Benefits marriage in own society know hindi / अपने समाज में विवाह के फायदे जाने

Benefits marriage own society know hindi / अपने समाज में विवाह के फायदे जाने

अधिकतर अभिभावक लोग  अपने बच्चो का विवाह अपने समाज में ही करना चाहते है लेकिन आज कल जिस तरह का माहोल चल रहा है  जिसमे लड़के लड़कियां बाहर जॉब के लिए जाते है उनमें अपने सहयोगी से ही बहुत बार विवाह की ललक  जाग उठती है। पहले ये मामले हमारे समाज में एक या दो होते थे लेकिन आज इनकी संख्या चिंताजनक है। जवानी के जोश में लोग विवाह तो कर लेते है उसके पीछे उनका अधिकतर मकसद एक समान जॉब या पेकेज भी हो सकता है लेकिन वे ये भूल जाते है की हम जिस समाज से आ रहे है वहा मैं एडजस्ट हो पाएंगी या  जीवन  पर्यन्त साथ निभा पाएंगे। पहले लड़किया जॉब को बाहर नही जाती थी ये वो दौर था जब एक डॉक्टर इंजीनियर या सरकारी अधिकारी की पत्नी भी सिंपल पढ़ीलिखी होती थी और लोग खुशी से अपने समाज में विवाह करना गौरव की बात मानते थे और जरूरत पड़ने पर अनपढ़ से भी खुशी खुशी विवाह  विवाह करते थे । पहले के जितने भी सरकारी अधिकारी या उच्च पदों पर लोग मिलेंगे उनमें अधिकतर की पत्नी जॉब नही करती थी  किस्मत से बहुतों को शिक्षित लड़की मिल जाती थी और बहुतों को तो वो भी नही मिल पाती थी फिर भी लोगो के भीतर निराशा नही होती थी । इसलिए उस जमाने में तलाक के केस भी नही होते थे  लेकिन जब से लड़किया का घर से बाहर जॉब पर जाना हुआ और वे आत्म निर्भर हुई तब से लड़के या उनके परिवार वालो को भी बहु से थोड़ा दबकर रहना पड़ता है देखा जाए तो एक किस्म से ये अच्छा है आपकी बेटी के आत्म निर्भर होने के बाद  कोई परेशान नहीं करेगा लेकिन दूसरी तरफ इसका एक नकारात्मक पहलू भी है वह यह है की यदि लड़की स्वभाव ये जिद्दी घमंडी या अपने से बड़ों का आदर करने वाली नही  निकली  तब परेशानियां ससुराल पक्ष को झेलनी पड़ती है जो कभी कभी तलाक तक मामला पहुंच जाता है वो तो भला हो हमारी सरकार का जिसने महिला हेल्प लाइन बनाई है इसका फायदा बहुत बार महिलाओं को तो मिलता है लेकिन अनेक बार ऐसी महिलाएं भी इसका फायदा ले लेती है जिनके पुरुष  मतलब पति खुद अपनी पत्नी से पीड़ित रहते है अन्यथा यह हेल्प लाइन महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है अनेकों केस इससे निपटाते अपने अपने जीवन में देखे है।

अपने समाज में विवाह के फायदे जाने

जब हम अपने समाज में शादी करते है तब हमको अनेक लोग अपने समाज के जानते होगे जिसका सीधा फायदा यह मिलता है की यदि दोनो पक्षों में कोई भी  एक पक्ष गलत करता है तो उसको समाज में  बेज्जती होने का डर रहता है। यदि दोनों पक्ष या एक पक्ष भी इज्जत दार लोग होगे तो वह गलत हरकत  कभी नही करेगे और यदि कोई गलत हरकत करता है जैसे बहु का सास ससुर की सेवा सम्मान नही करना या उनका अपमान करना तो यदि लड़की अपने समाज की है तब उसको अपने समाज के लोग या रिश्तेदार समझा बुझा कर मामले को ठीक कर सकते है क्योंकि यहां दो परिवारों की इज्जत का मामला  के साथ अपने समाज में बेज्जती का डर रहता है की लोग क्या कहेंगे  वही यदि लड़की बाहरी समाज की है तो वह खाली अपना हित देखेगी। उसको परिवार समाज की चिंता कम ही होगी यदि होती तो वह पहले ही बाहरी लड़के से शादी नहीं करती। जब बात लड़के से शादी की आती है तब लड़कियों को भी कोशिश यही करनी चाहिए की अपने समाज के लड़के से ही शादी करनी चाहिए। अपने समाज का लड़का यदि किसी किस्म से परेशान करता है या ससुराल वाले परेशान करते है तब यदि मामला अपने समाज का है तो उसका निपटाना आसान होता है क्योंकि अपने समाज में इज्जत का जो रूतवा होता है वो खतरे में दिखाई देता है तब न चाहते हुए भी समझोता करना पड़ता है। लड़कियों को अपने समाज के लड़को को ही विवाह के मामले में  प्राथमिकता देनी चाहिए ।नोकरी छोटी बड़ी थोड़ा अंतर भी है तब भी अपने समाज के लड़के से ही शादी करनी चाहिए उसके अनेक फायदे होते है जब हम अपने समाज के लड़के से शादी करते है तो हमारा समाज हमको भरपूर इज्जत देता है लेकिन ये भी नही होना चाहिए की अपने समाज में योग्य पेकेज वाला लड़का नही मिल रहा है तो योग्य लड़के की तलाश में बेटी की शादी को अधिक दिनों तक रोकना भी अच्छा नहीं यह एक किस्म से लड़की के साथ ही समाज के साथ भी अन्याय है विवाह तो तभी विवाह कहा जायेगा जब एक निश्चित उम्र तक इस मंगल सस्कार को संपन्न कर लिया जाय । आज के समय में भी एक आदर्श विवाह लड़कियों के लिए अधिकतम 28 साल और लड़को के लिए  बहुत ज्यादा कहा जाए तो 32 साल हो सकता है क्योंकि 28 साल की लड़की के लिए  तीन से चार साल का गैप ठीक रहता है। इसलिए लड़को का विवाह कोशिश कीजिए की 32 तक जरूर कर लीजिए। आजकल अधिकतर लड़के या लडकिया अपना पेकेज बनाने के चक्कर में शादी का 28 साल तक नाम ही नहीं लेती है उसके बाद वर वधु तलाशने के लिए भी समय चाहिए। अधिकतर लोगो को कहते सुना है की हम तो तीन या चार साल से तलाश रहे है। यदि अपने बच्चो का वाकई विवाह अपने समाज में करना चाहते है तो सबसे पहले लालच को पीछे छोड़  कर दीजिए तब ही कोई रिश्ता बन पाएगा। आजकल  वर्डू अप के एडमिन लोगो ने बहुत सुविधा दी है जिसका फायदा भी लोग नही उठा पा रहे है यदि यही चलता रहा तो अपने समाज के लोगो के बीच विवाह बंधन नही हो पाएंगे। बालक हो या बालिका उसकी योग्यता को पहचाने यदि योग्यता है किसी काम से जुड़ा है  एक या दो साल जॉब कर चुका है इसका मतलब  उस बालक के अंदर योग्यता है एक दिन कुछ जरूर कर लेगा हा लेकिन जो बालक या बालिका 28साल तक भी कोई जॉब नही पकड़े है खाली सरकारी जॉब की तलाश में इंतजार कर रहे है उनका भविष्य अनिश्चित होता है ऐसे लोगो के साथ रिश्ता देखभाल कर करना चाहिए यदि लड़का है तो उसकी आर्थिक स्थिति अच्छा से देख लेना चाहिए यदि घर की आर्थिक स्थिति ठीक है तो आराम से अपनी बेटी उनको दे सकते है लेकिन लड़की जॉब करे या नहीं करे उससे बहुत से लोगो को फर्क नही पड़ता है बहुत से लोग तो चाहते है की उनको बिना जॉब वाली कन्या ही चाहिए लेकिन ऐसे  लोगो की संख्या 02प्रतिशत है उनके नखरे भी बहुत होते है एक चीज का ध्यान रखे जब भी आपके बच्चो का रिश्ता तय हो ग्रुप एडमिन को नजरंदाज बिल्कुल नही करे। क्योंकि आज जितनी आसानी से रिश्ते मिल रहे है और लोग और बढ़िया और बढ़िया के चक्कर में अनेक रिश्ते ठुकरा चुके होगे। बालक के गार्जियन को बार बार अपने बालक का बायोडाटा पेश  नही करना चाहिए इससे भी लोगो के भाव बड़ते है सप्ताह में एक बार से ज्यादा अपने बच्चो का बायोडाटा नही डालना चाहिए । यह बालक और आपके हित में होगा । इन रिश्तों को एक मंच पर लाने का काम ग्रुप एडमिन ने किया है उनकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है। इसलिए  जो पहले विवाह शुल्क अदा नही कर रहे है उनको रिश्ते तय होने पर उनका शुल्क जरूर अदा करना चाहिए यदि ग्रुप शुल्क की डिमांड करता है उनकी भी ग्रुप के पीछे मेहनत  होती है  विवाह ग्रुप  सबके हित में है। हमे एक नही अनेक रिश्ते अपने लोगो के करने है  इसलिए ग्रुप की उन्नति जरूरी है। ग्रुप को ग्रुप एडमिन को सम्मान जरूर दीजिए। यदि अच्छा लगे तो शेयर कीजिए। यदि कुछ ठीक नही लगे तो सपना समझ भूल जाए। यदि हमारे ब्लॉक पसंद आते है तो हमको फॉलो करना नही भूले  ।















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