कुंडली में सूर्य शुक्र की युक्ति को बारे में जाने सरल रूप में

कुंडली में सूर्य शुक्र की युक्ति  को जाने सरल रूप में 

सूर्य ग्रह ऊर्जा का प्रतीक है यह आग का गोला है बिना सूर्य की ऊर्जा के जीवन नामुकिन हो सकता है  लेकिन जब यही सूर्य कुंडली में कमजोर होता है तब प्राणी की हालात क्या होते है उसी का वर्णन इस ब्लॉक में कर रहे है सूर्य जैसे की कहा की यह आग का गोला है और यदि किसी आग के गोले में पानी डाल दिया जाय तो क्या होगा वही हाल सूर्य का शुक्र के साथ युक्ति करने से होता है । सूर्य के साथ युक्ति शुक्र की होने पर मध्यम फल जातक को मिलते है जिस कारण उसके कार्य ठीक ढंग से नही हो पाते  है जातक के तेज में कमी सम्मान में कमी देखी जाती है  रोजगार में स्थिर काम नही चल पाता है धन हो आता है परंतु उसमे मध्यम रहता है । जातक का का यह योग यदि केंद्र में नही है तो ठीक रहता है बसरते केंद्र में शुभ ग्रह बैठे हो । सूर्य जब लग्न में होने पर जातक काफी तेज स्वभाव का होता है जब सूर्य शुभ ग्रह जैसे बुध के साथ होने पर अच्छे परिणाम देता है कुंडली में राजयोग का निर्माण करता है जातक को अच्छे फल मिलते है लेकिन आठवें स्थान में किसी महिला के यह उतना अच्छा नही माना जाता है।

सूर्य कुंडली में महत्व

सूर्य का कुंडली में बहुत ही महत्व है यदि कुंडली में सूर्य की पोजिशन मजबूत है तो जिंदगी बदल सकती है सूर्य में इतनी शक्ति है की वह कुंडली के अनेक दोष को समाप्त कर देता है एक उच्च सूर्य कुंडली में है तो उसको कोई दबा नही सकता है उसकी वाणी तेज होगी साथ ही वह अपने हर किसी कार्य को जल्दी पूरा करने की कोशिश करेगा लेकिन छोटे कार्य से बहुत बार मुंह मोड़ सकता है। एक तेज सूर्य कुंडली में जातक के जीने की राह दिखाता है ।
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