UAE and Bharat releasionship know hindi संयुक्त अरब अमीरात का भारत से किस तरह के रिश्ते जाने

UAE and Bharat releasionship know hindi / संयुक्त अरब अमीरात का भारत के साथ किस तरह के रिश्ते जाने 

यूएई जिसको संयुक्त अरब अमीरात भी कहते है मोदी जी के राज में बीते आठ सालों में यूएई  और भारत के संबंध खासकर व्यापारिक संबंध बहुत।मजबूत हुए है  इसलिए मोदी जी पांच बार यूएई की यात्रा भी कर चुके है ये इसी बात का प्रमाण है की भारत और यूएई के संबंध कितने मजबूत है। उसके भारत के साथ शुरू से ही घनिस्ट समंद रहे है। यूएई और भारत द्विपक्षीय व्यापार का मजबूत स्तंभ है। कूटनीति के साथ ही यूएई के साथ भारत का मजबूत आधार दिवपक्षीय व्यापार  ही रहा है।  भारत के साथ दिवपक्षीय व्यापार के साथ तीसरा साझेदार रहा है।अमेरिका और चीन के बाद भारत  के लिए यूएई तीसरा व्यापारिक साझेदार रहा है। इतना ही नहीं यूएई भारत का तीसरा निर्यातक गंतव्य भी है। इस बार जब मोदी जी ने यूएई की पांचवी यात्रा की उस समय वे फ्रांस से  वापसी के समय यह यात्रा की थी। उन्होंने 15जुलाई को आभुधाबी पहुंच कर यूएई के राष्ट पति शेख मुहमाद बिन जायज  अल नाहयान से मुलाकात की  और  विस्तृत व्यापार चर्चा की। इसे इन दोनो देशी की व्यापारिक रणनीति साझेदार के तौर पर देखा जा रहा है।





ऐसे मैं इन दोनो देशी के बीच कुछ करार भी हुए जिसमे एक करार ये भी था की आपसी कारोबार के लिए स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को सहमति था। दोनो देश रुपए।और दिरहम में व्यापार को एक फ्रेम वर्क बनाने को सहमत हो गए। इससे भविष्य में रुपए।और दिरहम में व्यापार संभव हो पायेगा। जिसका लाभ दोनो देशी को होगा उई और व्यापार में आसानी होगी।

इसके साथ ही दोनो देश आपसी भुगतान प्रणाली को जोड़ने में भी सहमत हो गए। इससे भारत के यूपीआई और यूएई के 
इंसटेंट पेमेंट आपस में जुड़ेंगे। जिससे भविष्य में यूएई में  यूपीआइ के जरिए भुगतान संभव हो पायेगा।

इसके अलावा दोनो देश अबू धाबी में आईआईटी कैंपस खोलने को राजी हो गए है। नरेंद्र मोदी जी की यात्रा कूटनीति समंधो तक ही सीमित नहीं है वल्कि यह एक व्यापारिक यात्रा के तौर पर भी देखा जायेगा।

यूएई अरब देशों में भारत का भरोसेमंद साथी

यूएई को अरब देशों में भारत का मजबूत साथी के तौर पर देखा जा रहा है जब 2015 में मोदी जी ने 34 साल बाद यूएई की यात्रा की तब कोई सोच भी नही सकता था की भारत और यूएई के संबंध इतने मजबूत होगे लेकिन दोनो देशी ने अपने हित देखे और देखते ही देखते दोनो देशी के संबंध मजबूत हो रहे है। मोदी जी आज अरब देशों में भी।काफी लोकप्रिय है लोक उनकी नीतियों को समझ रहे है । अब अरब देश भी समझ चुके है की भारत और पाकिस्तान की नीति में कितना अंतर है एक तरह भारत जहा विकाश की बात करता है दूसरी तरह पाकिस्तान दूसरो को उलझाते आज खुद उलझ गया है।










Previous
Next Post »