बबासीर ( piles) को जड़ से खत्म करने का सफल घरेलू इलाज / Babasir ko jad se khatm karne ka safal gharelu elaj hindi

बबासीर (piles) को जड़ से खत्म करने का सफल घरेलू इलाज / Babasir ko jad se khatm karane ka safal  gharelu elaj hindi

बबासीर से आज सभी परेशान है। यह बीमार खासकर उन लोगो को ज्यादा होता है जिनका काम बैठे बैठे होता है। जो लोग फील्ड जॉब करते है उनको भी बाबासीर की  समस्या होती है परंतु कम। इसलिये बबासीर वाले सजक हो जाये ज्यादा देर बैठे न रहे ‌, अपने कार्य के घंटो के दौरान बीच बीच मे चल  फिर लिया जरूर  करे। जहा तक बबासीर को जड़ से खत्म करने की बात है तो उसके लिये आपको कुछ उपाय करने होंगे जिससे यह बाबासिर जिंदगी भर नही होगा। यह उपाय खासकर उन लोगो के लिये है जिनके मस्से छोटे है । जिनके मस्से बहुत ज्यादा बड़ गये है उनको किसी योग्य चिकित्सक को दिखा कर इसका सर्जिकल इलाज करवा लेना चाहिए  और दुबारा उनको यदि बाबासिर की समस्या होती है तो उनको नीचे की आर्युवेदिक हर्बल औषधि  का भी वर्णन कर रहे है उसका प्रयोग  कर बाबासीर का सफल इलाज पा सकते है।

1 जिन लोगो के बाबासिर के  मस्से छोटे है उनको रोजाना सुबह पाखाना जाने से पहले 1000 कदम पैदल जरूर चल लेना चाहिये। उसके बाद ही वे पाखाना जाए। 

2 यदि बवासीर वालो को  कब्ज हमेशा बना रहता है तो उनको रात को सोते समय गुनगुने पानी से त्रिफला का चूर्ण आधा चम्मच जरूर लेना चाहिये। बबासीर नियंत्रण में रहे उसके लिये जरूरी है कि तेल, मशाले ,लाल मिर्च का प्रयोग कम करे। देशी घी को अपने भोजन में  जरूर  शामिल कीजिये।

3 बाबासीर को अपने नियंत्रण में करने के लिए अपने भोजन में फाइबर को जरूर शामिल कीजिये। उसके लिये ओट्स सप्ताह में चार बार कम मात्रा में  कुछ दिन जरूर खाया कीजिये। 

4 दही अजवाइन को  उन दिनों लेना न भूले जब  बवासीर की समस्या हो रही हो।

5 भोजन से पहले फल जरूर खाया कीजिये।

6 बाबासिर में पानी की शरीर मे कमी न होने दीजिये।

7 बाबासीर में  सुबह पाखाना जाने से पहले गर्म पानी जरूर पीजिये।

8 बाबासिर में कब्ज तोड़ने के लिये हरी साग जरूर अपने भोजन में शामिल कीजिये।

9 जो लोग खूनी बबासीर से परेशान है ओर उनको यदि आंतो की समस्या नही है तो वे बकाइन का चूर्ण आधा छोटा चम्मच  मतलब एक चुटकी दिन में एक बार पानी से ले सकते है और  उसके बाद एक गिलाश मठ्ठा पी लीजिये। बस इतना सा इलाज आपको  बाबासीर में खून का आना अवस्य ही बन्द हो जाएगा और यह सुखी ओर खूनी दोनों बबासीर में  इस चूर्ण से  आशातीत लाभ मिलता है। यह 100 प्रतिशत  लाभदायक है । बहुत से लोगो द्वारा आजमाया हुआ है ।  इस चूर्ण को तीन से पांच दिन  लेना  ही प्रयाप्त है उसके बाद लेना ठीक नही है। यदि चूर्ण लेने से कोई समस्या होती है तो दुबारा न लीजिये। इसमे किसी वैद्य की सलाह भी ले सकते है। इस चूर्ण की एक खूराक ही रोगी को  बाबासीर में लाभ देती है। बस इस दवा को लेने से पहले कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है जो नीचे बताया जा रहा है। यदि अधूरी जानकारी से इलाज नुकसानदायक हो सकता है किसी वैद्य की मदद भी ले सकते है।

बाबासिर Babasir का रामबाण इलाज / How to treat piles through  herbal aryuvedik treatment hindi

बाबासिर के रोगी उस वक्त बहुत परेशान  हो जाते है जब उनको पाखाना जाना होता है इसलिए पाखाना जाने से एक घंटा पहले यदि हमारे द्वारा बताई दवा आप खा लेते है तो आपको तुरंत बाबासिर से मिलने वाले दर्द से राहत मिलेगी साथ ही  पाखाना का दर्द भी नही होगा और यदि बाबासिर में खून निकलने की शिकायत है तो वह भी दूर होगी। यह औषधि बाबासिर के रोगियों के लिए रामबाण है। बस आप को इसकी खुराक ज्यादा नहीं लेनी है जो लोग आत की समस्या से पीड़ित है या जिनको आतो की वजह से खून निकलने की समस्या है उनको यह  औषधि की आर्युवेदिक डॉक्टर के निर्देशन पर ही लेनी होगी ।।अन्यथा उनकी समस्या बढ़ सकती है। क्योंकि इस दवा की तासीर गर्म है जो आंतो के लिए तब नुकसानदायक हो जाती है जब रोगी को आंत में प्रॉब्लम होती है उनको टॉयलेट में खून बाबासीर की नही वल्कि आंतो की समस्या से आ रहा है  ऐसे रोगी गलती से भी इस चूर्ण का प्रयोग नहीं करे ।इसलिए यह पक्का कर लीजिए की बाबासिर रोगी को जो खून निकलने की समस्या हो रही है वह पक्का बाबासिर ही है तभी यह दवा ले। हमारा उद्देश्य रोगी की समस्या को ठीक करना है उसको बढ़ाना नही है।

बाबासिर कितने दिन में ठीक होता है /  How many days Piles treat hindi

बाबासिर एक खुराक से भी ठीक हो सकता है बसारते रोगी को यदि हमारी बताई दवा  मिल जाती है तो उसका इलाज तुरंत  हो सकता है ओर  फायदा पहली खुराक से ही मरीज को मिल जाता है। यह एक पेड़ की छाल का चूर्ण है जिसको सीधे पेड़ से प्राप्त किया जाता है।  बस इतना ध्यान रखे की इसकी छाल सड़ी गली नहीं होनी चाहिए। छाल शुद्ध हो ओर इसको बारीक रूप से कुटाई कर इसकी खुराक बना लीजिए और छान लीजिए उसके बाद इसकी पुड़िया बना लीजिए। तीन खुराक पर्याप्त होती है  और रोगी ठीक हो जाता है।











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