Acche swasthya ke lakshan / अच्छे स्वस्थ्य के लक्षण

दोस्तो आज का  ये पोस्ट जो ACCHE SWASTHYA KE LAKSHAN पर  आधारित है आज हम इस पोस्ट में अपनी दिनचर्या कैसे शुरुवात करे,उसी के बारे में चर्चा कर रहे है। साथ ही पारिवारिक रिस्तो में बुजुर्को की सेवा को प्रोत्साहन दे रहे है।

बच्चों की कैसे देखरेख करे। उसके बारे में नई पीढ़ी को आगे बढ़ कर बुजुर्को की सेवा करने के लिये प्रोत्साहित कर रहे है। 

बच्चों की देखभाल के लिए 10 टिप्स भी दे रहे है। जैसा कि आप जानते ही है। आज माता-पिता दोनों ही जॉब वाले हो गए है। जिस कारण बच्चों की बहुत बार देखभाल ठीक से नही हो पा रही है।

 




बहुत से जॉब वाले ब्यक्ति अपने परिवार से दूर है,जॉब की तलाश में उन्हें सुदूर प्रदेश जाना पड़ता है,ओर नये दम्पति को बच्चों को संभालना में कई बार भूल हो जाती है। 

सुदूर प्रदेश में होने के कारण वे बहुत बार माता-पिता की सेवा से वंचित रह जाते है,इसलिए उन्हें जागरूप करना हम अपना कर्तब्य समझते है।

दोस्तो अब हम ACCHE SWASTHYA KE LAKSHAN क्या है। किस तरह अपने  स्वस्थ्य की देखभाल करे।नीरोगी रहने की इस पोस्ट के माध्यम से जाने। 

दोस्तो हमे अपनी शुरुवात सुबह जल्दी उठने से करनी चाहिए,हो सके तो सूर्योदय से पहले उठे।दिन की शुरुवात ब्रश करने के बाद गुनगुने पानी पीने से करे। 

उसके बाद योगा करे। योगा में अनुलोम विलोम भस्त्रिका ओर भ्रामरी जैसे योगा करे। थायराइड रोगी उज्जैनी जरूर करे।

योगा के बाद कसरत करे। ओर उम्र के हिसाब से उठक बैठक करें। तालिया कम से कम पचास बार बजाए। 

हो सके तो दो से तीन किलोमीटर पैदल चले। सुबह गुनगुना पानी जरूर पिये। ये कसरत से पहले भी पानी पी सकते है।  

उसके बाद यदि आप चाय पीते है तो सुबह हर्बल टी पिये । बाजार की हर्बल टी महंगी है ।तो आप  घर पर तुलसी काली मिर्च या अदरक व थोड़ी सी चायपत्ती डाल लें। बहुत जबरजस्त चाय बनेगी। सर्दी में फायदा करेगी।

शरीर मे फुर्ती भी लाएगी। कोरोना टाइम चल रहा है उसमें भी ये फायदा देगी। हल्के बुखार ओर सर्दी में फायदा देगी। बस इसके एक घण्टे बाद नीबू चाय पी ले। ये टिप्स आपको मौसमी बुखार ओर सर्दी से बचाव करेगी। 


दोस्तो सर्दियों में वयस्कों को हमे सुरच्छित रखना है। उन्हें ठंड से  बचाना है।उन्हे ठंड में हार्ट ओर  कोलोस्ट्रोल हो सकता है। इसलिए उन्हें ठंड से बचाने के लिये ढूध में हल्दी डाल कर दे। 

नहाने के लिए गर्म पानी दे। गर्म कपड़े पहने दे। समय पर उपचार देते रहे। उनका ब्लड प्रेशर शुगर रोजाना नापते रहे। तभी उनकी उम्र बढ़ सकती है। जो बुजुर्को कि सेवा करते है। भगवान भी उनकी मदद को सदा तट्पर रहते है। 

इसलिए रोजाना बुजुर्को कि सेवा कीजिए ओर हो सके तो उनके पास ही रहे।अगर किसी कारण पास रहना संभव ना हो,तो फोन पर उनका हाल जाने। किसी खास आदमी को उनकी देखरेख में रखे। जिससे वे बुढ़ापे में अपना समय खुशी से काट सके ओर आपको ढेरो आशिर्वाद दे। 

दोस्तो अगली पोस्ट में हम कुछ स्वास्थ्य के दूसरे पहलुओं पर चर्चा करेंगे। हमारी कोशिश होगी कि हम स्वास्थ्य पर तो ध्यान दे ही रहे है ओर साथ ही साथ उससे जुड़े परिवारिक रिस्तो पर भी ध्यान दे रहे है ओर चर्चा भी कर रहे है। ,

दोस्तो अब हमें बुजुर्को के बाद ,बच्चों की देखरेख पर भी ध्यान देना चाहिए। बच्चे जो  बहुत छोटे होते है । बोल नही सकते है। हमे खास कर उनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है । उन्हें बुजुर्को की नजर में रखना चाहिए ।क़्योंकि उनका अनुभव बच्चों  को पालने के बारे में बहुत अच्छा होता है ।कुछ  बुजुर्को  को इसमें महारत हासिल होती है। 

उन्हें बच्चों की बहुत सारी बाते पता होती है । कि बच्चा कब ढूध मांग रहा है। उसे पानी की कब जरूरत है ।वो रो क़्यो रहा है। उसकी मालिश कब करनी  है।उसे कब डॉक्टर के पास ले जाना है । उसे ढूध ज्यादा  पिलाने से पेट चल सकता है । इसलिए परिवार में बुजुर्को के साथ रहने से बहुत ही हमे लाभ मिलता है। उनके ज्ञान का लाभ हमे समय समय पर उठाना चाहिये।

अब हम छोटे  बच्चों को पालने के बारे में चर्चा करेंगे। छोटे बच्चों को बहुत सावधानी से पालना चाहिए। पालने का मतलब उनकी देखरेख में उचित होनी चाहिये।लापरवाही विल्कुल नही होनी चाहिए। बच्चों से समन्धित मुख्य 12 बाते लिख रहे है । आप उन पर ध्यान दे।

  1. छोटे बच्चे को सुबह नहलाना जरूर चाहिए।
  2. छोटे बच्चे को जब भी नहलाये गुनगुने पानी से नहलाना चाहिए।
  3. छोटे बच्चों को ढूध समय समय पर कम से कम दो धंटे के बाद पिलाना चाहिए।
  4. बच्चों को तेल की मालिश हल्के व नरम हाथो से करे।
  5.  बच्चों को रोने पर  घुट्टी जरूर पिलानी चाहिए।
  6. घुट्टी पेट  के मरोड़ में फायदा करती है।
  7. बच्चा ज्यादा रोये तो डॉक्टर को तुरुन्त दिखाना चाहिए।
  8. छोटे बच्चों को बुरी नजर भी लग जाती है ।कभी कभी तो अपनो की भी लग जाती है ।इसलिये उनकी तारीफ दुसरो के सामने न करे।
  9. छोटे बच्चों को ठंड से बचाना चाहिए।
  10. छोटे बच्चों को साफ  हाथो से  छुना चाहिए।
  11. छोटे बच्चों को बिल्ली चूहे  जानवर पंछी व अनजान ब्यक्ति की  पहुँच से दूर रखना चाहिए।
  12. छोटे बच्चों को ठंड ओर हवा से बचाना चाहिए ।नहला धुला कर कपड़े पहना देने चाहिये। ठंडे दिन होने पर गर्म ऊनी कपड़े पहनाने  चाहिए। उन्हें स्पेशल केयर की जरूरत होती है
हमारी पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यबाद। हमारी अगली पोस्ट का इंतजार करे। हम स्वास्थ्य को किस तरह ठीक रख सकते है ओर एक सुखी जीवन जी सकते है।जीवन का सुखी होना जरूरी है ।रुपया पैसा पद तो है ,पर अगर जीवन सुखी नही है । तो ये सब भी बेकार है ।

हम अपने अगले ब्लाक पर  किसी ओर स्वास्थ्य के विषय पर चर्चा करेंगे। हमारी पोस्ट पर अपनी राय जरूर दे ।इससे हमारा हौसला बढ़ता है। ओर हम आगे भी इसी तरह की कोई अन्य पोस्ट स्वास्थ्य पर जारी करेंगे। धन्यबाद।





                    








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