दिल की धड़कन तेज होने पर क्या करे हिंदी / Dil ki dhadkan tej hone par kya kare hindi

दिल की धड़कन तेज होने पर क्या करे  हिंदी/ Dil ki dhadkan tej hone par kya kare hindi

दिल की धड़कन  तेज होने dil ki dhadkan tej hone पर हम लोगो को सबसे पहले यह जान लीजिए की घबराना बिलकुल नहीं है। घबराने से आपके दिल की धड़कन ज्यादा तेज हो सकती है जो की दिल के दौरे  dil ke dore का कारण बन सकती है। दिल की धड़कन तेज होना dil ki dhadkan tej hona  आम बात है खासकर तब जब हम कोई कसरत या व्यायाम करते है। लेकिन जब अकारण ही हमारी दिल की  धड़कन तेज होती है तो हमको तुरंत आराम करना चाहिए  खासकर तब जब हम खड़े हो या चलफीर रहे हो। दिल की धड़कन तेज dil ki dhadkan tej hone ke  होने के अनेक कारण हो सकते है जिनमे प्रयाप्त नींद नहीं लेना भी एक कारण हो सकता है। दूसरा कोलोस्ट्रॉल के बढ़ने के कारण भी यह समस्या हो सकती है। यदि दिल की धड़कन yadi dil ki dhadkan ka  का कोलोस्ट्रॉल से समंंध है जैसा की आमतौर पर दिल की धड़कन  dil ki dhadkan कोलोस्ट्रॉल cholostrol के बढ़ने के कारण भी अनियमित होती है। कोलोस्ट्रोल cholostrol  के कारण दिल की धड़कन कभी अचानक तेज होती है तो कभी अचानक धीमी होती है। दिल की धड़कन तेज होने का एक कारण उच्च रक्त चाप  high blood pressures  भी होता है। यदि ये सारे कारण जो ऊपर बताए है वे ही दिल की तेज धड़कन  के जिम्मेदार है। दिल की सामान्य धड़कन प्रति मिनट 60से 100 रहती है ओर यदि ये 120 पर मिनट हो जाए तो सावधान हो जाए यह दिल की धड़कन तेज होने का संकेत है। किसी अच्छे चिकित्सक से अपना चेकअप करवा लीजिए ओर तुरंत इलाज आपको दिल की तेज धड़कन को नियंत्रित करेगा।

पांच टिप्स दिल की तेज धड़कन को अपने तरीके से कैसे नियंत्रित करे / Five tips Dil ki tej dhadkan ko apne tarike se kaise niyantrit kare hindi

1 दिल की तेज धड़कन  dil ki tej Dhadkan का कारण यदि अपर्याप्त नींद है। आप किसी कारण से सो नहीं पा रहे है तो आपको पहले 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। जब कुछ दिन आप अपनी नींद को प्रयाप्त समय देगे तो यह अनियमित तेज धड़कन ठीक हो सकती है यदि उसके बाद भी यह ठीक नहीं होगी तो आपको किसी अच्छे  हार्ट चिकित्सक से अपना चेकअप  जरूर करवा लेना चाहिए और साथ ही अपनी ईसीजी कराना नही भूले। जरूरत पड़ने पर इको जांच दिल की होती है वो भी करवा लीजिए लेकिन उससे पहले कोलोस्ट्रोल की जांच भी जरूर करवा लीजिए।

2, दिल की तेज धड़कन का होना का एक कारण कोलोस्ट्रॉल का बढ़ना भी हो सकता है। यदि दिल का तेज होना तेज धड़कना का कारण कोलोस्ट्रॉल है तो चिकनाई से तुरंत दूरी बना लीजिए लेकिन चिकनाई को पूरी तरह बंद मत कीजिए लेकिन कम कीजिए जैसे की बिना मलाई वाला दूध एक छोटा कप पी सकते है। घी किसी भी किस्म का नही खाना चाहिए । लेकिन पतला दूध पी सकते है । चिकनाई को पूरी तरह से बंद करने से  यह कमजोरी को बढ़ावा  देगा है । अपने खाने में अखरोट को शामिल कीजिए ,  अखरोट कभी भी खाया जा सकता है लेकिन सुबह  के समय अखरोट खाना  कोलोस्ट्रोल से राहत जल्दी देता है। बादाम का सेवन भी कम मात्रा में दूध के साथ कर सकते है। दूध फैट फ्री हो इस बात का ध्यान रखे।  नींबू की कुछ बूंदे, सेब का सिरका भी आपको बड़े कोलोस्ट्रोल से राहत देगा।  बस इसको आपको बिना कुछ खाए सुबह इस्तेमाल कीजिए या दिन में चार घंटे के गैप पर पीना कोलोस्ट्रोल घटाने में लाभ देगा । फाइबर युक्त भोजन खाए और ओट्स को अपने भोजन का हिस्सा बना सकते है। सर्दियों में  गुनगुना पानी पीना भी कोलोस्ट्रोल से राहत देता है यदि इस पानी में थोड़ी अदरक डाल कर पिया जाए तो यह भी कोलोस्ट्रोल में राहत देता है। कुछ कदम पैदल जरूर चले यदि आप बुजुर्क है जो लोग नवजवान  उनको तेज चाल से  2से 3किलोमीटर पैदल जरूर  चलना चाहिए। यह गुड कोलोस्ट्रोल बढ़ाता है और आपको  दिल के रोग में लाभ देगा।

3 दिल की तेज धड़कन के लिए ऑक्सिमिटर का प्रयोग करे।

4 उच्च रक्त चाप दिल की धड़कन को बढ़ा सकता है । इसलिए अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखे। उसके लिए डॉक्टर की मदद लीजिए। अपना चेकअप समय समय पर करवाते रहे। दवाइया समय समय पर लेते रहे। ब्लड प्रेशर को भी सप्ताह में दो बार नपवाना चाहिए। खानपान का विशेष ध्यान रखे। ऐसी चीज नही खानी चाहिए जो ब्लड प्रेशर बढ़ाए। ब्लड प्रेशर का बढ़ना दिल के लिए घातक है इसे नियंत्रित रखे।

5 अपने जीवन में टेंशन को मत आने दीजिए। दिल की तेज धड़कन का कारण कही न कही टेंशन  भी हो सकता है । बच्चो की वजह से कोई टेंशन नही लेना चाहिए ।।आजकल की जिंदगी की भागादौड़ी  बहुत है जिस कारण दिल की धड़कन तेज हो जाती है। यदि इसको सही समय पर नियंत्रित नहीं किया गया तो यह दिल के लिए खतरनाक हो सकती है।













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