चरम सुख का रति किर्या में क्या महत्व है/What is the important to feel good.during sex hindi
चरम सुख का रति किर्या में बहुत ही महत्व है। एक सज्जन थे । वे कहते थे कि में पत्नी के पास जाता हु ओर पांच मिनट में आ जाता हूं। ज्यादा समय कोन खराब करें। कोई भी स्त्री मशीन नही है गये ओर बटन दबाया मशीन चालू कर दी। रतिकिर्या में भावनाओ का बड़ा महत्व होता है । जब तक दोनों पार्टनर की भावनाएं रतिकिर्या को तैयार नही होगी तब तक कैसे चरम सुख मिलेगा। चरम सुख प्राप्त करने के लिये यदि किसी एक कि भावनाये जाग्रत है ओर दूसरे की भावनाएं जाग्रत नही है तो ऐसे में एक तरफ से पहल कर कैसे चरम सुख प्राप्त होगा । यह कभी भी प्राप्त नही होगा। जवानी में जब लड़के की भावनाएं जाग्रत है ओर लड़की की भावनाएं रतिकिर्या को जाग्रत नही है तो इसका मतलब यह निकलता है कि लड़की में कुछ कमी है।ओर यदि लड़की में भावनाये जाग्रत है ओर लड़के के अंदर रतिकिर्या की भावनाएं जाग्रत नही है तो इसका मतलब लड़के में सेक्स के प्रति अरुचि का मतलब वह गुप्त रोगो से पीड़ित शारीरिक कमजोरी वजह हो सकती है। कुछ लोग सेक्स की वजह से कमजोरी हो जाएगी के कारण भी पत्नी से दूरी कभी कभी बनाते है। इस तरह से एक तरफ सुख की जो अभिलाषा होती है वह दूसरी तरह से नही मिल पाता है। रतिकिर्या में चरम सुख प्राप्त करना ही मुख्य उद्देश्य होता है। यह उद्देश्य दोनों तरफ से होता है। किसी एक तरफ से पहल करने से यह चरम सुख नही मिल सकता है । जब तक आग दोनों तरफ बराबर इस सुख को प्राप्त करने के लिये नही लगी होगी तब तक यह चरम सुख प्राप्त नही किया जा सकता है। चरम सुख के लिये जब भावनाये दोनों तरफ से बराबर भड़कती है तभी यह चरम सुख प्राप्त किया जा सकता है। आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में किसी के पास भी समय नही है जो रतिकिर्या का रोजाना पूर्ण आनन्द ले । लकीं शादी के बाद रतिकिर्या का आनन्द लेना अपने सुख के साथ पत्नी के सुख के लिये भी यह बहुत ही जरूरी है । यह जिंदगी का एक सुनहरा पल है । वो कहते है ना कि शादी का लड्डू जो खाये वो पसताये ओर जो न खाए वो भी पसताये। आज की जिंदगी में हमारे पास समय कम हो सकता है लेकिन अपने लिये अमूल्य स।य निकल कर अपने पार्टनर को संतुष्ट करने ही हमारा ध्येय होना चाहिये।आज हम रतिकिर्या में चरम सुख कैसे प्राप्त करे उसी के बारे में जानने के लिये आगे ब्लॉक में बताएंगे।
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चरम सुख मतलब सेक्स का पूर्ण आनन्द कैसे ले / How can get full satisfied during sex hindi
जब भी कोई जोड़ा काम भावनाओ से पीड़ित होता है तो वह पूर्ण संतुष्टि चाहता है जो मिलनी भी भी चाहिये। लेकिंन उस पूर्ण चरम सुख को प्राप्त करने के लिये पूर्ण समय अपने जोड़े को देना होगा। यह खेला जल्दवाजी का नही है। यह जल्दवाजी का खेला वो लोग जो चोरी से छिपकर आनन्द लेने की सोचते है वे करते है। लेकिन जो अपने पार्टनर के साथ सम्पूर्ण सेक्स का आनन्द लेना चाहते है उनको खुल कर पार्टनर का साथ देना होगा तभी वह यह खेला खेल सकते है ओर पूर्ण आनन्द को प्राप्त कर सकते है। जीवन मे पूर्ण काम सुख सभीबलेन चाहते है लेकिन बहुत से लोग उसके बारे में अनभिज्ञ है जिस कारण वह इस सुख को लेने में हिचकते है। काम सुख की तड़फ जवानी में ज्यादा होती है जो लोग जवान है उनको ही काम सुख ज्यादा तड़फता है लेकिन काम सुख को जबरजस्ती प्राप्त नही किया जा सकता है । जो कामसुख जबरजस्ती प्राप्त किया जाता है वह हवस की श्रेणी में आता है चाहे वह काम सुख अपनी पत्नी के साथ ही जबरजस्ती क्यो नही मनाया जाए। काम सुख को प्राप्त करने के लिये सम्भोग में पूर्ण ज्ञान की आवश्यक्ता होती है। अधूरे ज्ञान के अभाव में इसको प्राप्त नही किया जा सकता है। काम सुख में किस अंग को चूम सकते है उसके बारे में जानना जरूरी है तभी सम्पूर्ण काम सुख प्राप्त किया जा सकता है बिना उसके दोनों पार्टनर में कोई भी पूर्ण संतुष्टि पायेगा। काम भावनाये जब भड़कती है तो उनको काबू में करना भी आना चाहिये। बिना काबू में किया काम भी पूर्ण संतुष्टि को प्राप्त नही होता है। जीवन मे जब भी कोई जोड़ा काम पीड़ित होता है तो उनके मुंह सुख जाते है जब तक कि उनको पूर्ण संतुष्टि न मिले। कामसुख कुछ लोगो को लेना ओर देना नही आता है उसी उद्देश्य से यह ब्लॉक लिखा गया है। इस ब्लॉक को पढिये ओर जानिए की किस तरह से कामसुख प्राप्त किया जाता है। यह ब्लॉक आपको कामसुख में परमानन्द की प्राप्ति कर देगा।
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चरम सुख पाने के लिये पुरुष को अपने पार्टनर के निम्न क्षेत्रो पर चुम्बन करना श्रेठ रहता है। इन चुम्बनों की बौछार से कोई भी लड़की महिला पार्टनर चरम सुख प्राप्त करेगी। बस चरम सुख देने वाला दिल से लगन से अपनी प्यास तो शांत करें ही अपने पार्टनर की प्यास को भी शांत करने की कोशिश करे। संतुष्टि जरूर मिलेगी।
1 लड़की महिला के गालों को चूमना।
2 लड़की महिला के गले का चुम्बन
3 लड़की महिला की नाभि का चुम्बन
4 पीठ का चुम्बन
5 जांघों का चुम्बन
6 निप्पल का चुम्बन
7 गुप्त अंगों का चुंबन
अब विस्तार से जाने इसके लाभ कामसुख में चरम सीमा में पहुँचने में मदद तो करते ही है साथ ही यह काम सुख को बढ़ावा जीवन पर्यंत देते है । कुछ लोगो का काम सुख 40 साल की उम्र तक ही समाप्त हो जाता है लेकिन कुछ लोग काम सुख का आनन्द 60 साल की उम्र में भी लेते है। जो लोग 40 साल में ही कामसुख से निपट लेते है उसका कारण उनका खानपान का कमजोर होना है। कमजोर खानपान के कारण अच्छी जिंदगी नही जी पाते है जिसका असर उनकी कामवासना पर भी पड़ता है । उनका स्वास्थय कमजोर होने से वह सेक्स में अनफिट हो जाते है। उनमें सेक्स भावना जागृत ही नही होती है। जिसके चलते 40 की उम्र में ही उनका सेक्स समाप्त हो जाता है। जो लोग अपना खानपान ठीक रखते है दवाइयों की मदद भी समय समय पर लेते है। ऐसे पुरुष कामसुख का मजा पूरी जिंदगी भी लेते है। 60 से 70 साल की उम्र में भी ले सकते है। विदेशों में लोग 60 साल की उम्र में यहां तक कि शादी तक करते है।
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लड़की महिला पार्टनर के गालों को चूमने से वह लड़की महिला अपने पुरुष पार्टनर को पूर्ण समपर्ण देगी । जिसका फायदा चरम सुख प्राप्त करने में मिलता है। इसी तरह ग्लो का चुम्बन भी चरम सीमा की ओर ले जाने में किसी लड़की महिला पार्टनर को मदद करता है। पीठ का चुम्बन भी मदद करता है। जांघों का चुम्बन श्रेठ होता है यह लड़की महिला को बहुत ही आनन्द देता है निप्पल का चुम्बन सेक्स भड़काने में आग में घी डालने का काम करता है। इसके बिना सेक्स का आनन्द ही नही है। गुप्त अंगों में योनि चुम्बन को श्रेठ माना गया है लेकिन इस चुम्बन को सब अच्छा नही मानते है यह पश्चिमी सभ्यता से आया है। लेकिन परम आनन्द इसी में मिलता है। यह साफ सफाई से किया जा सकता है। संक्रमण का ध्यान जरूर रखे। यदि किसी किस्म के गुप्त रोग से पीड़ित है तो यह खतरनाक हो सकता है। यदि माल फ्रेश है तो कोई चिंता नही पूर्ण आनन्द चरम सीमा तक ले सकते है। चरम सीमा का पता तब लगता है जब योनि से रस निकलने लगता है तो बहुत ही कीमती होता है। यह शरीर के अंदर का रस है। जो कामसुख प्राप्त करने से पहले सिंगल देता है कि सब कुछ तैयार है अब आगे की तैयारी करो। योनि अब पिपासा हो गयी है उसको मैथुन की सख्त जरूरत है। मैथुन के द्वारा ही उस काम पिपासा को शांत किया जा सकता है। इसको कितने देर में शान्त किया जा सकता है यह दोनों पार्टनर पर निभर्र करेगा। किसी एक के वश की बात यह नही है। महाभारत में यह सवाल अर्जुन ने भीष्म से किया था । उन्होंने भी इसका जवाब यही दिया था कि यह दोनों पर निभर्र करता है कि दोनों कितने प्यासे है किंतनी काम भावना की भड़क दोनों तरह लगी है।।
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