मानसिक विकार से कैसे राहत पाये / Mansik vikar se kese rahat paye hindi

मानसिक विकार से कैसे राहत पाये / Mansik vikar se kese rahat paye hindi

आज के समय मे बहुत से लोग मानसिक विकार से परेशान है। मानसिक विकार से परेशानी का कारण क्या है ओर कैसे कोई ब्यक्ति मानसिक रोगी बिना वजह हो जाता है। आज हम अपने इस ब्लॉक में इसी पर चर्चा कर रहे है। आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में किसी के पास समय नही है। काम ज्यादा होने की वजह से लोग न तो दूसरों की सुनने को तैयार रहते है ओर न ही अपनी किसी को सुनाते है। आजकल लोग अपने मे ही सब कुछ समेटे रहते है। जिसका परिणाम वे खुद भी नही जानते। 

मानसिक विकार होने के कारण / Mansik vikar hone ke karan hindi

मानसिक रोगी होने का पहला कारण /Mansikn rogi ka pahala karan hindi
कोई भी ब्यक्ति जब मानसिक रोगी बनता है तो उसके पीछे अनेक कारण होते है। जैसे जब कोई ब्यक्ति शारीरिक रूप से अवस्वस्थ्य होता है ओर इलाज करने के बाद भी बीमार ठीक होने में  समय ज्यादा लेती है या बहुत बार बीमार ठीक ही नही होता है। रोगी दवाई खाते रहता है ओर जीवन दुःख के साथ यदि चलता है तो ब्यक्ति मानसिक रोगी हो जाता है। अपनी बीमारी को लेकर उसे अपने जीवन पर भरोशा नही होता है ओर वह दुःख तो वैसे भी झेलता है। बहुत बार तो वह जीवन से निराश हो जाता है। यही निराशा ब्यक्ति को मानसिक रोगी बनाती है। अपने दुःखों से कोई भी जब बहुत परेशान हो जाता है तो वह अपने जीवन को लेकर सोचते रहता है उसे उस दौरान कही से कोई मदद भी नही मिलती है क्योंकि वह अपनी भावनाओं को दूसरे के साथ शेयर भी नही करता है । जिससे दिलाशा दिलाने वाला भी उसे नही मिलता है ओर ब्यक्ति मानसिक रोगी हो जाता है।

मानसिक रोगी का दूसरा कारण / Mansik rogi ka dusra karan hindi 
मानसिक रोगी होने का दूसरा कारण किसी ब्यक्ति का तब होता है जब वह अपनी भावनाओं  इच्छाओं का दमन करता है या जिन चीजो को वह पछन चाहता है वह चीजे उससे दूर हो जाती है या उसकी उम्मीद नाउम्मीद में बदल जाती है। किसी को पद की चाहत होती है किसी को प्यार की चाहत होती है किसी को धन की चाहत होती है। यदि उसको वह चीज नही मिलती है तो ब्यक्ति रातदिन उसी सोच में रहता है। जिसका परिणाम वह मानसिक रोगी बन जाता है।

मानसिक रोगी का तीसरा कारण / Mansik rogi ka tisra karan hindi
मानसिक रोगी का तीसरा कारण यह होता है कि जब कोई अपनी प्रिय चीज को खो देता है मतलब जैसे किसी का देहांत होना । वह प्रिय चीज रिस्तो से समन्धित हो सकती है। जैसे  पत्नी या माता या पिता का देहांत की वजह हो सकती है। किसी दोस्त का देहांत भी सोचने पर मजबूर कर देता है। 

मानसिक रोगी होने से कैसे बचें / Mansik rogi hone se kese bache hindi
मानसिक रोगी होने से कैसे बचें। सबसे पहले हम उन रोगियों के बारे में बात करेगे जो किसी वजह से बीमार है। अपने दुःख के कारण ऐसे रोगी मानसिक विकार के कारण मानसिक रोगी बन जाते है। अपने दिन रात के दुःखों के कारण वे खुद तो दुःखी होते ही है। अपने लोगो को भी दुःखी कर देते है। घर का माहौल किसी रोगी के कारण  बहुत बार खराब हो जाता है जो लोग उनकी देखभाल करते है वे भी इतने परेशान हो जाते है कि उनकी नींद भी गायब हो जाती है जैसे ही उनको नींद आती है रोगी उनको जगा देता है जिससे वे परेशान हो जाते है। उनकी सेहत खराब हो जाती है । यदि वे ठीक से अपनी देखभाल न करे तो वे कमजोर हो जाते है बहुत बार रोगी हो जाते है जिनमे नींद नही आने की समस्या मुख्य हो जाती है । आगे जाकर रोगी के साथ इनके भी रोगी होने के चांस हो जाते है ।  इस तरह की हालत से कैसे बचें । यही हमारा उद्देश्य आपको इस ब्लॉक के माध्यम से समझाना है। 

मानसिक रोगी होने से बचने के लिये क्या करे
यदि आपके यहाँ कोई किसी भी किस्म का रोगी है। तो आपको उसको उचित देखभाल की जरूरत होती है। जिसके लिये आपको उन्हें किसी अच्छे डॉक्टर से उनका चेकउप करवाना चाहिये। जब एक बार उचित इलाज मिल जाएगा तो रोगी ठीक हो सकता है। दूसरी बात रोगी की देखभाल के लिये दो आदमी कम से कम होने चाहिये। यदि इससे ज्यादा देखभाल के लिये हो जाये तो यह बहुत ही सकूँन वाली बात रोगी ओर आपके लिये होगी। रोगी भी बदल बदल कर आदमियों के साथ रहना चाहता । जिससे कि वह अपनी समस्याओं को दूसरे लोगो को भी आसानी से बतला सके। जो लोग लगातार रोगी को देख रहे है उनको भी आराम की जरूरत होती है। इसलिये यदि बदल बदल कर रोगी की देखभाल हो सबको आराम मिलता है। सेहत भी सबकी  ठीक रहती है। जो लोग रोगी को रात में देखते है उनको दिन में भरपूर नींद लेनी चाहिये। जिससे रात में नींद की समस्या परेशान न करे। रोगी को समय पर भोजन दे। जो लोग रोगी की देखभाल कर रहे है उनको भी समय पर ओर अच्छा भोजन करना चाहिये। जिससे सेहत खराब न हो। यदि सेहत खराब करोगे तो देखभाल वाले भी रोगी बन जाते है। यदि घर मे आदमी कम है तो रोगी के लिये रात की देखभाल के लिये नर्स रख ले। खुद को सुरक्षित रखे। 


मानसिक इच्छा का पूर्ति नही होना /Mansik echha ka purti nahi hona hindi

मानसिक रोगी जो अपनी किसी इच्छा का दमन होने से या किसी अभिलाषा की पूर्ति जैसे प्रेम विवाह , धन की चाहत का पूरी न होना, हमेशा रुपयों पैसो की तंगी होना। इस तरह की समस्याएं आने पर जीवन मे बहुत बार ब्यक्ति अपने को कमजोर महसूस करता है। यही कमजोरी जो प्यार,धन दौलत की कमी अभिलाषाओं की पूर्ति न होना किसी के भी जीवन को निराश कर देता है। यही निराशा बहुत बार ब्यक्ति को सोचने पर मजबूर कर देती है ओर ब्यक्ति रोगी हो जाता है। हमे इस समस्या को रोकना होगा। प्यार यदि टूट या छूट गया तो उसको जिंदगी का हिस्सा या अपनी किस्मत मान कर उस ओर ज्यादा ध्यान नही देना चाहिये। अपने को अपनी जिंदगी को दूसरी ओर मोड़ दे । जिसमे खुशी हो।पार्टी हो या यारदोस्तो का साथ हो। भगवान का ध्यान करे। जप करे। मैडिटेशन करे। यह सब चीजें निराशा को दूर करेगे। नींद भरपूर ले। मूवी देखे। अनेकों ऐसे उपाय है जिनको करके आप अपनी जिंदगी में खुशी भर देगे। यह सोच कर जीवन को जिओ की ये जीवन बार बार नही मिलेगा । इसलिये इस जीवन मे अच्छे कार्य करो । मरना तो सबको है लेकिन अच्छे कार्य करके मरो। खुद के लिये नही तो दूसरों के लिये जिओ। यही से मानसिक समस्या का अंत होता है। 

किसी प्रिय के जाने पर धैर्य से काम लो / kisi priy ke jane par dher se kam lo hindi

यदि किसी अपने प्रिय का देहांत हो जाये तो अपने दिल को यह कह कर समझाओ की मरना तो सबको है। जो पहले आया वह पहले जाएगा। लेकिन जो असमय गया तो उसका समय पूरा हो गया। या उसकी आवश्यक्ता परमात्मा को भी है। कहते सुना होगा कि बड़ा अच्छा आदमी था। बेचारा अच्छा खासा मर गया। लोगो को यह कहते भी सुना होगा कि उसकी आवश्यक्ता उपर वाले को भी थी। इसलिये उठा लिया। इसी तरह से अपने ओर अपनो को समझना चाहिये। इस समय अपने को ओर अपनो को धैर्य देना चाय धैर्य रखना चाहिये। नींद भरपूर लेनी चाहिये। मानसिक विकार से बहुत जल्द उबर जायेगे।

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