Hamash attack on Israil you know how danger isrial for his enimy know hindi / हमाश ने इजराइल पर हमला किया क्या जानते है की इजराइल कितना खतरनाक अपने शत्रु पर

Hamash attack on Israil  you know how danger  isrial for his enimy know hindi / हमास ने इजराइल पर हमला किया क्या आप जानते है इजराइल कितना खतरनाक अपने शत्रु पर 


इजराइल एक छोटा परंतु शक्तिशाली राष्ट के रूप में उभरा है इजराइल कभी भी पहले अटैक की नही सोचता है लेकिन जब उसको पता चल जाता है की उसके ऊपर अटैक होने वाला है तो वह अपने शत्रु को अटैक से पहले ही मिटाना चाहता है इसलिए इजराइल पर पचास सालों में कोई बड़ा अटैक नही हुआ है। इजराइल की मोसाद को सभी जानते है लेकिन इस बार जो हमाज कें लोगो ने इजराइल पर अटैक किया उससे पूरी दुनिया सकते में आ गई। इजराइल एक शक्तिशाली देश बन कर उभरा है और उसके पास उन्नत हथियार है उसका साथ देने को पश्चिमी देश भी खड़े है लेकिन पश्चिमी देश सीधे युद्ध में भाग तो नही लगे लेकिन इजराइल की मदद तो कर ही सकते है । यूक्रेन में क्या हो रहा है वहा भी कोई भी पश्चिमी देश युद्ध में भाग नही ले रहा है लेकिन यूक्रेन का किसी न किसी रूप में सहयोग कर ही रहे है।इस समय अधिकतर शक्तिशाली देश इजराइल की तरफ है कुछ मुस्लिम राष्ट फिलिस्तीन के साथ भी है  और कुछ दूसरे राष्ट जैसे तुर्किए और रूस  और सऊदी अरब है जो दोनो देशी को शांति बनाए की कामना करते है और युद्ध को सीमित दायरे में समेटना चाहते है। लेकिन इजराइल को मोका मिला है उसके ऊपर आक्रमण हुआ है उसके लोग मारे गए है जिसको इजराइल अपनें ऊपर युद्ध मानता है युद्ध मानने का कारण भी है जब कोई संगठन 5हजार रॉकेट किसी देश पर दाग दे तो वह देश उसको अपने ऊपर युद्ध ही मानेगा। अब इजराइल के हाथ मोका है हर कोई जानता है इजराइल अपने श्त्रुओ को कभी माफ नहीं करता है। इसलिए इस बार इजराइल बहुत जबर तखड़ा वार अपने  दुश्मन पर करने वाला है जैसा की उसने शुरू भी कर दिया है। लेकिन ध्यान देनी बात यह है की युद्ध किसी समस्या का हल नही है आखिर में मिल कर ही जीवन को जिया जा सकता है। युद्ध से कुछ नही बस शतूता बढ़ती है। इसलिए दोनो को शांति से काम लेना चाहिए जो बड़े देश है उनको आगे बढ़ कर शांति की कोशिश करनी चाहिए। युद्ध में अधिकतर वो लोग मारे जाते है जिनका युद्ध से कोई लेना देना नही। इसलिए शांति की प्रार्थना की आखिर में काम आती है।

इजराइल फलस्तीन युद्ध क्या हल

इजराइल और फलस्तीन का एक ही हल है की दोनो को मिलजुल कर रहना चाहिए। एक अच्छे पड़ोसी का धर्म निभाना चाहिए। शत्रुता किसी समस्या का हल नही। दूसरे देशों से मिली मदद से हम कुछ समय तो चल सकते है लेकिन झेलना खुद को ही होता है जब मुसीबत का पहाड़ खुद पर टूटता है। दूसरे शक्तिशाली देश अपने हित को साधने के लिए छोटे देशों को कटपुतली समझ कर नचाते है जब खुद पर मार पड़ती देख वे पीछे हट जाते है। इजराइल के लोग जितने अच्छे है उतने ही फलस्तीन के लोग भी भारत को प्यारे है भारत तो शुरू से फलस्तीन का साथ देता रहा है लेकिन भारत देश की खासियत यह है की वह किसी ऐसे लोगो के समूह का सपोर्ट नहीं करता जिसकी मान्यता नही हो। कुछ सालो से भारत के इजराइल के अच्छे रिश्ते है उसका कारण इजराइल का शक्तिशाली होना और दूसरा व्यापार भी है। 






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