फेसबुक के रिश्ते टेस्टिंग का माध्यम तो नही जाने / Face book ke riste testing ka madhaym to nahi Jane hindi

फेसबुक के रिश्ते टेस्टिंग का माध्यम तो नही / Facebook ke riste testing ka madhym to nahi Jane hindi

आजकल रिश्ते के लिए फेसबुक पर अनेक पेज उपलब्ध है उन पेजों पर ढेर सारे रिश्ते आते जाते रहते है लेकिन इतने ढेर सारे रिश्ते के कारण लोग अपनी पसंद का रिश्ता चाह रहे है जो की उनके मुताबिक हो। कुछ लोग तो रिश्ता देख कर कुंडली मिला कर तब जाकर अपनी हकीकत बताते है की उनको आखिर चाहिए क्या मतलब आप समझ गए होगे की उनको  पैकेज चाहिए और कुछ तो ऐसे है जो पहले अपनी बात की शुरुवात जाति  औरजगह से करते है उसके बाद सीधे पैकेज पर आ जाते है सीधा सा मतलब है की लडका पैकेज वाला चाहिए पैकेज है तो वाकी अवगुण तो लड़का वाला थोड़ी खुल कर बताएगा , वो तो कलई विवाह के बाद ही खुलती है उस समय तो  पैकेज चाहिए चाहे शादी के बाद रिश्ता चलता तो अच्छा और नही चलता तो भी कोई बात नही । लड़की अपने पैरो पर जो खड़ी है वही आज समाज में हो रहा है बिना फेसबुक के रिश्ते से रिश्ता तलाश करना भी मुस्किल हो रहा है। इसलिए समझदार तो सब है बस उस समझदारी को अपने भले में कैसे बदलना है उसकी कला आना जरूरी है यह कला वही जानता है जिसके पास गुणों को परखने की कला होती है। जो एक दूसरे का भला अच्छा बुरा समझता है जो स्वार्थी नही बल्कि हितेषी बन कर चीजों को तलाश करता है। इसलिए फेसबुक के रिश्ते टेस्टिंग का माध्यम नही बनाइए उनको रिश्ते में परिवर्तित करने की कला और सोच को विकसित करने की जरूरत है तभी समाज का भला होगा।























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