धूर्त व्यक्ति कब लोगो की पकड़ में आता है / Dhurt byakti kab logo ki pakad me aata hai hindi

धूर्त व्यक्ति कब लोगो की पकड़ में आता है 

आप लोगो ने अक्सर यह कहते सुना होगा की  वो व्यक्ति बड़ा धूर्त है बड़ा चालाक है बेईमान है या दुष्ट है या दूसरे को अपने फेर में लेकर अपना उल्लू सीधा करता है। लेकिन यहाँ बात धूर्त की चल रही है तो उसकी सही परिभाषा बतलाना और जानना भी जरूरी है । धूर्त व्यक्ति पर कुछ सवाल भी खड़े होते है की क्या वे किसी के सगे होते है या वो अपने लिए ही सोचते है । धूर्त की परिभाषा को एक रूप दे तो सकते है लेकिन धूर्त में स्वभाव दो किस्म के होने के कारण कभी कभी एक परिभाषा उपयुक्त नहीं बैठती है। धूर्त तो धूर्त है फिर भी उसके लिए जो परिभाषा बन कर निकल कर आ रही है उसको सज्जनों को जानना बार बार जानना जरूरी है यदि सज्जन नही जानेंगे तो वह  दुर्जनों दुष्ट और धूर्त लोगो में फंस सकते है ये लोग कभी बाहर के तो कभी अपने सगे भी हो सकते है बाहरी होने पर तो रिश्ता की बात नही आती है खुल कर उनको पेल सकते हो , सुना सकते हो या उनसे कट सकते है लेकिन जब यही धूर्त अंदुर्नी हो तब मुस्किल होता है तब ये रिश्ते में  भाई, बहन ,भाभी ,ननद, मोसी, चाची चाचा भतीजा भांजा ताऊ मामा जेठानी देवरानी  कहने का मतलब कोई  अपना हो सकता है । ऐसे धूर्त से जो अपना बनकर सिर्फ काम निकालना चाहता है उससे संभल कर रहे । आप इस घमंड में नही रहे की मेने उसका वो काम किया था। किसी का काम करना बड़ा कार्य नहीं है वो आपके हाथ में था या आप उसको करने के काबिल थे सो आपने कर दिया ये तो सामान्य बात है अपने का धूर्त पान कब पकड़ में आता है जानना तो यह जरूरी है यह तो धूर्त की परिभाषा से ही निकलेगा । चलिए अब धूर्त की परिभाषा भी जान लीजिए।

धूर्त की परिभाषा

धूर्त की परिभाषा एक सज्जन व्यक्ति जब अपना काम निकल जाने के बाद आपसे पीछे छुड़ाना चाह रहा हो तो जिसका कारण यह हो की कही यह कोई काम मुझसे नही करा ले जिससे की इसको फायदा हो। धूर्त की पहचान यह होती है की वो दूसरे का भला नहीं देख सकता है। धूर्त अपना काम निकलाने के बाद अपनो से दूरी बना कर रखना चाहता है यह उसकी पहचान होती है। यह पहले किस्म के धूर्त होते है इनमे कुछ धूर्त घमंडी होते है कुछ धूर्त लालची होते है लेकिन दोनो धूर्त में एक विशेषता होती है की वह अपना काम निकलाने के लिए दूसरे के पैरो के तालुवे चाटने को तैयार रहते है । ये नीच किस्म के लोग होते है ये अगर बाहरी होते है  तब कोई बात नही लेकिन जब ये नीच अपने होते है तो दुखी होता है। 

धूर्त कब पकड़ में आता है यह तभी पकड़ में आता है जब यह अपना काम निकल जाने के बाद आपसे दूरी बनाना शुरू कर दे। यह धूर्त नीच दुष्ट किस्म के लोग होते है इनको पहचानना जरूरी है समाज में घर परिवार में इनको  नंगा करने की जरुरत है। ये लोग नंगे होते है  पैसोय के लिए मरते है रात दिन इनका ध्यान दौलत के चक्कर में पड़े रहते है। ये लोग जरूरत  पड़ने पर समाज में दिखावा भी खूब करते है जिससे की समाज वाले इनको माने इज्जत मिले लेकिन बहुत बार तो यह होता है लेकिन बहुत बार यह नही होता है। इज्जत नहीं मिलती है चाहे कितना ही ये खर्च क्यों न करे।

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