नहाने का सही Right तरीका /Right way to taking bath hindi

नहाने का सही Right तरीका / right way to taking bath hindi


नहाने का सही तरीका यह है कि किसी बर्तन में पानी लेकर उसके बाद उस पानी को सबसे पहले पैरों में डाला जाय। यह नहाने का उत्तम तरीका है। हिन्दू धर्म  के ग्रंथों में भी यही बतलाया गया है। हिन्दू धर्म के ग्रंथों में भी वर्णित है कि हमेशा ताजे जल से ही नहाना चाहिये। उससे नहाने से शरीर मे ताजगी आती है।स्फुर्ती आती है। नहाने का जो सही तरीका यह है कि सबसे पहले अपने पैरों में पानी डालें। उसके बाद पानी को कुछ से से सेकंड के बाद थोड़ा सा बदन में डाले। जब बदन में डालने के बाद ह्रदय की गति हमारी बढ़ जाती है जो स्लो हार्ट के मरीज है उनको इससे लाभ मिलता है । जो मरीज स्लो हार्ट की दवा ले रहे है उनमें ह्रदय की गति  सामान्य बनी रहती है। दिल दुरुस्त रहता है। अपनी ह्रदय समन्धित दवाओं को न छोड़े । स्नान से उसको ओर ज्यादा फायदा मिल सकता है। इससे ब्रेन स्ट्रोक जैसी समस्याओं से भी बचा जा सकता है। आगे से जब भी स्नान करें इस तरीके से ही नहाना चाहिये। फब्बारे ज़के नहाने से बचे। खासकर बुजर्क ओर वृद्ध तो बिल्कुल बचे।








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