वर्ड ग्रुप में विवाह के रिश्ते डालने से पहले क्या सावधानियां बरतें समझे

ग्रुप में विवाह के रिश्ते डालने से पहले क्या सावधानियां बरतें समझे 

आजकल एक नया फैसन विवाह के रिश्ते डालने का ये चला है की हम लोग  अपने बच्चे बच्चियों के विवाह के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं होते है या यह कहें की बच्चे बच्चियों पूरी तरह से तैयार नहीं होते है लेकिन फिर भी हम अपनी संतुष्टि के लिए ग्रुपों में अपने रिश्ते डॉट देते है लेकिन यदि मातापिता को कोई रिश्ता पसंद भी आता है लेकिन आपका बच्चा विवाह के लिए पूरी तौर से तैयार नहीं है जिस वजह से अच्छे रिश्ते मिलने के वाबजूद हम हाथ मलते रह जाते ही।इसलिए आगे से जब भी कोई भी अपने रिश्ते विवाह ग्रुप में तभी डाले जब छह महीने के अंदर वो और उनका बच्चा विवाह को पूरी तरह से तैयार हो। कुछ लोग मौके की तलाश में रहते है की कोई अच्छा रिश्ता मिल जायेगा तो बच्चे या बच्ची का।विवाह कर देगे लेकिन जब उनको हकीकत में अपने बच्चो का विवाह करना होता है तब उनको रिश्ते नही मिलते है जिसका कारण वो अधिकतर लोगो को परख चुके होते है और दूसरे लोग भी उनको परख चुके होते है। इसलिए कोशिश करे की रिश्ते तभी ग्रुप में डालने की कोशिश करे जब आप विवाह को पूरी तरह से तैयार हो। फिजूल में रिश्ते डालने से फायदे के अलावा नुकसान ज्यादा होते है। 






जब किसी व्यक्ति को अपने  बालक बालिका का विवाह छह महीने में करना होता है तब वे ज्यादा सोचते नही है और रिश्ता में काफी समझोता करने को भी तैयार रहते है। जब विवाह नही करना होता है तब काफी नखरे लोगो के होते है जिसका फल ये होता है की हम अच्छे रिश्ते खो देते है और जब हमको बालक या बालिका का विवाह करना होता है तब हमको रिश्ते नही मिल पाते है। इसलिए अगर हमको भरपूर रिश्ते चाहिए तो ग्रुप में रिश्ते तभी डाले जब छह महीने के अंदर बच्चो का विवाह करना हो। जिनको बहुत अच्छा रिश्ता चाहिए या यह कहें की मन मुताबिक रिश्ता चाहिए उनको बहुत बार इसका खामियादा भी भुगतना पड़ता है आज भी 1980  सन के लड़के और लड़कियों के रिश्ते विवाह को आ रहे है अब सोचिए क्या कोई लड़की 40 ya 42 , साल की उम्र में मां बन भी सकती है और नही भी। मातृत्व पाने में इस उम्र में काफी कठनाई होती है। इस उम्र में विवाह का क्या आनंद । यह तो विवाह तो बस बुढ़ापे का सहारा पाने की लालसा के सिवा और कुछ नही। यदि विवाह करना ही है तो लड़को को ३० साल से ३२ तक विवाह कर ही लेना चाहिए और लड़कियों को २८ तक विवाह उत्तम रहता है।










क्या एक साल पहले रिश्ता तय के फायदे जाने

कुछ लोग चाहते है की उनके बच्चे का रिश्ता एक साल या दो साल पहले ही तय हो जाए लेकिन अगर देखा जाय तो यह बुरा भी नहीं है क्योंकि इस बीच कुछ लोग एक दूसरे के परिवार को परखने का मोका मिलता है और बालक बालिका भी आपस में बातचीत करते रहते है यहां तक की बहुत बार रूठना मनाना भी होता है । दोनो दोस्त बन जाते है और कुंडली पहले से मिली है परिवारों के बीच भी अच्छा मेल हो जाता है लेनदेन की बाते भी खुल कर हो जाती है और आजकल के जमाने के हिसाब से देखा जाय तो दोनो को पता होता है की हमारी जोड़ी तो बन चुकी है दोनो बाहर भी अपने लिए बॉय फ्रेंड गर्ल फ्रेंड तलाश नही करेगे। मतलब इन सब चीजों से बचेंगे। खुद ये जोड़ी ब्वॉयफ्रेंड और गर्ल फ्रेंड हो जायेगी। यदि किसी को अपना पैकेज बनाना है तो वह भी बन जाता है । पेकेज का मतलब यह है की शादी के बाद  दोनो आराम से जीवन यापन कर सके। आजकल शादी के बाद बहुत से लोग बच्चा जल्दी नही चाहते है उसके अनेक कारण हो सकते है शादी के बाद भी बहुत से पति पत्नी अपने को आर्थिक रूप से मजबूत करते है एक या दो साल जॉब करने के बाद ही बच्चा प्लान करते है। जिनके पेकेज अच्छे होते है वो तो अनेक बार बिना जॉब वाली कन्या चाहते है और कम पढ़ीलिखी कन्या चाहते है उसका कारण जो उनकी और उनके घर वालो खासकर मातापिता की सेवा कर सके। उन्हें बीटेक एमबीए बीएड जेसी डिग्री उनके लिए बेकार है दूसरा एक कारण यह है की कुछ बालक के अंदर असुरक्षा की भावना होती है की बालिका यदि ज्यादा पढ़ीलिखी या बाहर में जॉब वाली मिलती है तो बहुत तेज होगी । इसलिए ऐसे रिश्ते से भी लोग बचना चाहते है उनको तो अपने घर गांव की कन्या या अपने शहर की कन्या को ही पसंद करते है।










आईटी के मोटे पेकेज ने बिगाड़ा विवाह के रिस्तो का मेल जाने

आईटी के कुछ मोटे पेकेज देख लोगो को अपने लोगो के लिए भी मोटा पैकेज  ही चाहिए जिस वजह से अनेक रिश्ते नही हो पा रहे है। अब आईटी वाली लड़की को आईटी वाला ही लड़का चाहिए और आईटी वाले लड़के को आईटी वाली लड़की ही चाहिए या फिर मोटे पेकेज का रिश्ता चाहिए या कोई सरकारी नोकरी बड़े ओहदे वाली चाहिए। लोग खूब।पूछ ताझ कर रहे है अपनी चालाकी का जो जितना ज्यादा परिचय दे रहा है उसका रिश्ता उतना ही नही हो रहा है जो लोग सीधे साधे है उनके रिश्ते आराम से हो रहे है वाकी नोटो की गड्डियों के सपने देखने में लगे है किस्मत तो अपनी है यदि किस्मत में नोट लिखे है तो वह जरूर मिलेगे। यदि किस्मत में नोट गिनने नही लिखे है तब कोई अच्छा घर देख कर कन्या का विवाह कर देना चाहिए। कागज़ की डिग्री जमा करने से कुछ नही होने वाला है। जो शिक्षित है जिसके पास ज्ञान है वो चाहे लड़का हो या लड़की वो तो खुद कमा लेगा और अब रुपए पेसो की जरूरत भी कम ही है जब  पेतिश चालीस साल में शादी ही करनी है तो रुपया की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं होनी चाहिए । इस उम्र में बहुतो के तो बच्चे भी होना मुस्किल है फिर धन क्या जमा करना। धन की असली जरूरत उन्हें होती है जो समय से विवाह करते है जिन्हे खुद भी जवानी के मौज मस्ती लेनी होती है । असली जवानी रिश्ता लड़का या लड़की के खोजने में लगा दी उसके बाद अधेड़ उम्र में विवाह तो एक बुढ़ापे का सहारा के अलावा कुछ नही।








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