बेरोजगार लड़की और कम पेकेज वाली कन्याओं के विवाह में देरी क्यों जाने
आजकल जब रिश्ते तलाश रहे लोग अपनी कन्याओं के लिए वर तलाशते है तो वे एक मकड़ जाल में फंस जाते है वो मकड़ जाल अच्छी नोकरी अच्छा पेकेज होता है। जो दिखने में सुनहरा लगता है लेकिन जब वे उनकी गहराई में जाते है तब हकीकत पता चलती है। एक सज्जन जब अपनी लो पेकेज बेटी के लिए रिश्ता तलाश रहे थे तो उनकी बेटी की बायोडाटा कुंडली फोटो सब लड़का वाले मंगा लेते है और उसके बाद लड़के वाले का जवाब नही में आता है कोई बहाना देकर मना कर देते है। फिर लड़की वाला दुबारा तलाश जारी रखता है फिर वही ढगा जाता है। लड़की वालो को बड़ा पैकेज चाहिए और दूसरो के पेकेज देख उनको लालच आता है लेकिन अब वो जमाना है की जब लड़का लड़की बराबर है तब उनके पेकेज में अंतर केसे हो सकता है हा थोड़ा बहुत ऊपर नीचे चलता है। ये भी नही की लड़की का पेकेज का पेकेज बड़ा भी है तो वो भी तो समझोता कर सकती है समझोता करना सिर्फ लड़के का काम ही नहीं है एक अच्छे विवाहित जीवन में दोनो को समझोता करना चाहिए। आज कन्या वाले चाहते है की लड़का समझोता करे और लड़की तो चल ही जायेगी लेकिन अब ये नही चलने वाला है बराबरी का जो दौर है। इसलिए सरकारी नोकरी या बड़े पेकेज में समय बरबाद नहीं करे। वे आपको सिर्फ लटकने भटकाने का काम कर रहे है। कुछ लड़की पक्ष के माता।पिता अपनी हैसियत के अनुसार वर चाहते है लेकिन आज माता पिता की हैसियत से विवाह नही हो रहे है आज विवाह लड़का और लड़की की जॉब की हैसियत से हो रहे है। वे भागशाली है जिन लड़कियों को बिना जॉब या कम पेकेज पर अच्छा लड़का मिल रहा है ये तो किस्मत का खेल है जो सबको नही मिलता है।