Today's know about more India Hindu Marriage know hindi / आजकल के हिंदू विवाह रस्म के बारे में अधिक जाने / हिंदू शादी रस्म को फिल्म इंडस्ट्री ने बेतुका कैसा बना दिया जाने

Today's know about more India Hindu Marriage know hindi / आजकल के हिंदू विवाह रस्म के बारे में अधिक जाने / हिंदू शादी रस्म को फिल्म इंडस्ट्री ने कैसे बेतुका बना दिया जाने  

आजकल शादी का मौसम चल रहा है लोग रस्मे खूब निभा रहे है रस्मे निभाना अच्छी बात है रस्मे निभाना भी चाहिए लेकिन उन्ही रस्मो में कुछ बेतुका रस्मे भी जाने अनजाने लोग निभा रहे है । अब इसको रपए धन दौलत की बरबादी कहे या दिखावा कहे या छिछोरापन कहे । एक समय था लोग अपने रीति रिवाज बड़े शालीन तरीके से निभाते थे और उन रितिरिवाज को निभाने में आनंद भी खूब आता था। लोगो की जरूरतें सीमित थी और संसाधन भी सीमित थे। सब कुछ तरीके से होता था। पहले जो शादियां पंडित जी अपने हिसाब से करवाते थे आज तो वह नाममात्र ही रह गया था। पंडित जी भी इस बात को समझ गए है अब उनका भी ध्यान सिर्फ दक्षिणा की तरफ होता है बस दक्षिणा कही से भी कम नहीं होनी चाहिए। रस्में  कोई भी निभाओ।  आज हिंदू समाज में रस्मो के नाम पर अधिकतर शादियां कैमरामैन करवा रहा है एक छोटे से हल्दी के फंक्शन जो एक घंटा का पहले मुस्किल से होता था उसको अब चार से आठ घंटे करवाने में कैमरामैन का अहम रोल है घर की महिलाए भी अपने फोटो रील बनवाने के चक्कर में ब्यूटी पार्लर के चक्कर लगा कर इतना बिजी अपने को रखती है की जिसका कोई जवाब नही। चलो अच्छी बात है लेकिन ये सब में रिस्तेदारी में आए लोग परेशान हो जाते है क्योंकि उनको तो साधारण कपड़े ही पहने होते है। आजकल जो दिखावा का चलन जो चला है वो गजब कर रहा है लोग फंक्शन के नाम पर दिन में तीन चार बार कपड़े बदल रहे है जिसका कोई तुक नहीं है।
मेंहदी फंक्शन के नाम पर लोग चार से छह घंटे लगा रहे है। एक समय था की घर की बहन बेटियां मेंहदी सिर्फ हाथ या फिर पैरो में ही लगाती थी और जो एक महिला को जचता भी ठीक था  लेकिन आज मेंहदी के नाम पर घुटनो तक लोग मेंहदी लगा रहे है ऊपर से मेंहदी  की फोटो खिंचवा रहे है क्या गजब का जमाना आया । 






रस्में निभाओ सीमित दायरे में जाने कैसे

अपने सभी हिंदू लोगो को अपने रस्मे खूब निभानी चाहिए लेकिन उन रस्मो को धन दौलत की गर्मी में नही उड़ाओ। एक सीमित दायरा जो रस्मो का है जिसमे पंडित जी का जो रोल होता है उसमे कंजूशी नही करे। दूसरा रस्मे निभाते समय अपने धर्म लाज का भी ध्यान रखे। अपनी केसेड बनवाने के चक्कर में किसी को अपना अंग प्रर्दशन से दूरी बनानी चाहिए। मेंहदी वही तक लगानी चाहिए जो पेंट साड़ी सूट पहन कर भी लोग देख सके। लोगो को अपनी पैरो की मेंहदी दिखाने के।चक्कर में छोटे कपड़े से परहेज ही करे। यह आपके और समाज के हित में होगा। आज भारत में बहुत से मंदिरो में छोटे कपड़े पहनने पर पाबंदी इस लिए लगाई है की हिंदू समाज पश्चिमी सभ्यता में जाने से बचे और अपने सस्कर बनी रहे। फालतू का दिखावा करके कुछ नही मिलने वाला  है । शादी विवाह में रस्मे जो होती है उनका उद्देश्य मंगल कामना सुखी विवाहित जीवन को बनाने के लिए होती है इसलिए उनका शुद्ध रूप से पालन जरूरी है वहा दिखावा किसी काम का नहीं। फिल्म इंडस्ट्री टीवी सीरियल के रस्मो को अपने जीवन में कृपया नही उतारे। फिल्म  वालो का उद्देश्य समाज को सही रास्ते दिखाने का होना चाहिए लेकिन अपनी फिल्म या सीरियल को हिट बनाने के चक्कर में यह   लाखो खर्च करते है और करोड़ों रुपए कमाते है लेकिन ध्यान रहे की हमे रुपए नही कमाने है हमे अपनी रस्मे निभानी है।







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