क्या कुंडली मिलान सफल जीवन की कुंजी है / kya kundali Milan safal jivan ki kunji hai hindi

क्या कुंडली मिलान सफल जीवन की कुंजी है / kya kundali Milan safal jivan ki kunji hai hindi

शादी विवाह के समय कुंडली मिलान से अनावश्यक जीवन के झमेलों से बच सकते है। एक सफल सुखी विवाहित जीवन के लिए पति पत्नी की कुंडली विवाह पूर्व मिलान आवसायक है। क्या आपके झगड़े होते है क्या आपमें बहुत प्रेम है क्या आपकी पत्नी या पति अधिक क्रोध करते है यह।सब विवाह पूर्व यदि जान लिया जाए तो कुछ चीजों से बचा जा सकता है। कुंडली मिलान में किन चीजों पर ध्यान देना चाहिए उसी के बारे में यहा बतला रहे है जिससे की आप अपने साथ शादी के बाद सब कुछ ठीक हो हवा में कहने से छोड़कर उसको हकीकत में बदले।

कुंडली मिलान में ध्यान देने वाली कुछ खास बाते

1 कुंडली में मंगल को देख लीजिए की वो कोन से भाव में बैठा है , यदि पहला , सांतवा,आठवां भाव का मंगल ज्यादा भारी होता है। चौथा , बारहवां मंगल  आंशिक होता है।एक मंगली का विवाह दूसरे मंगली से करना उत्तम रहता है।  विवाह से पहले मंगल के उपाय जरूरी होते है।

2, कुंडली में सातवे भाव या अष्टम भाव में मंगल के साथ गुरु होने पर मंगल का  प्रभाव कम हो जाता है लेकिन फिर भी कोशिश यह करे की जिनका मंगल पहला चौथा या बारहवां हो उनसे विवाह ठीक रहेगा क्योंकि ये भी हल्के मंगली होते है।

3,ज्योतिष के अनुसार लडका लडकी कुम्भ और सिंह है व्राच्छिक और कर्क है व्राच्छिक और तुला है तो भी कुंडली मिलान नही होता है खासकर इन मिलानो में भृकुट नही मिल पाता है जो शादी विवाह के लिए संतान के लिए जरूरी है ।

4,  मूल नक्षत्र में पैदा हुई कन्या अपने ससुर के लिए कष्टकारी है।

5,अश्लेषा नक्षत्र का पहला चरण शुभ है लेकिन इसके दूसरे चरण सास के लिए अशुभ होते है।

6 जेस्ठा  नक्षत्र में उत्पन्न हुई कन्या अपने  जेठ के लिए अशुभ होती है ।
लेकिन   जेष्ठ नक्षत्र  का लडका  पर जेष्ठ नक्षत्र का प्रभाव मामूली हल्का होता है उसका असर किसी और पर नही होता है वह खुद के कार्यों में देरी होती है लेकिन वह अपने कार्यों में आगे बढ़ता है और सफल रहता है बस उनको जिद्दिपन छोड़ना होता है। वे लोग जीवन में सुखी रहते है ये लोग अपने पूर्व जन्म के कर्मो से सब कुछ इनको जुड़ा मिलता है लेकिन ये जीवन में खुद अपनी इमेज बनाना चाहते है खुद धन कमाने पर विश्वास करना  और रखना चाहते है। यह दिल के नेक इंसान होते है। आप कह सकते है की जेष्ठ नक्षत्र लडको के अलावा लडकियो के लिए  भी शुभ होता है ।  जिन लड़कियों का जेष्ठ प्रथम चरण होता है उनकी ससुराल में कम पटती है ऐसा कह सकते है और जिन लडको का जेष्ठ नक्षत्र दूसरा चरण होता है वह महत्वाकांक्षी होते है लेकिन उनको जीवन में थोड़ा समय यदि लग रहा है तो इसका मतलब वह आगे की दूर की सोच रहे है और सफल रहेंगे। 

7,कुंडली के दोष को शादी पूर्व कुछ हद तक कम किया जा सकता है। किसी भी प्रभाव को पूरी तरह दूर नही किया जा सकता है।

8,कन्या की  कुंडली में बुध शनि सातवे भाव में होने पर शादी के बाद पति की तरफ से  संतान मिलने में कठिनाई।

,9 कन्या की कुंडली में बैठा आठवां शनि  विवाह में परेशानी का कारण पति के लिए भी दूसरे कुंडली के उत्तम घर देखने होंगे।

10 बुध शुक्र कुंडली के लग्न में होने पति प्यार करने वाला मिलता है जिनका कुंडली में शुक्र चौथे स्थान में होता है वह अपनी पत्नी को बहुत प्यार करते है । चौथे शुक्र वाले लड़के विवाह के बाद किस्मत चमकती है उनको कन्या धार्मिक और सुंदर मिलती है। चौथे शुक्र वाले शादी के बाद पत्नी से ज्यादा कमाते है। ये यदि जेष्ठ नक्षत्र के होते है तो यह घर से माता पिता के दोनो के घर से धनी होते है।
सप्तम भाव में जिन लडको का शुक्र होता है उनको भी अच्छी कन्या से विवाह होता है।

11, कन्या या वर की कुंडली के सातवा  भाव में  सूर्य शनि हो तो कन्या के लिए यह ठीक नही। पति या तो उससे दूर रहेगा या छोड़कर चला जायेगा। यदि ये नही हुआ तो मनमुटाव रहेगा। आपस में दोनो की बाते कम मिलेगी। तकरार ज्यादा रहेगी। यदि यह भाव लडका का है तो संतान उसकी बाते कम मान सकती है उनसे फिजूल की तकरार रहेगी।

12  जिन कन्याओं की  जन्म कुंडली में आठवां सूर्य है वह पति के लिए ठीक नही। शास्त्रों के अनुसार उन्हें विवाह से बचना चाहिए। या लडके को साफ बतला दीजिए।  

13 जिन  कन्या की कुंडलियों में सातवा मंगल है अन्य कुरूर ग्रहों की दृष्टि हो और  आठवें में पाप ग्रह है  वह भी विवाह के लिए किसी ज्योतिष को गहराई से कुंडली दिखानी चाहिए क्योंकि इसमें असावधानी खतरनाक हो सकती है जिससे बाद में पस्ताना पड़ सकता है।



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