स्वीटी चिंटू बच्चो की कहानी में भोलू राक्षस को कैसे मारा
यह कहानी दो बच्चों की है जिनका नाम स्वीटी ओर चिंटू है। यह बात बहुत पहले की है उस जमाने मे बच्चो राक्षस हुआ करते थे। स्वीटी ओर चिंटू भी उस जमाने के बच्चे थे। दोनों बच्चे आपस मे अच्छे मित्र थे। उसका कारण यह था कि दोनों बच्चे झगड़ालू नही थे। बच्चो आप जानते हो कि झगड़ा करना किंतनी बुरी बात है। बच्चो अब तुम बताओ कि क्या झगड़ा करना बुरी बात है हा बच्चो झगड़ा करना बुरी बात है। कभी भी किसी से झगड़ा नही करना चाहिये। झगड़ा करने से आपसी समन्ध खराब होते है ओर जिसका परिणाम यह होता है कि दूसरे लोग हमारी आपस के झगड़े का फायदा उठाते है वह हमको नुकसान भी पहुचा सकते है। इसलिये बच्चो आज से झगड़ा दोस्ततो घर परिवार ओर बाहर भी बिना बात के झगड़ना नही चाहिये। अब आगे कहानी में भोलू राक्षस जो था वह बहुत कमीना था। वह छोटे बच्चो को जब अकेला देखता था तो उनको वह उठा कर ले जाता था ओर उनसे अपने घर मे खूब काम कराया करता था। जब बच्चा काम नही करता था तो वह उनको मार के खा जाता था। जब स्वीटी ओर चिंटू को यह बात पता चली तो उन्होंने घर से बाहर अकेले जाना बंद कर दिया। क्यो बच्च्यो उन्होंने अच्छा किया कि नही। फिर एक दिन दोनों बच्च्यो ने एक प्लान बनाया की उस भोलू को सबक कैसे सिखाया जाय । उन्होंने सारे गांव वालों से कहा कि हम सब इकठ्ठे होकर उस भोलू को तलाशते है ओर उसकी पिटाई करते है गांव वालों ने दोनों ब बच्च्यो की बात मान ली और ओर वे लाठी डंडे लेकर भोलू राक्षस को तलाशने लगे। जब भोलू राक्षस को यह बात पता चली तो वह उस इलाके को छोड़कर भाग गया। फिर बच्चे आराम से खेलने लगे ओर स्कूल जाने लगे। बच्चों इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि एक तो झगड़ा आपस मे नही करना चाहिये ओर दूसरा एकता में शक्ति है। जब सब गांव के लोग एक होकर भोलू को मारने गये तो भोलू डर के वह इलाका छोड़कर जंगल भाग गया। बच्च्यो एकता में शक्ति है। हमेशा एकजुट रहो।