बच्चे का दिमाक कितना है यह कैसे जाने / Bachche ka dimak kitna he yah kese jane hindi

बच्चे का दिमाक कितना है यह कैसे जाने / Bachche ka dimak kitna he yh kese jane hindi
बच्चे हमारे घर परिवार गांव शहर जिला प्रदेश देश का भविष्य होते है। यही बच्चे आगे जाकर हमारा परिवार हमारे गांव हमारे शहर जिला प्रदेश ओर देश का नाम रोशन करते है। इसलिये हर देश के नागरिक का ध्यान अपने बच्चे के सर्वागीण विकाश की ओर होना चाहिये। जब हमारे बच्चों का विकाश  होगा तभी हमारा जिला प्रदेश देश का नाम विश्व स्तर पर होगा। इसलिये बच्चो की योग्यता की तरह की है उनको उन्ही चीजो में डालना चाहिये। बहुत से बच्चे पढ़ना नही चाहते है लेकिन उन बच्चों को जबरजस्ती ट्यूशन क्लास कराकर जबरजस्ती  पढ़ाया जाता है। कुछ को तो मामूली सफलता मिल जाती है छोटी नॉकरी कर लेते है कुछ छोटी नॉकरी करना नही चाहते है। बाप के पैसे का दुरुपयोग करते है। उसके बाद एक बोझ परिवार पर बन जाते है। यह गलतीं कुछ किस्मत की ओर कुछ मातापिता की। क्योकि वे बच्चे को योग्य बनाना चाहते थे लेकिन बच्चा उस लायक नही था।  आज के समय मे नॉकरी कम है किसी भी नॉकरी में  कम्पीटिशन ज्यादा है। एक नॉकरी के लिये एक हजार से 10 हजार आदमी आते है। भारत जैसे देशों का नॉकरी पाने में हाल बहुत खराब है। जब इस तरह की समस्या देश मे है तो बच्चे को अच्छा से स्टडी कर लीजिये की वो किस लायक है। यदि पढ़ाई में ठीक नही है तो जबरजस्ती मत पढ़ाओ। उसको मैट्रिक के बाद फ़ौज पुलिस की तैयारी के लिये कहे । यदि वह उस लायक भी नही है तो कोई काम सिखाकर  दुकान करवा दीजिये। बच्चे पर फालतू मेहनत करके फायदा नही है। यदि बच्चे में पढ़ने की लालसा है वह पढ़ने में तेज है तो वह अपने काम से समय निकाल कर भी पढ़ कर कुछ बन सकता है। बच्चा लड़का हो या लड़की यदि पढ़ाई में कमजोर है  स्पोर्ट्स के लायक नही है तो बचपन से ही किसी काम मे लगा दीजिये। सफल जरूर होगा। दशवी से बारहवी तक कि बच्चे को शिक्षा देना जरूरी है। वाकि बच्चे को मार मार कर जबरजस्ती नही पढ़ाना चाहिये। यह बच्चे के लिये नुकसानदायक तो होता ही है  मातापिता के लिये भी नुकसानदायक होता है।

बच्चे के दिमाक तेज है कैसे जाने
1बच्चे की कुंडली से जाना जा सकता है किसी योग्य ब्राह्मण को कुण्डली दिखलाओ।

2 बच्चे के इंटरेस्ट को जाने । उसी हिसाब से उसको पढ़ाई कराओ।

3 बच्चा यदि किसी चीज को बार बार भूल रहा है तो इसका मतलब यह निकलता है कि बच्चा पढ़ाई में कमजोर है। उस पर रुपया पैसा लगाना पैसे का दुरुपयोग है।

4 बच्चे के बहकावे में नही आना चाहिये। उसकी बुद्धि के बहकावे में आना चाहिये।

5 टुयूशन की पढ़ाई से बच्चे के ज्ञान का पता नही लगाया जा सकता है। इतना जरूर है जो बच्चे कम ट्यूशन पढ़कर अच्छे नम्बर ला रहे है उन पर विस्वाश किया जा सकता है।











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