नहाने का old तरीका धीमी दिल की धड़कन भी बढ़ जाये / Bathing old style increase slow heart beat hindi

नहाने का old  तरीका जो दिल की धीमी धड़कन भी बढ़ जाये / Bathing old style increase slow heart beat hindi
हम अपने जीवन मे स्नान मतलब नहाते तो रोज है। लेकिन उसी नहाने को यदि हम सही  का इस्तेमाल करे तो यह नहाना स्वास्थ्य के लिये बहुत लाभदायक हो सकता है। नहाते समय हम कुछ चीजो का ध्यान रखना चाहिये । यदि हम उन चीजो का ध्यान रखने में सफल होते है तो हमारे शरीर मे खून का संचार ठीक रहेगा। जिससे ह्रदय तक खून आसानी से पहुँचेगा। जब ह्रदय तक खून की सप्लाई ठीक होगी तब  स्लो हार्ट की रफ्तार सामान्य हो जाएगी। हम अपने जीवन मे गलत खानपान की वजह से ह्रदय की समस्या को अपने अंदर ले आते है जिसका कारण ज्यादातर कोलोस्ट्रोल का बढ़ना होता है। उस कारण से ही हम स्लो हार्ट की समस्या से जूझते है। कोलोस्ट्रोल बढ़ने के कारण से हमारी  नशों में खून का संचार ठीक से नही हो पाता जिस कारण से ह्रदय की धड़कने की रफ्तार पर असर पड़ता है। लेकिन एक पुराने तरीके को अजमाकर स्लो हार्ट को कुछ सीमा तक ठीक रखा जा सकता है।

नहाने का old तरीका जो दिल की धीमी  रफ्तार को  बढा दे
आज हम आपको नहाने की वह  ओल्ड  रफ्तार बताएंगे जो धीमी ह्रदय रफ्तार में गति को बढ़ाने का काम करती है वह तरीका है हमारे पूर्वजो का जो पुराने जमाने मे सुविधाओ के अभाव के कारण जब पानी नही मिल पाता था तब वो एक बाल्टी में जल लेकर उसी से लौटे से नहाते थे। उनका अपना नहाने का वैज्ञानिक तरीके यह था कि उनको लोटे  वाला स्न्नान पैर से शुरू होता था। सबसे पहले वे पैर में ठंडा जल डालते थे । उसके कुछ सेकंड बाद वह अपने शरीर मे जल डालते थे। उसके बाद अंत मे सिर में पानी को डालकर नहाते थे। यह वैज्ञानिक तरीका इतना अच्छा था कि अनेक रोग इस तरीके से टाले जा सकते है। जब भी आप नहाते है सबसे पहले अपने पैरों में पानी डालें आप खुद अनुभव करेगे की आपके दिल की रफ्तार बढ रही जब लगे कि रफ्तार थोड़ी सी बड़ी है तभी जाकर बदन में पानी डालना ठीक रहता है। ह्रदय की तेज धड़कन वाले यह न करे। अपने निजी चिकित्सक से मिल कर सलाह ले सकते है। यदि ह्रदय स्मन्धी बीमारी उपज रही है जो किसी ह्रदय रोग चिकित्सक को जरूर चेक कराओ। उनका मार्गदर्शन आवश्यक है।








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