कर्नाटक उत्तर प्रदेश चुनाव में क्या अंतर /, karnatak and uttar Pradesh election what difference know hindi

कर्नाटक उत्तर प्रदेश चुनाव में क्या अंतर

कर्नाटक चुनाव में जहां बीजेपी हार का सामना कर रही है वही उत्तर प्रदेश में योगी जी बीजेपी को जीत दिलवा रहे है। चुनाव कोई भी हो प्रदेश स्तर पर नेताओ की योग्यता  ही चुनाव में जीत दिलवाती है वाकी केंद्र का नेतृत्व तो लीड दिलवा सकता है। कर्नाटक में बीजेपी एक दो प्रदेश के नेताओ पर निर्भर रही लेकिन उनके द्वारा किए कार्य शायद जनता को रास नहीं आए तो क्या इस तरह से बीजेपी दो हजार पचास तक पूरे देश में राज कर पाएगी। बीजेपी को कर्नाटक क्या दूसरे राज्यों में भी जहा चुनाव है वहा काम करके दिखाना होगा और एक सामान्य प्रदेश के नेता की।अगुवाई में ईमानदारी से चुनाव लडना होगा। बीजेपी का भविष्य उज्जल है उसको  हर प्रदेश में स्ट्रॉन्ग  लीडरशिप तैयार करनी होगी जिस तरह उत्तर प्रदेश में योगी जी असम में हेमन्त शर्मा और मध्य प्रदेश में सरकारों ने अच्छा काम किया है यह सब पूरे भारत में जनता चाहती है। जब तक कोई तगड़ा नेता प्रदेश में नही होगा तब तक कुछ नही हो सकता है बुजुर्क नेताओ का जमाना गया। अब समय कुशल नेतृत्व का है लोग बहुत चालाक  है उन्हे मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है। बीजेपी ने देश में बहुत काम किया लेकिन हर जगह की परिस्थिति अलग अलग है। बीजेपी यदि चाहती है की उसे पूरे भारत में राज करना है तो उसको जनता के असल मुद्दा पर जाना होगा। जाति धर्म पर वोट बीजेपी नही मांगती वो काम पर वोट मांगती है तो उसको अपने को शक्तिशाली बनाने लिए अच्छे नेताओ की फौज खड़ी करनी होगी जो की आज के युवा हो जैसा की मोदी जी ने कुछ हद तक करके दिखाया भी है। बीजेपी उत्तर प्रदेश में इसलिए जीती है क्योंकि वहा पर मुख्यमंत्री बेहद ही ईमानदार और कर्मठ है जनता उनको पूजती है खासकर उनके काम के लिए लेकिन कर्नाटक में यह नही दिखा।
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