अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति श्यामल क्यो
अयोध्या में २२ जनवरी को जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा हुई है वह मूर्ति श्यामल है कुछ लोग सोच रहे होगे की श्यामल मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्यों चुना गया । इसका सीधा सा उत्तर है की हमारे भगवान विष्णु का रंग सांवला है और उनके अवतार भगवान राम का रंग भी सांवला ही है भगवान श्री कृष्ण का रंग भी सांवला ही है । इसी को सोच कर अयोध्या में जो मंदिर भगवान राम का बना है उसमे श्यामल मूर्ति को मंदिर ट्रस्ट ने चुना और उसमे प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई। यह मूर्ति मैसूर के शिल्पी अरुण योगिराज द्वारा बनाई गई है और भगवान राम के बाल्यकाल की यह मूर्ति है जो ५१ इंच उच्ची है । इसमें सोने के धनुष बाण के साथ राम जी विराजते है । राममंदिर में २० दरवाजे है जो सोने की परत उनमें लगी है। भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी की भी उसमे हामी जरूर रही होगी। श्री नरेंद्र मोदी जी भगवान के परम भक्त है उनको देख कर और उनकी भगवान में अपार भक्ति को देखकर दुनिया का हर हिंदू सनातनी यही कहेगा की उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ही होने चाहिए। पूजा पाठ में मोदी जी को दिखावा पसंद नही है वह जो भी करते है दिल से करते है यही भारत की सनातन जनता को भाता है।
अयोध्या में जब मूर्ति स्थापना को मोदी जी को मुख्य जजमान बनाया गया तो उन्होंने तीर्थ पुरोहितों और मुख्य पुजारियों से पूछा की मुझे जो भी नियम करना है आप निसंकोच बतला दीजिए। पुजारियों ने उनको ग्यारह दिन का यम नियम पालन करने को कहा जिसमे उनको एक समय ही भोजन करना होता है और अंतरिम ३ दिन कंबल लेकर जमीन पर तख्त पर सोना था। मोदी जी ने ग्यारह दिन राम मंदिर के नियम पालन के लिए भोजन ही छोड़ दिया और सिर्फ फलाहार ही लिया वो भी एक वक्त । और ग्यारह दिन तख्त पर जमीन पर सोए । सोचिए एक आम आदमी भी ये नही कर सकता है लेकिन उनको देखिए की वो इतना ही नहीं करते है नियम के मुताबिक विदेश यात्रा को भी छोड़ते है और भगवान राम से जुड़े पश्चिम भारत के सभी मंदिर में पूजा करते है। आज मोदी जी को भारत के प्रधानमंत्री की कुर्सी जरूरत नहीं वल्कि भारत की जनता को नरेंद्र मोदी की जरूरत है है भारत की जनता चाहती है की नरेंद्र मोदी ही भारत को अगले दश साल तक चलाते रहे। यह भारत के हित में है।