पाप का फल कब मिलता है / Pap ka fal kab milta he hindi
पाप का फल कब मिलता है यह जानने के लिये कुछ लोग लालायित रहते है। आखिर क्यों लोग पाप को अपराध समझते है जब कि पाप भी पुण्य की तरह ही एक कर्म है लेकिन लोग पुण्य को ही महत्व देते है। उसका कारण यह है कि पाप छिपकर धोखा देकर किया जाता है दूसरे पाप में दूसरे को कष्ट होता है। पुण्य को लोग खुल कर करते है ओर खूब करते है क्योंकि इस से दूसरों को सुख मिलता है । कुछ लोगो को दूसरों को कष्ट देकर भी सुख मिलता है आखिर ऐसा क्यो। यह अपनी अपनी समझ पर निर्भर करता है क्यो की जिसको जो चाहिये उसका सुख उसी में है चाहे वो पाप करे या पुण्य।
पाप का फल कब मिलता है
पाप का फल इंसान को तब मिलता है जब उसके सारे पुण्य कर्म नष्ट हो जाते है। यह आसान सा जवाब है परंतु बिल्कुल सही है ओर शास्त्र सम्बत है । हमारे ऋषियों ने इसके बारे में अपने शास्त्रों में खूब वर्णन किया है। लेकिन क्या आज के युग मे भी हम इसको सही मान सकते है। मुझे तो लगता है यह बिल्कुल सही है क्योंकि लोगो को कहते सुना होगा कि वह पापी है फिर भी भगवान उसका कुछ नही कर रहे है आखिर क्यों। जवाब यही है कि उसके पुण्य अभी वाकि है जब उसके पुण्य समाप्त होंगे तो उसको दंड अवस्य ऊपर वाला देगा। बस जरूरत है तो सब्र की। जिसको सहने के लिये हिम्मत चाहिये।
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