Why Thyroid patient avoid Butter and ghee know hindi / थायराइड में मरीज को मक्खन और घी क्यों नही खाना चाहिए समझे

Why Thyroid patient avoid Butter and ghee know hindi / थायराइड मरीज को मक्खन और  घी क्यों नही खाना चाहिए समझे

थायराइड एक हार्मोनल समस्या है जिसमे मरीज का  तंत्र ठीक से काम नही करता है जिस वजह से पाचन समंधित समस्या के साथ ही अनेक स्वास्थ्य समस्याएं मरीज में उभर कर आती है। जैसे दृष्टि दोष ,पाचन,कदम लड़खड़ाना, शरीर का कोई अंग बर्फ़ की तरह ठंडा होना। शरीर में गर्मी का अभाव और इसके साथ ही लार का अधिक बनना या नही बनना दोनो ही थायराइड के लक्षण में आते है यदि इस तरह के लक्षण है तो तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। अनेक बार यह देखा गया है की चिकित्सक इग्नोर कर देते है और कहते है की इस बार यह दवा खा लो यदि ठीक नही हुआ तो अगली बार टेस्ट लिख देगे। थायरोड एक हार्मोनल समस्या है जो जल्दी प्रकट नही होती है यदि होती भी है तो चिकित्सक या मरीज इसको आंख, या लीवर या कोई अन्य समस्या समझ कर इसका निदान की सोचते है जो की थोड़े समय के लिए तो ठीक है लेकिन आगे जाकर यह बड़ी समस्या बन जाती है और जीवन भर दवा भी खानी पड़ती है। यदि समय पर सही जांच हो तो जीवन भर दवा खाने से बचा जा सकता है।

थायराइड में मक्खन घी  क्यों खाने चाहिए समझे

थायराइड में हम पहले ही बतला चुके है की थायराइड में पाचन की समस्या होती है जिस कारण भोजन ठीक से पच नहीं पाता है जिसका कारण हार्मोनल ग्रंथि अपना काम ठीक से नही कर पाने के कारण यह होता है यदि हम रोजाना थायराइड दवा का सेवन भी कर रहे है तब भी हमको घी संभल कर खाना चाहिए। मक्खन या घी का सीमित कभी कभार सेवन थायराइड के लिए वैसे नुकसान दायक तो नही लेकिन एक भयंकर परिणाम इसका हो सकता है वो नींद को लेकर है ।  थायराइड मरीज को मक्खन घी  खाने से नींद बहुत आती है नींद की मात्रा बहुत बार तो इतनी ज्यादा बढ़ जाती है की मरीज कही भी सो सकता है कहने का मतलब यह है की एक नशा माफिक नींद व्यक्ति को आती है थायराइड मरीज दवा खाने के बाद भी संभल नहीं पाता है । नींद के झोके उसको परेशान करते है। जिन दिनों घर में कोई फंक्शन हो या कही यात्रा में घर से बाहर जाना हो उन दिनों या उस समय मक्खन घी एक दिन पहले से छोड़ देना चाहिए। जो लोग गाड़ी ड्राइव करते है उनको देशी घी हो मक्खन सुबह नही खाना चाहिए। रात में कम मात्रा में रोटी या चावल से खा सकते है लेकिन ध्यान रहे उसके बाद दश घंटे जरूर सोना या आराम करना चाहिए। गाड़ी ड्राइव तो बिल्कुल नही करे। इसका नशा शराब के नशे से भी थायराइड मरीज के लिए खराब है। शराब में मरीज को जो बिहोशी आती है इसमें नींद की खुमारी इतनी ज्यादा बढ़ जाती है की मरीज कही भी सो सकता है।

दूसरा कारण जाने थायराइड मरीज घी मक्खन क्यों कम करे। थायराइड मरीज को पाचन की समस्या है जिस कारण भोजन ठीक से पच नहीं पाता है हार्मोनल डिसबैलेंस के कारण मरीज को अनेक दूसरी बिमारिया जन्म ले लेती है जिनमे मुख्य बीमारी के तौर पर दिल की समस्या आती है थायराइड मरीज हार्ट का मरीज बन जाता है उसको रात में नींद ठीक से नही आती है जिस कारण हार्ट की रिपेयरिंग ठीक से नही हो पाती है एक व्यक्ति को रोजाना 8 घंटे सोना जरूरी है  लेकिन थायराइड के मरीज थायराइड डिसबैलेंस के कारण ठीक से सो नहीं पाते है और उसमे  दिल की समस्या को बढ़ाने में घी मक्खन दिल की बीमारी को बढ़ाने में सहयोग करते है। इसलिए घी मक्खन खाने को मना नहीं है यह फायदेबंद शरीर को है लेकिन सोच समझ कर ही खाना चाहिए। यदि कोई समस्या हो रही है तो तुरंत इसको छोड़ दीजिए। वैसे थोड़ा खाने से कोई समस्या नही होती है जो ज्यादा सेवन करते है उनको ही नुकसान होता है।


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