Soraysis Sympotom and know how to treat hindi / सोरासिस के लक्षण और उपचार जाने हिंदी
सोरायसिस एक त्वचा समन्धित रोग है। यह बीमारी त्वचा पर तब उभरती है जब ब्यक्ति दूषित खा लेता है या खून के दूषित होने से होता है। जब हमारे शरीर के टॉक्सिन बाहर नही निकलते है तत यह खून में विकार उत्पन्न कर देते है जिस वजह से त्वचा पर लाल रंग के चक्कते या फुंसियां हो जाती है। त्वचा को बार बार खुजाने का मन करता है। सोरायसिस का समय पर इलाज जरूरी है। यदि सोरायसिस का समय पर इलाज नही किया तो लीवर रोग भी हो सकता है। यह स्किन को खुश्क कर देता है जिससे त्वचा में गम्भीर समस्या हो सकती है।
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Sorasis reason and know how to treat hindi / सोरायसिस के कारण ओर उपचार
सोरायसिस का मत्तलब तो आप समझ गये होंगे कि यह एक त्वचा समन्धित रोग है लेकिन यह किन कारणों से होता है उसको साधारण भाषा मे समझाने का प्रयास करते है। सोरायसिस अनेक कारणों से हो सकता है नीचे जाने।
1 सोरायसिस बहुत दिनों तक नही नहाने के कारण भी हो सकता है खासकर उन जगहों में जहाँ का मौसम गर्म रहता है। मौसम गर्म होने के कारण पसीना जो हमारे त्वचा पर जम जाता है। वह विषाणु पैदा करता है जिसकी वजह से खुजली दाने निकलना आम बात है यही चीज सोरायसिस में भी होता है। जिसके रोकथाम के लिये आपको स्नान रोजाना करना चाहिये।
2 सोरायसिस जैसे कि त्वचा समन्धित रोग है यह दूसरे के साथ त्वचा को रगड़ने से भी हो सकता है।
3 डेट एक्सपायरी चीजो को गलतीं से खा लेने से भी यह हो सकता है।
4 भोजन में गलत मेलजोल से भी यह हो सकता है।
5 यह उन लोगो को ज्यादा होता है जो अपने भोजन में दूध दही का प्रयोग कम करते है। नारियल तेल का प्रयोग कम करते है।
6 जो लोग अपने भोजन में विटामिन सी का प्रयोग कम करते है उनको भी यह हो सकता है।
7 जो लोग बदन पर पानी से भीगे कपड़े पहने रहते है उनको भी इस तरह की समस्या हो सकती है।
8 जो लोग अपने भोजन में कड़वी चीजो का प्रयोग कम करते है ओर चीनी का प्रयोग ज्यादा करते है उनको किसी कारण से यह रोग होने के चांस ज्यादा होते है। जीवन मे बैलेंस जरूरी है । सब कुछ खाओ लेकिंन एक हिसाब से।
Sorasis home remodise hindi / सोरायसिस के घरेलू उपचार हिंदी
सोरायसिस कुछ गलत खाने का नतीजा हो सकता है जिसमे भोजन को खाते समय कॉम्बिनेशन को चुनना जरूरी है जैसे कि दही के साथ गर्म दूध को पी लेना। दही खाने के बाद तुरन्त चाय पी लेना, दही खाने के बाद करेला खा लेना, अंगूर खाने के बाद दूध पी लेना, कॉफी पीने के बाद दही खा लेना, यह सब त्वचा रोगो के कारण बनते है।
नीम :- त्वचा रोग में नीम को पीना एक उत्तम उपाय हो सकता है। नीम को रातभर पानी मे भीगा कर सुबह आधा गिलाश पिया जा सकता है लेकिन जिनको ब्लड प्रेशर लो रहता है उनको साबधान रहना चाहिये। कुछ समस्या होने पर तुरन्त नमक को किसी भी रूप में लीजिये। जिनको थायराइड की समस्या है उनको भी नीम को कम बहुत कम मात्रा में पीना चाहिये। नीम को पीस कर नहाना भी एक उत्तम उपाय है। सप्ताह भर इलाज करने से समस्या दूर हो सकती है
नीबू :- सोरायसिस एक त्वचा समन्धित रोग है। इसलिये नीबू इसमे पिया जा सकता है। नीबू विटामिन सी का अच्छा स्रोत है। सुबह दिन कभी भी नीबू को पानी मे डाल कर पिया जा सकता है। बेहतर फायदे के लिये नीबू को शरीर पर लगाया भी जा सकता है। परिणाम पूरी तरह से 15 दिन में दिखेंगे। यदि इसको तीन माह लगातार किया जाय तो यह ठीक हो जाता है। एक गिलाश साधारण पानी या ठंडे दिनों में गुनगुना पानी मे आधा से एक नीबू डाल कर पिया जा सकता है।
परहेज
सोरायसिस में सेवन क्या करे और सेवन क्या न करे यह जानना जरूरी है। जैसे कि सोरायसिस एक त्वचा स्मन्धी रोग है इसलिये इसमे वो चीजे नही खानी चाहिये जिससे कि यह रोग बड़े। इसलिये वात बढ़ाने वाली चीजो का सेवन बन्द कीजिये। जैसे कि उर्द दाल, बैंगन, मशाले नही खाने चाहिये। त्वचा रोग में छाछ का सेवन खूब कीजिये। हल्का भोजन कीजिये। ताजा भोजन कीजिये।