एक सच्चा दोस्त की पहचान कैसे अपने जीवन में करे / ek sachcha dost ki pahchan kaise apne jivan me kare hindi

एक सच्चे दोस्त की पहचान अपने जीवन में कैसे करे /ek  sachche  dost ki pahchan apne jivan me kaise kare hindi

एक सच्चे दोस्त की पहचान इस तरह से  होती है  जो को आपको हर रूप में अपनाने को आतुर रहता है।  उसको आपकी गरीबी अमीरी से मतलब नही । वह तो आपसे सिर्फ और सिर्फ  सच्ची  दोस्ती चाहता है । उसे तो आपकी दोस्ती किसी भी रूप में चाहिए। इस गुण के अलावा भी अनेक गुण एक सच्चे दोस्त में विर्धमान होते है । क्या एक सच्चा दोस्त जीवन में बदलाव ला सकता है आज यही बतलाने और जानने के लिए इस ब्लॉक को लाया गया है की केसे एक दोस्त के अच्छे गुण से दूसरा दोस्त को लाभ मिलता है और कैसे एक सच्चे दोस्त, की दोस्ती से, दूसरे दोस्त के अवगुण दूर होते है। क्योंकि दोस्ती तो वही होती है जिसमे एक दोस्त को अपने दूसरे दोस्त का लाभ मिलता है लेकिन उस लाभ में स्वार्थ नहीं होता है वल्कि उसमे एक भलाई एक दूसरे के प्रति छिपी होती है वही सच्ची दोस्ती  कहलाती है ।  लेकिन हमारे जीवन में स्वार्थी लोगो  की कमी नही उनसे से भी जीवन में बहुत बार पाला पड़ता है जो की बहुत बार  एक मजबूरी होती है । वह चाहे अपने ही क्यों नही हो। जीवन की सच्चाई यही है । कड़वा तो है लेकिन लोग फिर भी इसका स्वाद लेते है क्योंकि आखिर मजबूरी जो है।  लोग अपने है फिर भी उनसे पीछा नही छुड़ा सकते है ।  जीवन में दोस्त तो अनेक होते है लेकिन  उन दोस्त  में कुछ खास दोस्त होते है दोस्त  तो  वे सही मायने में दोस्त होते है लेकिन वे भी कभी अपने सगे नही होते है क्योंकि उन  सबके साथ बहुत बार अपना स्वार्थ होता है और यदि दोस्ती यही किसी के साथ स्वार्थ बिना दोस्ती जम रही है  मतलब निस्वार्थ दोस्ती है जिसमे वे एक दूसरे को भरपूर सहयोग तो कर रहे है लेकिन वो सहयोग नकारात्मक नही वल्कि सकारात्मक सहयोग है । तब आप समझ जाइए की वह दोस्ती सहयोग  के काबिल है और  एक सच्ची दोस्ती   कहलाएगी। दोस्ती के  किस तरीके से  बारिकी से पहचाने उसके कुछ तरीके नीचे जाने । 

सच्चे दोस्त की पहचान 

जो करे निस्वार्थ मदद  
यदि कोई  निस्वार्थ मदद कर रहा है तो वह एक सच्चा दोस्त हो सकता है जिसमे की उसकी कोई लालसा छिपी नहीं होती है।

जो करे अज्ञान में ज्ञान की रोशनी से पहचान

एक सच्चा दोस्त वही होता है जो अज्ञानता में आपको ज्ञान की रोशनी बन कर मदद करे। आपको जिसमे मुस्किल वक्त में निकलने में मदद मिले।

जो निकाले पाप  कर्मों से

एक सच्चा दोस्त वही होता है जो आपको  पाप कर्मों से  निकालता है खासकर वे लोग जो नीच कर्म में लगे हो जिनको जीवन में अच्छे कर्मों के बारे में सोचा ही नहीं जाता चाहे वो कितनी ही बड़ी जाति या बड़े घर में उसका जन्म क्यों नही हो।

अच्छा दोस्त पाप में मदद से करे इन्कार

एक सच्चा दोस्त पाप कर्म से हमेशा इन्कार करता है वो पाप कर्मों में आपकी कभी मदद नहीं करता है वल्कि उसकी हमेशा कोशिश होती है की वो आपको पाप मार्ग से बाहर निकाले।


अच्छा और  सच्चा दोस्त हमेशा करे सहयोग

एक अच्छा और सच्चा दोस्त हर कार्य में एक दूसरे का सहयोग करते है लेकिन वह सहयोग तभी अच्छा सच्चा होगा जब उस सहयोग से दोनो का भला हो और उसमे पाप कर्म नही होना चाहिए। वो दोस्ती समाज के हित में होना चाहिए लेकिन यदि एक दोस्त दूसरे दोस्त की किसी गलत प्रवृति को सहयोग या बढ़ावा दे रहा है तो वह ठीक नही है ऐसी दोस्ती सच्ची नहीं हो सकती जिसमे दूसरा दोस्त जनता है की ऐसे नीच पाप कर्म करने से मेरा दोस्त  डूब सकता है उसकी पाप में सहयोगी बनने वाला दोस्त भी अच्छा दोस्त नही हो सकता है।।

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