दिल्ली मुगल गार्डन का नया नाम अमृत उद्यान और इसका नामकरण कब हुआ / Delhi mugsl garden ka nya nam Amrat udhyan aur iska namakara kab hua hindi

दिल्ली  मुगल गार्डन का नया नाम  अमृत उद्यान  और इसका नामकरण  कब हुआ 




मुगल गार्डन का नया नाम अब अमृत गार्डन  रख दिया है यह भारत वर्ष का प्रसिद्ध  अमृत उद्यान होगा जो 15 एकड़ में राष्ट्रपति भवन के  अन्दर फैला है।  इसका नाम 27 जनवरी  शनिवार को 2023 में  मुगल गार्डन से अमृत गार्डन रखा गया ।  इसका  रखने का उद्देश्य आजादी का अमृत महोत्सव जो  ,75 साल चल रहा है इस कारण से इसका नाम अमृत उद्यान रखा गया । जनता एक चीज जो सोच रही है की भारत ने अंग्रेजो से आजादी ली लेकिन यह गार्डन जो भारत के राष्ट्रपति  भवन दिल्ली  में बना हुआ था तो उसका नाम तो किसी अंग्रेज के नाम पर होना चाहिए था लेकिन  ऐसा नहीं था । अंग्रेजी ने उसका नाम नही बदला क्योंकि उनका उद्देश्य तो भारत में राज्य करना था । अंग्रेज भारत की सीधी साधी जनता को अपने कब्जे में करना  और रखना चाहते थे ।  नियम यही कहते है की जब किसी पर राज्य करना हो तो उसकी चीजों को सहेज कर रखना होता है बसरते उनमें से गुलामी का  अनुभव नहीं हो। अंग्रेज तो बाहर से आए थे उन्हे नाम से कोई फर्क नही था ।  एक आजाद देश का नागरिक बनने के लिए स्वालंभी होना जरूरी है और स्वलंभी बनने के लिए एक आजाद देश में अपनी चीजे अपने नाम से तभी बन सकती है जब देश में पर्याप्त धन संपदा  हो अच्छा बजट  हो। देश के‌ पास अच्छा बजट के लिए  पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार हो। अगर हमारे देश के पास शुरू से ही अच्छी नीतियां होती तो शायद देश में जो कुछ  चीजे आज बन रही है वो शायद पहले भी बन चुकी होती लेकिन हर कोई  श्री नरेंद्र मोदी तो नही हो सकता है। मोदी को चाहे  कुछ  लोग कुछ भी कहे लेकिन उनके पास वो सब कुछ है जो देश को आगे लाने के लिए  आगे बढ़ाने के लिए भगवान ने वो सब कुछ दिया है जिसकी देश को  आज जरूरत है ।एक देश कब आगे बढ़ता है मेरे अनुमान के अनुसार वह दो तरीके से आगे बढ़ सकता है एक तो देश में नेतत्व अच्छा होना चाहिए और दूसरा जनता का सपोर्ट उस नेतृव को होना चाहिए। क्या आप जानते है एक देश कब डूबता है एक देश तब डूबता है जब उस देश की जनता अपने देश के सही नेतृव को पहचान नहीं पाती है और दूसरा जब  देश की जनता  गलत हाथों में खेल रही हो तब भी कोई देश डूबता है तीसरी चीज वह है जब देश की बहु संख्यक आबादी  को अपने देश में एक आवाज की कमी हो । यदि देश की बहुसंख्यक आबादी एक छत के नीचे जब तक नही आयेगी तब तक देश में  भरोसा नही बढ़ता है । आज देश में जगहों के नाम बदल रहे है सरकार यह सब क्यों कर रही क्या आपने  कभी गहराई से  सोचा यदि नही सोचा तो जाने एक लाइन में। सरकार  बहुसंख्यक को बतला रही है और बतलाना चाह रही है की तुम से भारत है यदि तुम्हारी पहचान नहीं ,तुम्हारा गौरव नही , तुम्हारे नाम से, तुम्हारे सस्कृति से तो कोई टाइम इज्जत नहीं देगा। देखो आज  दूसरे देश भारत को कितनी ज्यादा इज्जत दे रहे है वे  यह जान  गए है  पहचान  गए है की भारत अपने दम पर है किसी से डरता नही है  यही  आज के प्रधानमंत्री ने देश कों सिखाया है  और  बाहर वालो को जताया है । इसलिए देश आज कह रहा है की तुम सनातन हो , और सनातन सबको समेठ कर रख सकता है बरसते आप को अपनी पहचान कायम मजबूती से रखनी होगी। हम सब अलग हो सकते है लेकिन सनातन  ही है जो हमको जोड कर रख सकता है ।  सनातन तो आदिकाल से है। लेकिन उसका।भाव मोदी जी ने जगाया है  इसलिए देश की जनता को उनके ऊपर बहुत गर्व है और सदा  गर्व  रहेगा  लेकिन उसके साथ ही। हमको सभी धर्मो का सम्मान भी करना होगा जैसा की सनातन में लिखा है जिसको कोई भी झुठला नहीं सकता ।




















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