लड़का या लड़की कोंन आलसी / Ladka ya Ladki kon aalshi hindi

लड़का य्या लड़की कोंन आलसी /Ladka ya ldki kon aalshi hindi

आज हम लड़का य्या लड़की कोन ज्यादा आलसी है उसी पर अपने विचार प्रकट कर रहे है। हमारे घरों में लड़के को ज्यादा महत्व दिया जाता है। उसका कारण हमारा पुरुष प्रधान समाज है। लड़की मतलब नारी को हम कम आंकते है।  जिस कारण से लड़के का महत्व बढ़ जाता है। घर के लोग लड़को से कुछ ख़ास काम ही कराते है खासकर वे काम जो घर के बाहर के होते है। लड़कियों को घर के बाहर कम ही भेजा जाता था। शुरू से ही यही होता आया है । लड़को की कद्र हमारे समाज मे बढ़ी है। लड़कियों को कम आंकने की वजह से उनसे घर का काम ज्यादा कराया जाता है। दूसरी बात यह है कि लड़कियों को  दूसरे घर जाना भी है उसको पराया धन हमारे समाज ने माना था। इस लिये लड़कियों को घर के काम खूब कराए जाते है जिससे ससुराल में लड़की को गाली न खानी पड़े। लडकिया इसलिये काम करने में तेज हो गयी। लड़के ढीले पड़ गये। लेकिन आज फिर समय बदला है। आज का समाज लड़कियों को पढा रहा है। लड़को से भी ज्यादा लडकिया पढ़ रही है। सरकार से उनको सुविधा भी मिल रही है। इस वजह से वे लड़को से हर क्षेत्र में बराबरी कर रही है। अब लड़को को भी घर के काम करने पड़ रहे है। उज़क कारण यह है कि लड़कियां भी अब जॉब करने लगी है। आज जो लड़का ढीला है उसकी शादी होने मुश्किल हो रहा है ओर जो लड़का तेज है वह मौज ले रहा है। उसके सारे काम अपनेआप बन रहे है। आज कोई आलसी नही है न लड़का ओर न लड़की। जो आलसी है वह घर पर बैठा है। वो भी बिना काम के।

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