How Can Possible long life without medicine know hindi here / बिना दवा के लंबा जीवन किस तरह संभव है जाने

How can possible long life without medicine know hindi here / बिना  दवा के लंबा जीवन किस तरह संभव है जाने

बिना दवा के क्या जिया जा सकता है उसके लिए हमने  जब अपने आस पास के लोगो के बारे में सोचा तो सबसे पहले जीवन को लंबा करने के लिए, हमने सबसे पहले अपने घर परिवार और  आसपास  के घर परिवार से जानकारी जुटाई जो की उत्तम निकली । आप भी उसे समझे।  जिस पर हमने एक लंबी जानकारी जुटाई की किस तरह हमारे माता पिता और हमारे अपने बुजूर्क लोग लंबा जीवन  निरोगी काया के साथ जी सके और वो भी बिना दवा के और अगर जरूरत ही पड़ी तो अपने आसपास की पेड़ पोधे को दवा के रूप में इस्तेमाल किया । इस पहल के लिए और उसके लिए जब हमने आज से बीस साल पहले अपने पिताजी से जानकारी चाही थी जिनकी उस वक्त उम्र 90 साल रही होगी तो उनका कहना यही था की हम अपना काम ठीक से करते थे । कहने का मतलब फिजिकल वर्क से है  और कोई दूसरा व्यायाम भी खास नहीं करते थे क्योंकि उसके लिए समय नहीं होता था। उस वक्त घर के काम आज के जिम के बराबर ही हुआ करते थे । लोग खेत कुदाली से खोदते थे। धान को झाड़ते थे । खेतो में भेसो के पीछे गाय के पीछे भागते थे। उन्हें नियंत्रित करने के लिए भरपूर जोर लगाते थे। वजन उठाते थे। जंगल में लकड़ी कटाते थे। कहने का मतलब अनेक मेहनत के कार्य करते थे। फिर इसी सवाल पर हमने अपनी माताजी से बात की उन्होंने भी इसी तरह बतलाया। उस जमाने में मेहनत बहुत थी। उस जमाने में लोगो को हार्ट अटैक नही आया करते थे। लोग जवानी में तो इस वजह से बिल्कुल नही मरते थे।  इस विषय पर हमने अन्य बुजुर्कू लोगो से राय ली तो उनका भी यही कहना था। अब हमने उसके बाद की पीढ़ी से जब बात की तो उन्होंने साइकल जोड दी। और कहने लगे की हम रोजाना 30 किलोमीटर साइकल चलाते है और साइकल में हवा भरते है। अपना काम खुद करते है समय पर भोजन करते है जिस कारण हम स्वस्थ रहते है 60 साल की उम्र में हमको कोई रोग नही है। आज तक हमने डॉक्टर नही देखा। एक गजब का कॉन्फिडेंस हमने उनमें देखा।

पुरानी पीढ़ी से भोजन की जानकारी समझे

जब हमने अपनी पुरानी पीढ़ी से उनके भोजन के बारे में पूछा तो उनका एक ही जवाब था की हम घर का शुद्ध भोजन ही खाते थे। जब बाजार में यात्रा में भोजन करना होता तो घर का घी तेल लेकर जाते थे। घर पर भी हरी साग ज्यादा खाते थे या फिर दाल जो भी घर की होती थी वही खाते थे। एक चीज खास थी उन दिनों कढ़ी नींबू के रस की खाया करते थे जिससे शरीर को विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में मिल जाता था । घर का दूध दही पनीर घी गांव में होता था। सब्जियां भी लोग सीमित ही खाते थे। लोगो के खर्चे भी सीमित ही थे। जो लोग उन दिनों मांसाहारी थे  वह भी देशी अंडा देशी मुर्गा का स्वाद लेते थे। नदियों से मछलियां ताजी ,नदी किनारे वाले लोग खाते थे। सब कुछ बढ़िया था। लोग धूप में काम करते थे जिससे विटामिन डी भी उनको मिलता था। आज भारत जैसे देश में जहा पर्याप्त धूप है वहा भी लोगो को विटामिन डी की कमी हो रही है लोग धूप में बाहर निकलना ही नही चाहते है। ऐसे में मधुमेह, थायराइड या कोलोस्ट्रोल  और या की समस्या होगी ही।

नई पीढ़ी से उनके स्वास्थ्य की जानकारी समझे 

आगे जब हमने इस रिसर्च को आगे बढ़ाया और आने वाली पीढ़ी से जानकारी चाही तो उनका कहना था की हम सुबह उठते ही मोबाइल चेक करते है उसके बाद चाय पीते है तीन घंटे इसमें चला जाता है उसके बाद नाश्ता करते है और फिर लेंटॉप खोल कर बैठ जाते है पूरा दिन ऐसे ही कटता है स्वास्थ्य के लिए न तो वो कुछ विशेष कर पाते है। खाने में जो भी अच्छा लगता है उसको खा लेते है कैसे पचेगा इसकी कोई चिंता नहीं। तो इन हालात में यदि किसी को मधुमेह या कोलोस्ट्रोल , हार्ट  की समस्या हो जाती है तो बड़ी बात नही । इसलिए हमे यदि लम्बा जीना है तो स्वयं को हल्दी रखना ही होगा। अपने को हेल्दी रखने के लिए क्या करे । नीचे समझे।

Health tips long life  / लंबे जीवन जीने के उपाय जाने


1सुबह की सैर सब करो कहते है लेकिन जब प्रदूषण हो तब नही करे। तब घर पर ही ब्यायम करे। एक लंबी सैर साइकल की संभव हो तो सप्ताह में तीन से चार बार जरूर करे। साइकल पैरो के ब्यायाम के लिए बहुत अच्छा रहता है। को लोग स्कूल कालेज ऑफिस जाते है वह साइकल का प्रयोग कर सकते है। साइकल से पैरो के साथ ही हाथ भी मजबूत रहते है जब साइकल में।पंप से हवा भरते है तब यह कमर का व्यायाम कराती है।

2 आप कितने ही मजबूत क्यों नही हो सर्दियों में ठंडे पानी से नही नहाना चाहिए।

3 सप्ताह में दो से तीन दिन नींबू की कढ़ी खानी चाहिए।

4 जिम जाना जरूरी नहीं। खुद घर की सीढ़ियां एक मिनट में ,80 तक चढ़े । शुरू में 40 से 50 सीढ़ियां तेजी से चढ़े  और उसके बाद हल्के से सीढ़ियां वाकी चढ़े। आपके अंदर बिजली सी फुर्ती आएगी। यदि ये करपाये तो कोलोस्ट्रोल हार्ट को टाटा बाय बाय। साइकल से कुछ दूरी तय करे।

5 रोजाना पिसाब खुल कर आनी चाहिए। उसके लिए चार लीटर पानी रोजाना पीना चाहिए। जिससे किडनी फिल्टर अपशिष्ट को बाहर निकाल सके और साथ ही जालोधर रोग से बच सके।

6 दूध ,पनीर , दही  दाल सब्जियों को अपने भोजन में  शामिल समय समय कर कीजिए।

7 इस तरह बिना दवा के लंबा जीवन जिया जा सकता है।

8 साइकिल 3 किलोमीटर  रोजाना चलाना पैरो के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज है जो लोग रोजाना साइकल चलाते है उनको साइकल से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही पैरो का अच्छा व्यायाम भी होता है। साइकल चलाने से  नसों के पैर से समंधित समस्याएं दूर होती है।



















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