How danger sit toilet more then 10menute hindi / टॉयलेट में १० मिनट (Ten minute) से ज्यादा बैठना कितना खतरनाक हिंदी / How danger spent ten more menute in toilet hindi

How danger to sit toilet more then 10menute hindi / टॉयलेट में १०मिनट  से ज्यादा बैठना कितना खतरनाक / How danger  spent ten more menute in toilet hindi









टॉयलेट में घंटे भर बैठने वाले लोगो की कमी नही है। आखिर क्यों कुछ लोग टॉयलेट में अखबार पढ़ते है कुछ लोग मनोहर  कहानियां पढ़ते है और आजकल तो लोग अपने मोबाइल लेकर टॉयलेट में घंटा दो घंटा बिताते है । कुछ लोगो ने तो टॉयलेट में समाचार के लिए टेलीविजन भी लगा रखे है। क्या आपको पता है की टॉयलेट में घंटा भर बैठना आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है । टॉयलेट में इस तरह बैठना अनेक रोगों को आमंत्रण दे सकता है जिसमे  होमोरॉयड की संभावना बढ़ जाती है जिसका कारण यह है की जब भी टॉयलेट आप जाते है तब ही जाए जब टॉयलेट आ रही हो। बिना वजह टॉयलेट नही  जाना चाहिए। यदि टॉयलेट नही आ रही है तब उस दौरान टॉयलेट में ज्यादा नहीं बैठे , यदि आप ऐसा करते है तो यह नुकसानदायक हो सकता है। टॉयलेट में ज्यादा बैठने से और पाखाना को बाहर निकालने के लिए लोग फालतू की तागत लगाते है जो की हानिकारक हो सकता है यही एक जड़ होती है जो होमोरोइड मतलब बाबासिर को जन्म देती है यह दो तरह से जन्म देती है एक तो अंदर गुदा के घाव होने वाली बाबासीर के मस्से हो जाते है दूसरा टॉयलेट में फालतू की तागत मतलब जोर लगाने से खीचाव आता है जो की बाहरी बाबासिर मतलब सूखे मस्से वाली बाबासीर को जन्म देता है। यदि आप इस समस्या से बचना चाहते है तो टॉयलेट में फालतू बैठना बंद कीजिए। पहले कुछ कदम चल लीजिए और जब पाखाना आने लगे तब ही टॉयलेट जाना चाहिए।

How many time go to potty in a day hindi / एक दिन में कितने बार पाखाना जाना चाहिए 

एक दिन में तीन बार जरुरत पड़ने पर पाखाना जरूर जाना।चाहिए लेकिन यह तब जाना चाहिए जब कब्ज लगातार बन रही हो। पेट से मल को।बाहर निकलना जरूरी है इसलिए दिन में तीन बार पाखाना जा सकते है और कोशिश करे की।पेट साफ हो जाए। यदि पाखाना एक बार में थोड़ा भी निकलता है तो कोई बात नही आप चाहे तो चार बार भी पाखाना जा सकते है जब पर साफ रहेगा तभी भूख भी लगेगी और शरीर भी स्वस्थ्य रहेगा। इसलिए अपने भोजन में फाइवर को जरूर शामिल कीजिए। इसके लिए मोटा अनाज फल खा सकते है चिकनाई कम मात्रा में खानी चाहिए। योग और व्यायाम जरूर करे। पानी गुनगुना कब्ज होने पर जरूर पीना चाहिए। हरी साग सब्जी और फल को अपने भोजन में जरूर शामिल कीजिए। पेट को साफ रखने के लिए अंजीर का काढ़ा पी सकते है। अंजीर का काढ़ा पीने के लिए अंजीर को एक बर्तन में पानी एक गिलाश डालकर उबालना है जब पानी आधा रह जाए तो इसको पीना है या दूध में अंजीर डालकर भी उबाल कर पीने से कब्ज टूट जाएगी। त्रिफला का सेवन भी कब्ज तोड़ने में कर सकते है लेकिन जिनका ब्लड प्रेशर लो रहता है वह चिकित्सक से पूछ कर ही।इस्तेमाल करे।

















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