piles old twenty years how to treatment know hindi / 20 साल पुरानी बबासीर का इलाज / 20 year old piles treatment hindi
बबासीर किंतनी ही पुरानी क्यो न हो उसका घरेलू इलाज संभव है। सबसे पहले यह जान लीजिये की बबासीर दो किस्म का होता है एक खूनी बबासीर ओर दूसरा बादी बबासीर। क्या बाबासीर किसी को भी हो सकती है हा बाबासिर किसी को भी हो सकती है यह समस्या तब होती है जब जब अपनी जीवन शैली को सही ढंग से नही जीते है जैसे भोजन में फाइबर की मात्रा को कम खाना या दूसरी चीज जो है वह यह है की कब्ज को नजर अंदाज करना भी बाबासिर की समस्या की जड़ है। बाबासीर उन लोगो को ज्यादातर होता है जो फाइबर के साथ ही हरी सब्जियों का सेवन कम करते है ओर पानी भी कम पीते है। इसलिए जब तक हम अपनी जीवन शैली को नहीं सुधरेंगे तब तक बाबासिर की समस्या हमको प्रेषण करती रहेगी।।अब इन दोनों के लक्षण नीचे जाने।
1 Blood piles know about hindi / खूनी बबासीर /. Khuni Babasir hindi
खूनी बबासीर का पता तब चलता है जब पाखाने में पॉटी के बाद खून निकलता है पाखाने में खून निकलना ही खूनी बाबासीर है जिसको पाइल्स भी कहते है ओर खूनी बाबासीर में पाखाना करते वक्त दर्द नही होता है लेकिन बार बार खून बहने से अंदर जख्म हो जाता है जो बाद में अन्य रोग में परिवर्तित हो सकता है खासकर केंसर में । इसलिये समय पर बाबासीर का इलाज जरूरी है। खूनी बाबासिर का इलाज सफल किसी डॉक्टर से अपना चेक अप करवा कर कर लीजिए । यदि कोई बड़ी समस्या नहीं ही तो आर्युवेदिक इलाज द्वारा यह ठीक हो जायेगा। यह तब खतरनाक होता है जब यह एक तो पुराना हो जाता है ओर अंदर घाव हो जाने पर ऊपर से कैंसर होने पर यह खतरनाक होता है। लेकिन इसकी संभावना कम लोगो को होती है लेकिन इनकार नहीं किया जा सकता है यह खतरनाक भी हो सकता है। यदि समय पर आर्युवेदिक इलाज मरीज को हो जाता है तो रोगी पूर्णतया ठीक हो जाता है।
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2 Dry piles know about hindi / बादी बबासीर / badi Babasir hindi
बादि बबासीर में मस्से पाखाने वाले रास्ते पर बन जाते है जो बाहरी साइड में होते है यह मस्से तब पीड़ादायक हो जाते है जब टॉयलेट जाते वक्त टॉयलेट में जोर लगाते वक्त कब्ज के कारण यह मस्से फूल जाते है ओर दर्द का कारण बनते है। बादी बाबासिर बहुत दर्दनाक होती है। जब गैस पास होने को होती है तब बहुत दर्द होता है ओर जब मरीज पाखाना जाता है तब भी उसको असनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। इस समस्या का इलाज आर्युवेद में पूरी तरह से है। जिसको हम आगे बताएंगे। यदि आप इसे गंभीर रोग समझ रहे ही है जो की एक हद तक है भी आपको अपने को किसी विशेषज्ञ से चेक करवा लीजिए। यह उत्तम रहता है। इसका इलाज आसान है। आज बाबासिर के नाम पर लोग बहुत रुपया खर्च करते है करे भी क्या मजबूर है उसका कारण जानकारी का अथाह है। जानकारी के अभाव होने के कारण वे अपना कीमती मेहनत का रुपया डॉक्टरी पर लुटा देते है। करे भी क्या आज समय किसके पास है जो जानकारी जुटाये ओर जड़ी बूटी तलाश करे। उससे अच्छा वे अपना रुपया खर्च कर इलाज करवा लेते है। बहुत इस इलाज से ठीक हो भी जाते है लेकिन बहुत लोगो को फायदा तो होता है लेकिन बद परहेजी के कारण यह समस्या उनको फिर हो जाती है। यह रोग उतनी बड़ी समस्या है नही लेकिन हमारी लापरवाही इसको बड़ा बना देती है।
Piles how to Aryvedic treatment hindi / बबासीर का इलाज / Babasir ka Aryuvedic ilaj hindi
बबासीर यदि खूनी हो ओर वह आंतो की वजह से न हो क्योकि आंतो की समस्या होने पर भी पाखाने में खून निकलता है । इसलिये यदि पक्का हो जाये कि यह खूनी या बादि बबासीर है तो बकाइन के चूर्ण को पानी के साथ आधा छोटा चम्मच तीन से पांच दिन लेने से आशातीत लाभ मिलता है। कब्ज को तोड़ने के लिये त्रिफला , अलशी , दही का सेवन कीजिये। लाभ अवस्य होगा। जिन लोगो को बाबासिर की समस्या बार बार होती है उनको दही का सेवन भोजन के एक घंटे बाद करना बाबासिर में लाभ देता है। दही का बाबासिर में अधिक लाभ लेने के लिए अजवाइन को मिला कर खाने से लाभ मिलता है जिसमे बादी बाबासिर का इलाज पक्की तौर पर हो जाता है उसके बावजूद भी यदि बाबसीर सही नही हो रही है ओर वो खूनी बादी दोनो में से कोई भी हो तो उसके लिए सर्वोत्तम ऊपर बताई दवा ही उत्तम है। जिसमे बकाईंन की छाल को सुखा कर कूट कर छान कर एक से दो चुटकी पानी से तीन दिन लगातार लेने से लाभ मिलता है। बस इसमें ध्यान देने वाली बात यह है की इस दवा की तासीर गर्म है जिस कारण से इसमें मठ्ठा का सेवन लाभ देता है। आप किसी वैद्य के निर्देशन में भी इस्को ले सकते है।