होली निबंध

होली निबंध


होली रंगों का त्योहार है। यह सारे भारत मे मनाया जाता है। लेकिन ज्यादातर यह हिंदी भाषी क्षेत्र में बड़ी धूमधाम से मनाया यह फागुन में मनाया जाता है। होली क्योकि रंगों का त्योहार है इसलिये हर हिन्दू भारतीय नेपाली इसको बड़ी धूमधाम से मनाता है। होली जब मनाई जाती है उस समय गेहू पक चुका होता है। गेहू की फसल खेत मे तैयार है उधर होली की तैयारी चल रही होती ह होली मनाने के पीछे किदवंती है कि  जब हिरणकश्यप को पता चला कि उसका पुत्र परलाद जो बिष्णु भक्त है वह अपने पिता जी की पूजा नही करता है तो हिरणकश्यप ने अपने पुत्र को पहले तो समझाया कि वो विष्णु की भक्ति छोड़ दे लेकिन जब उसने विष्णु की भक्ति नही छोड़ी ओर अपने.पिता जी की पूजा से इंकार किया तो हिरणकश्यप ने उसको मारने के लिये अपनी बहन होलिका को लेकर जलती चिता पर बैठा दिया। होलिका को वरदान था कि वो आग में जल नही सकती थी लेकिन जब वह प्रलाद को लेकर आग में बैठी तो उसने अपने वरदान का दुरुपयोग किया। जिसका फल यह हुआ कि होलिका जल गई ओर पराल्द  बच गये । यही कथा हिन्दू शास्त्रों में मिलती है जिसकी वजह से होलिका दहन हर साल होता है। हिन्दू लोग यह त्योहार हर साल मानते है।को उनको जलाने के लिये भेजा था।जिसमे होलिका आग में लेकर कृष्ण को बैठती है। जिसमे से श्री कृष्णा आग से सकुशल बाहर आ जाते है और होलिका जल जाती है। होलिका को वरदान था कि वह  आग से जल नही सकती लेकिंन वह जल गयी । उसका कारण था उसने  वरदान का दुरुपयोग किया एसलियनवः जल गयी।  उसी की खुशी में होली मनाई जाती है। होलिका का दहन  जगह जगह किया जाता है। आसाम व पश्चिम भारत मे होली मनाई जाती है लेकिन कम मात्रा में मनाई जाती है। उत्तर भारत के लोग बहुत किस्म की होली मनाते है । उनमें खड़ी होली बैठकी होली प्रभुख है। खड़ी होली खड़े होकर मनाई जाती है बैठकी होली बैठकर मनाई जाती है बैठकी होली  जनवरी के महीने से ही शुरू हो जाती है। हम भारतवाशी है । हमको तो सिर्फ मौजमस्ती का मौका चाहिये फिर उसको मनाने से हम पीछे नही हटते।  खड़ी होली खड़े होकर  गाई जाती है इसका मजा कुछ अलग ही होता है। छोटे बड़े सभी बड़े उत्साह से ऐसे मनाते है।.               ..                  


होली आनन्द का त्योहार
होली आंनद का मौजमस्ती का त्योहार है। होली में पकवान खूब बनते है। उन पकवानों में।गुजिया महशूर है। गुजिया घर घर मे बनाई जाती है। जब घर मे होल्यार आते है तो उनको गुजिया खिलाई जाती है। अब आप सोचेंगे कि होल्यार क्या होता है। होल्यार उनको कहते है जो होली खेलते है। दूसरे घरों में होली का गायन व डांस द्वारा आनन्द देते है। होली में पुरुष जोकर भी बनते है । वे महिलाओं के कपड़े पहन कर लोगो को  हंसाते है। होली खूब आनंद का त्योहार है। होली के पकवान में  भंग घोटा भी चलता है। सब इसको नही पीते है। क्योंकि इससे नशा होता है। इसको पीकर आदमी बहकी बहकी बाते करते है। 

होली रंगों का त्योहार बुरी चीजे छोड़नी होगी
आजकल होली में शराब का चलन भी खूब है। शराब पीकर लोग हंगामा करते है। दूसरा कारण कुछ लोग होली में कीचड़ से गोबर से कोलतार से होली खेलने की कोशिश करते है । ऐसे लोगो की संख्या बहुत कम है। पुलिस की नजर भी ऐसे हुद्दुगियो के ऊपर रहती है। यदि सौहार्द से होली मनाया जय तो इसका जैसा कोई दुनिया मे त्योहार नही है। आजकल तो फुलो से बने हर्बल रंग बाजार में उपलब्ध है। यदि हर्बल रंग से होली खेलने का अलग ही असनन्द है। कृष्ण की जन्म स्थली  में फुलो से होली खेली जाती है लड्डुओं से होली खेली जाती है। बहुत सारे पश्चिमी देश के लोग उनकी जन्मस्स्थली में सिर्फ होली ही देखने ओर खेलने आते है। अगर होली की छोटी मोटी कमियों को दूर करने से होली खूबसूरत त्योहार है। होली में गन्दी चीजो से होली खेलना छोड़ना होगा। यही एक छोटा सा कारण है जिससे  थोड़ा डर लगता है। वाकी होली रंगों का सुंदर त्योहार है। लाल पीले हरे गुलाबी रंगों से लगाये  लोग बहुत सुंदर लगते है। होली में दूसरे के घर जाकर गुजिया व पकौड़ी का आनंद होली की खास विशेषता है।










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