कुंडली में अच्छे ग्रह लोग क्यों चाहते है

कुंडली में अच्छे ग्रह लोग क्यों चाहते है

जीवन में रुपया पैसा सब कुछ नही होता है जब से लोग रुपए पैसे को महत्व देने लगे है तब से तलाक भी ज्यादा होने लगे है एक सुखी विवाहित जीवन के लिए अच्छे पति पत्नी के ग्रहों का होना जरूरी है एक अच्छे ग्रह अच्छी संतान लेकर भी आते है जन्म कुंडली में  कुछ पाप ग्रह ऐसे जगह बैठे होते है जो आपको तकलीफ दे सकते है लेकिन वही कुछ शुभ ग्रह अशुभ भाव में बैठे होने के कारण शुभ फल नही दे पाते है। कुछ शुभ ग्रह पाप ग्रह के साथ बैठने पर शुभ फल नही दे पाते है। इसलिए जरूरत कुंडली के भावों के मेल की होती है। कुछ भावो के बारे में जाने सूर्य शनि सातवे भाव में यदि हो तो संतान से विरोध रहता है। कभी कभी ये विरोध इतना दुखी करता है  घर परिवार सब परेशान रहते  है। केंद्र में राहु केतु होने पर खासकर लग्न चौथे सातवे भाव में संतान का विरोध झेलना पड़ता है। बड़ा बेटा खासकर बात नही मानेगा।
शादी एक लंबी पार्टनरशिप के लिए करते है इसलिए उसमे इस बात का ध्यान जरूर रखें  की त्रिकोण के ग्रह और सातवे आठवें भाव को जरूर देखे।  सातवा भाव में शुभ ग्रह होने चाहिए या वह भाव खाली होना चाहिए। आठवां भाव खासकर उम्र  के लिए होता है इसलिए इस भाव को जरूर देखे। चंद्रमा गुरु इस भाव में ठीक नही माने जाते। इसलिए इनका हल योग्य ज्योतिष से जाने। कुंडली में अंगकारक योग, पितृ दोष भी देख सकते है जो बालक बालिका की।प्रगति में बाधक हो। ये सब वही कर सकते है  जो धन को महत्व कम देते हो। ग्रह कुंडली में कितने ही खराब क्यों नही है यदि व्यक्ति अपनी लाइन जो कुंडली पर आधारित चल रहा है तो उसको सफलता जरूर मिलेगी। किसी की किस्मत शादी के बाद खुलती है यह बालक बालिका दोनो में होता है। बहुत बार देखा गया की बालिका शुरू में अच्छा कमाती है लेकिन शादी के बाद उसका पति उससे अच्छा कमाने लगता है यह जीवन चक्र है सब यहां अपना हिसाब चुकता करने आते है कुछ लेने आते है तो कुछ देने और कुछ बराबरी करने और कुछ मित्रता तो कुछ दुश्मनी निभाने आते है । बस ये एक खेल है जो ऊपर वाले ने बनाया है उसमे सब उलझे है।
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