where is Ayodhiya ? why it's famous nowadays ? / अयोध्या कहा है ? यह आजकल क्यो प्रसिद्ध है hindi

Where is Ayodhya ? why it's famous nowadays  ? अयोध्या कहा है ?   यह आजकल प्रसिद्ध क्यो है ? Hindi

अयोध्या सरयू नदी किनारे पुरातन समय से बसा है । वर्तमान में यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में  के अंदर आता है । पुरातन अयोध्या की  संक्षित कहानी इस प्रकार है।
अयोध्या  पुरातन समय से राम की नगरी थी। 5 हजार साल पहले इसी अयोध्या में हिंदुओं के भगवान  श्री रामचंद्र जी का जन्म  अयोध्या नरेश दशरथ के घर हुआ था।  राजा दशरथ की तीन रानियां थी। बड़ी रानी का  नाम  कौशिल्या था। वह राम की माता थी।  राजा दशरथ की दो रानी ओर थी । उनमें से एक का नाम सुमित्रा था । जिनके दो बेटे थे । एक का नाम लक्ष्मण  था ओर दूसरे का नाम शत्रुघ्न था। तीसरी रानी कैकयी थी। जिनके पुत्र का नाम भरत था। उसी के नाम से इस देश का नाम भारत पड़ा। ऐसी किवदंतियां है। रामचंद्र जी का विवाह राजा जनक की पुत्रियों से हुआ था। वो भी उस समय जब वे विस्वामित्र ऋषि के साथ राक्षसों से उनकी यज्ञ रक्षा करने निकले थे। उसी दौरान उनको राजा जनक के यहां जाने का मौका मिला वहां उन्होंने धनुष  शर्तानुसार तोड़कर  सीता जी से उनका विवाह हुआ। अन्य भाइयों का भी सीता जी की बहनों से विवाह हो गया। विवाह के बाद एक घटना घटी जिसमे कैकयी माता ने अपनी दासी के बहकावे में आकर  अपने बेटे भरत के लिये   अयोध्या का राज्य ओर राम जी  के लिये 14 साल का वनवास मांगा। मजबूरीवश राजा दशरश को उनकी यह अनुचित मांग पूरी करनी पड़ी। रामचंद्र जी सीता जी ओर लक्ष्मण के साथ वनवास के लिये जंगल चले गये। रामचंद्र जी ने अपने पूरे जीवन मे बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अनेक राक्षसों को मार गिराया। उस जमाने मे राक्षस लोग मनुषयो को बहुत परेशान किया करते थे । खासतोर पर ऋषिमुनियों को वे पूजा पाठ में विघ्नन डाला करते थे। उनकी सोच  असुरी होती थी। उनको  दारू मांश सुंदरी  चाहिये थी। जो चीज उनको अच्छी लगती थी उसका वो हरण कर लेते थे। इसी चक्कर मे जब रामजी कुटिया में थे तो सुपर्णखा जो रावण की बहन थी उन्होंने राम जी को देखा तो वह उन पर मोहित हो गयी ओर अपने विवाह का प्रस्ताव उनके सामने रखा। राम जी ने कहा मेरे साथ तो पत्नी है आप लक्ष्मण के पास जाओ। जब वह लक्ष्मण के पास गयी तो उन्होंने कहा कि मैं तो राम जी का सेवक हु। इस तरह वह परेशान हो गयी। अंत मे उसने सीता को ही अपना दुश्मन समझा ओर उन पर झपट पड़ी। यह देख कर  लक्ष्मण ने उसकी नाक काट डाली।  सुपर्णखा अपने भाइयों के पास खर दूषण के पास गई।  राम लक्ष्मण का कहर दूषण से युद्ध हुआ वे मारे गये। फिर सूपनखा रावण के पास गयी। जब रावण को सब बातों का पता चला तो उसे समझ आ गया कि वो साधारण मानव नही है तो इसलिये उसने एक चाल चली । वह मारीच के पास गया ओर उसको सोने का मृग बनने को कहा ओर रामचंद्र जी के कुटिया के पास जब वह मृग घूमता है तो सीता जी उस पर मोहित हो जाती है। राम जी से उससे लाने को कहती है जब रामचन्द्र जी उसके पीछे भागते है तो वह बेहरूपया मृग को मारते है तो वह राम राम  चिल्लाता  है जिससे यह आवाज सीता जी को सुनाई देती है। सीता जी लक्ष्मण जी को उनकी सहायता के लिये भेजती है। बस यही मौका होता है जब रावण सीता जी का हरण कर लेता है। बस  यही जड़ बनी राम रावण के युद्ध की। अपने अनेक भाइयों को  जैसे खर दूषण अहिरावन मेघनाथ को मरवाने मरवाने के बाद  रावण के साथ रामचंद्र जी का युद्ध हुआ ओर रावण मारा गया। सीता अपने राम के पास  सुरक्षित आ गयी।  लेकिन यह कहानी इतनी आसान नही थी। इस राम रावण युद्ध मे मुख्य योद्धा रामचंद्र जी के अलावा लक्ष्मण, हनुमान, अंगद, सुग्रीव  नल नील ओर अनेक वानर सेना ने युद्ध में भाग लिया। सीता जी को रावण ने कहा रखा था । इसका पता हनुमान जी ने ही लगाया था। हनुमान जी को रुद्रावतार भी कहा जाता है। रावण तक पहुचने के लिये समुद्र  पर पुल  बाँधने की बात आयी तो नल नील की मदद से पुल बनाया गया। जब रामचन्द्र जी ने समुद्र से रास्ता मांगा तो समुद्र ने जब बहुत देर रास्ता नही दिया तब गुस्से से समुद्र को सुखाने के लिये रामचंद्र जी  ने धनुष बाण उठाया। तब समुद्र ने ही उनको सुझाया की नल नील को वरदान प्राप्त है वो जिस पत्थर को उठाएंगे वह पानी मे तैरने लगेगा। इस तरह से आज के रामेश्वरम में पुल बंधा गया। तब जाकर रामचंद्र की सेना लंका युद्ध के लिये पहुँची। इस तरह से भगवान राम ने रावण को युद्ध मे  हराया। 

Why Ayodhya  famous nowadays hindi
अयोध्या आजकल इसलिये प्रसिद्ध है क्योंकि वहां पर हिंदुओ के पूजनीय भगवान राम का प्रसिद्ध मंदिर बन रहा है। यह मंदिर उसी  जगह पर बन रहा है जहाँ  मान्यताओं ओर रामायण धार्मिक ग्रंथों में  साख्य के अनुसार राम का  जन्म का वर्णन है। भगवान राम का यह महल जिसमे उनका जन्म हुआ था   मुगल आक्रमणकारियों द्वारा  कब्जाया गया था। इसी भूल को वर्तमान में कानूनी सुधार कर भारत के शक्तिशाली प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ओर उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री योगी जी द्वारा इसका भव्य रवरूप का निर्माण  शुरू हो गया है जो 2024 से पहले इसका निर्माण पूरा हो जाएगा।  भारत की एक अरब 35 करोड़ आवादी को इसका दर्शनाथ का इंतजार है। यहां से  कनेक्टिविटी विदेशों से भी डायरेक्ट होगी। 







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