Why Hemanta Viswa Sharma CM Assam Famous Outside Assam know hindi

Why Hemanta Viswa Sharma CM Assam Famous Outside Assam Know hindi

श्री हेमन्त विस्व शर्मा मुख्यमंत्री असम एक विनर्म  व्यक्तित्व के धनी है उनका जीवन 1991से 2015 तक कांग्रेस में रहा और उसके बाद 2015 में वे बीजेपी से जुड़ गए। हेमन्त विस्वा शर्मा असम में कांग्रेस में रहते हुए भी बहुत असम में बहुत जनप्रिय थे लेकिन असम के बाहर लोग उनकी लोकप्रियता को नही जानते थे। जब से हेमन्त विश्व शर्मा जी बीजेपी से जुड़े है तब से उनके व्यक्तित्व में एक निखार आया है उनके पास बोलने के लिए बहुत कुछ है जो की पहले नही था। आज हेमन्त विस्व शर्मा को भारत का बच्चा बच्चा जानता है आखिर ये संभव कैसे हुआ। हेमन्त बिस्वा शर्मा जो असम के मुख्यमंत्री है उनकी लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ा है हिंदी भाषी राज्य में तो उनकी चुनाव में भारी डिमांड रहती है। आखिर हेमन्त  बिस्वा शर्मा ऐसा चुनाव में क्या बोलते है की जनता उनको सुनना चाहती है। हेमन्त बिस्वा शर्मा जी जब भी किसी बाहरी या अपने निजी प्रदेश में चुनाव में होते है या चुनाव में नही होते है उनका एजेंडा साफ है वह बीजेपी के अन्य नेता की तरह ही हिंदुत्व की बात करते है राममंदिर की बात करते है बाबर और बाबर की सोच रखने वालो का विरोध करते है । आप सोच रहे होगे की ऐसा तो सभी बीजेपी के नेता करते है तो हेमन्त विश्व शर्मा अलग कैसे हुए। हेमन्त विस्व शर्मा बीजेपी के फायर ब्रांड नेता ऐसे ही नही बने है वह असम के मुख्यमंत्री है उन्होंने असम में जो कहा है उसको करके दिखाया है यदि मदरसे हटाने की बात हुई तो उन्होंने उनको हटाया  और उन बच्चो को सरकारी मध्यम वाले स्कूल में एडमिशन दिलवाया । वे निडर होकर काम करने में विश्वास करते है उनके अनेक बयान बिना चुनाव में जाकर भी प्रसिद्ध हुए। असम से।बाहर की जनता भी उनको बहुत चाहती है उसका एक कारण हिंदुवा की छवि है आज भारत के लोग हिंदुत्व की शक्ति को पहचान गए है ।  हेमंत विश्वा शर्मा आज भारत में इतने ज्यादा उनको जाना और सुना जाता है की  असम के बाहर भी लोग उनकी जीत और कुशलता की  करते है।  हेमन्त विश्वा शर्मा मुख्यमंत्री असम का करिश्मा  हिंदुत्व और हिंदू की बात करता है इसलिए आज उनको दुनिया जान रही है विपक्ष के प्रस्नो का सटीक उत्तर उनके पास होता है।  काग्रेश में वे खुद रहे है इसलिए उनको तो  उनके बयानों पर अच्छा से घेरते है। उनका कहना होता है की यदि मोदी जी पहले भारत की राजनीति में होते तो वे काग्रेस में नही होते थे। अपनी असम की जनता के तो वे लोकप्रिय है ही आज वे देश के भी लोकप्रिय नेता है।























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