड़कन की धीमी ( Slow ) गति के लक्षण / knowing slow heart rate pulse symptom in hindi

दिल ( Heart ) की धड़कन की  धीमी (Slow )  गति के लक्षण  / Slow heart rate pulse symptom in hindi
दिल की धीमी गति के कारण बहुत से लोग  इलाज नही कर पाने के कारण  असमय ही अपनी जिंदगी दाव पर लगा देते है। बहुत से लोग तो जान से हाथ भी धो बैठते है। दिल की धड़कन जब 60 से पल्स नीचे हो तो सावधान हो जाना चाहिये। कभी भी आपको दिल की धड़कन की धीमी की समस्या आ सकती है। जो लोग मधुमेह ओर थायराइड के मरीज है वे खासकर सावधान रहें उन्हें यह समस्या जल्दी आती है।  यदि आप स्वास्थ्य के प्रति जागरूप है तो दिल की धड़कन धीमी होने पर तुरन्त इलाज के द्वारा इसको ठीक किया जा सकता है। दिल की धड़कन धीमी के लक्षण यदि आप जानते है तो समय से डॉक्टर के पास मरीज को पहुचा कर जिंदगी की जंग को जीता जा सकता है।

दिल की धड़कन के लक्षण /  Symptom of Slow heart hindi

1 अचानक तेज चलते आपकी चाल धीमी पड़ जाय ओर पैर आगे न बड़ रहे हो तो समझ लीजिये  की यह दिल की धड़कन के धीमी गति के कारण होता है। यह दिल की धीमी गति आपकी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है।

2  जब आप सो रहे हो उस दौरान यदि बार बार नींद टूट रही है।जिसके चलते बार बार आपको करवट बदलनी पड़ रही है तो यह दिल की धीमी धड़कन वाला मामला हो सकता है आपको तुरन्त डॉक्टर को दिखाना चाहिये। 

3 यदि सांस पूरी तरह से नही आ रही है सांस छोटी छोटी आ रही है नींद टूट रही है तो यह भी दिल की धड़कन के धीमी  गति के कारण होता है।

4 जब आप सोते है उस दौरान पेट अंदर को खींच रहा है तो यह भी दिल की धीमी धड़कन के कारण होता है।

5 जब आप बैठे हो ओर उस दौरान आपकी नाड़ी धीमी चल रही है तो यह भी दिल की धीमी गति के कारण होता है।

6 दिल की धड़कन धीमी की पहचान इस तरह भी कर सकते है जैसे बिना कार्य किये थकान महसूस हो या बेहोसी हो। चक्कर आना यह सब  लक्षण दिल की धीमी गति का संकेत होते है। सीने में भारीपन या असहजता जैसे लक्षण धीमी दिल की लक्षण होते है। सीने पर  ठंडा पानी डालने पर गर्म से हो जाना  यह भी एक लक्षण हो सकता है। 


दिल की धड़कन के धीमी होने के कारण /  what are the reason to slow heart pulse hindi

दिल की धीमी गति के मुख्य कारण कोलोस्ट्रोल का बढ़ना है। धमनियों जो हार्ट को खून पहुचाती है उनमें कोलोस्ट्रोल के कारण हार्ट तक खून की सप्लाई नही पहुँच पाती है। जिसके चलते दिल की धड़कन धीमी पड़ जाती है। थायराइड के कारण भी यह होता है। थायराइड में पाचन की गति धीमी पड़ जाती है। लीवर खाना पचा नही पाता है। शरीर मे वत्सा की मात्रा बढ़ जाती है। लीवर सुस्त पड़ जाता है। जिसके कारण शरीर मे कोलोस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिये अच्छे डॉक्टर से अपना चेकउप करवा लीजिये। थायराइड को नियन्तित रखना बहुत ही जरूरी है।
















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