Thyriod if not control from tablet what we do know hindi ? थायराइड यदि टेबलेट से नियंत्रित नही हो तो क्या करे

Thyriod if not control from tablet what we do konw hindi /  थायराइड यदि टेबलेट से नियंत्रित नही हो तो क्या करे 

थायराइड से पीड़ित लोगो की  संख्या काफी बढ़ रही है जिसका दोष गलत खानपान को जाता है। आजकल इसके मरीज हर जगह मिल जाते है। पहले बहुत कम लोगो को यह होता था और यदि होता भी था तो महिलाओं को कारण उनके शरीर में डिलीवरी के समय अधिक रक्त का निकल जाना था  या किसी दवा के दुष्परिणाम से या अन्य कारण हो सकते है आज उसके बारे में हम अधिक चर्चा नही करेगे। लेकिन अब थायराइड हाइपो थायराइड , हाइपर थायराइड दो किस्म का होता है आज यह  स्वास्थ्य समस्या   स्त्री और पुरुषो में बराबर ही पाया जा रहा है लेकिन महिलाओं में अधिक है। पहले थायराइड ब्लड टेस्ट की लैब भी नहीं थी सन २००४ में भारत में थायराइड टेस्ट की सुविधा सिर्फ दिल्ली में लाल पैथोलॉजी तक ही थी लेकिन आज सारे भारत में थायराइड टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है। 


थायराइड के केस क्यों बढ़ रहे भारत या विश्व में जाने


भारत या विश्व में जो थायराइड मरीज बढ़ रहे है उसका कारण जीवन शैली में परिवर्तन है और साथ ही खानपान को लेकर हमे सचेत रहना होगा।  हमे अपने जीवन में यदि बीमारियों से बचना है तो नॉर्मल एक्सरसाइज को अपने जीवन में शामिल करना होगा । दूसरी चीज फास्ट फूड से बचना होगा और इसके साथ ही हमे अपने भोजन में दाल, हरी सब्जियां मांस, मछली, दूध दही को शामिल करना ही होगा तब।हम थायराइड ही नही अनेक बीमारियों से बच सकते है हमे सिर्फ ब्रेड खा कर जीवन को बीमार नही करना है इसलिए प्रॉपर डाइट को मेंटेन करना ही होगा।



यदि थायराइड के लक्षण दिखे तो क्या करे


यदि थायराइड के लक्षण आम है जिसमे पाचन ठीक से नहीं होना साथ ही पेट का भारी होना। जो की आम बीमारियों के लक्षण समान ही है।

आखों की रोशनी फेलना ।

शरीर का कोई अंग बर्फ जैसा ठंडा होना।


गले में खराश का होना आम लक्षण है।


यदि इस तरह के लक्षण दिखे तो तुरंत अपने चिकित्सक को। दिखाना चाहिए वो आपका ब्लड टेस्ट करवाए और तभी थायराइड पुष्टि होगी। थायराइड पुष्टि होने पर डॉक्टर आपको टैबलेट देंगे। जिससे आराम मिलेगा। डॉक्टर के मुताबिक उनकी रोजाना लेना है लेकिन कभी टेबलेट से भी फायदा नही होता है तब आपका शरीर में कुछ विटामिन की कमी हो जाती है जिसका सरल उपाय यह है की शरीर में थायराइड मरीज के आयरन, जिंक, केल्शियम विटामिन सी घट जाता है बस उसको पूर्ति करने से दवा अच्छा काम करती है। कुछ खानपान के द्वारा इसको ठीक किया जा सकता है ।।फल खा सकते है।  रात में दूध पी सकते है। सुबह हरी सब्जियां के साथ रोटी खा सकते है। भोजन में दाल मीट या मछली खा सकते है। सूखे मेवे में बादाम काजू और किसमिस फायदेमंद है जो थायराइड को गोली के साथ कंट्रोल रखेंगे। थायराइड रोगी को एक चीज जो जरूरी है वह संतरा है जो आयरन को ऑब्जर्व करने का काम करता है इसका जूस  महीने या दो महीने में तीन से चार दिन जरूर लीजिए, आपको आशातीत लाभ मिलेगा। थायराइड की दवा बॉडी में कोई साइड इफेक्ट नहीं करती है। कुछ  चिकित्सक दवा तो थायराइड की लिख देते है लेकिन मरीज को उसके बाद क्या करना है किस तरह की लाइफ स्टाइल जीनी है उसको नही बताते है। ज्यादा ज्यादा कोई चिकित्सक खानपान के बारे में बतलाते जो की एक अधूरा ज्ञान ही होता है और मरीज दवा खाने के कुछ दिन बाद परेशान रहने लगता है। इसलिए थायराइड मरीज जब रोग पुराना हो जाता है तब कुशल चिकित्सक से ही इलाज कराना चाहिए। थायराइड रोगी को बहुत बार चिकित्सक गंभीर नहीं लेते है जो की ठीक नही है।

थायराइड में योग भी कारगर परंतु यह कारगर तभी होता है जब शरीर में आयोडीन पर्याप्त मात्रा में हो साथ ही आयरन ,जिंक विटामिन की पर्याप्त मात्रा हो।

यदि कोई उपाय थायराइड में नहीं उपलब्ध है  जिसमे चिकित्सक की सलाह तब  आपको थायराइड को नियंत्रण करने के लिए रोजाना वॉक पर जाना चाहिए। अनुलोम विलोम  कपाल भाती जैसे योग कुछ हद तक थायराइड को नियंत्रण में रखते है।  थायराइड को और बढ़िया तरीके से नियंत्रण के लिए महीना में एक सप्ताह आलसी भुनी का सेवन करना चाहिए लेकिन ध्यान रहे की शरीर में पानी की कमी नही होने देना चाहिए। अपने हिसाब से पानी पीते रहे। टमाटर का सूप अदरक और काली मिर्च डाल कर पीना थायराइड मरीज के लिए किसी रामबाण से कम नही। बादाम और काजू किसमिस लेते रहे। आपको डॉक्टर के पास बार बार भागने की जरूरत नही पड़ेगी। 


थायराइड में विटामिन डी की कमी 

थायराइड में विटामिन डी की कमी सर्दियों में हो जाती है जिस वजह से अनेक स्वास्थ्य समस्या हो जाती है जिसकी पूर्ति के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करे या सर्दियों में धूप कम कपड़े में सेंक ने से इसकी पूर्ति हो सकती है दूसरी चीज डाइट में कुछ चीजों को शामिल कर भी इसकी पूर्ति हो सकती है। दूध ,दही , गेहूं , मछली की रोटी को अपने भोजन में शामिल करे। आजकल विटामिन डी की गोलियां भी उपलब्ध है लेकिन वो उतनी कारगर नही कहते चिकित्सक हा चिकित्सक जो विशेषज्ञ है उनका कहना है की विटामिन डी का इंजेक्शन किसी कुशल चिकित्सक के नेतृत्व में तीन महीने में एक बार लेने से आशातीत लाभ मिलता है।

थायराइड में परहेज

थायराइड में परहेज बहुत जरूरी है एक थायराइड मरीज को बकरे का मांस खाने से बचना चाहिए । थायराइड का असर लीवर पर भी पड़ता है और मटन इसको और बढ़ा देगा। चिकन, फिश खा सकते है।


खट्टी चीजों का सेवन कम करे लेकिन ध्यान रहे पूरी तरह छोड़े नही।


केला और आम जैसे फल सीमित ही खाने चाहिए।


सोयाबीन  और सोया बड़ी नही खाना चाहिए।

गोभी कम खामी चाहिए।

उरद दाल कम खानी चाहिए । उरद को मसूर दाल में मिला कर खाना चाहिए।



















































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