देवता आने का सत्य और ढोंग / Devta aane ka satya aur dhong hindi
देवता क्या वाकई में आते है। क्या आपने देवता को आते देखा है। क्या देवता जो बोलते है वह सत्य होता है।आज हम अपने ब्लॉक में देवता आने के कुछ राज जो हमने देखे है वह बताएंगे। जो नही देखे है वह भी बताएंगे।
देवता आने का राज आज हम बताएंगे। देवता यदि आते है और जिसको आते है यदि वह सत्य का पालन करता है ओर असत्य का त्याग करता है तो देवता के दुबारे आने के चांस होते है । जो लोग असत्य का साथ देते है दूसरे का हक मारते है उनके शरीर मे देवता नही आ सकते है वह तो सपनो पर निर्भर रहते है सपनो से सही गलत का फैसला लेते है।देवता किसी ढोंगी के शरीर मे नही आ सकते है। ढोंगी के शरीर मे कोई आत्मा आ सकती है जो किसी हवा से कम नही है। वह आत्मा आती है ओर अपना करिश्मा दिखाती है। इसी के बल पर लोग अपना धंधा चमकते है। हमने ऐसे बहुत से लोग देखे है जिनका काम इस धंधे के बल पर पैसा कमाना होता है। यह धंधा पहाड़ो पर ज्यादा फैलता है उसका कारण यह है कि पहाड़ो पर आत्मा को रुकने का मौका मिलताब है। मैदानों में यह नही होता है। मैदानों में आत्मा वही रुकती है जहाँ कोई बड़ा पेड़ या नदी नाले होते है। पहाड़ो पर आत्माओं को बाहर निकलने का मौका नही मिलता है क्योंकि वहां बहुत सी सुगन्ध वाली जड़ीबूटी है। दूसरे आत्मा जो एक हवा है पहाड़ो पर टकराकर हवा बाहर नही निकल पाती है। अपना बसेरा बना लेती है जिससे पहाड़ पर देवता का रूप मान कर उनको पूजा जाता है। पहाड़ में जहाँ एक्सीडेंट होते है वहा पर दुबारा एक्सीडेंट न हो उस जगह पूजा की जाती है। मन्दिर बना दिये जाते है। इसलिये आप लोग देवता के नाम से डर जाते है। देवता तो मनुष्य के शरीर मे टिक ही नही सकता है क्योंकि उनके अंदर अपार ऊर्जा होती है। उस ऊर्जा को संभालना मनुष्य के बस की बात नही है। इसलिये सही ब्यक्ति से मिले। ढोंगी से सावधान रहें। जिस समय देवता आता है उस समय ही उस ब्यक्ति पर भरोसा कर सकते है जो कि क्षण भर को आते है उस समय वो बोलते कुछ नही है। यह हमनये अपनी आखो से देखा है लेकिन उसके बाद लोग उनसे जबरजस्ती बुलवाते है। किसी से अगर जबरजस्ती बुलवाया जाय तो वह तो बोलेगा ही। बहुत बार जब घर के विवाद चल रहे हो उस समय देवता का नाम लेकर गुमराह भी किया जा सकता है। यदि ऐसा आप को लगता है तो आप अपनी पहले से प्लानिंग रखे। देवता को वही सवाल करे जिन्हें वे नही चाहते। यदि देवता इंसाफ कर रहा है तो वह सही इंसाफ करेगा। लकींन कैसे पता चलेगा कि जो इंसाफ हो रहा है वह सही है। इस बात का पता तभी चक सकता है जब निष्पक्ष रूप से न्याय मिल रहा हो ।अन्यथा न्याय को न्याय नही कहा जायेगा।
इसे भी पढ़े