क्या सरकारी नॉकरी वाले बुद्धिमान ओर गैर सरकारी वाले अल्प बुद्धिमान / Kya sarkari nokri wale budhiman aur gair sarkari wale alap budhiman hindi
आजकल लोग सरकारी ओर गैर सरकारी की खूब तुलना करते है। हमारे देश मे हजारों लड़के IIT C A की पढ़ाई करते है ओर प्राइवेट सेक्जतोर में करोड़ो का पैकेज लेते है। इस यह कहना कि सरकारी वाले बुद्धिमान होते है ओर प्राइवेट वाले अल्प बुद्धिमान । यह धारणा बिल्कुल गलत है। हम आपको इनकी तुलनात्मक चर्चा करेंगे। सरकारी नॉकरी बहुत सी किस्म की है जिनमे अलग अलग पद होते है। उसी हिसाब से वेतन होता है। परीक्षा भी उसी तरीके के पैटर्न पर आधारित होती है। जो लोग छोटी पोस्ट पर जॉब करते है उनकी वेतन कम होती है जो लोग मीडियम पोस्ट पर जॉब करते है उनकी तनख्वाह उसी हिसाब से सरकार तय पहले से करके रखती है। बड़ी पोस्टों पर जो लोग होते है उनका भी यही हाल पद के अनुसार उच्च वेतन मिलता है। जो लोग प्राइवेट जॉब करते है उनका वेतन उनकी योग्यता के आधार पर होता है स्किल इसमे मुख्य वजह होती है। जैसे जैसे योग्यता बढ़ती है वेतन भी बढ़ता है ओर सरकारी से बहुत ज्यादा धन प्राइवेट जॉब में ब्यक्ति कमा लेता है। इसलिये आजकल जिनके पास अच्छी स्किल है वह प्राइवेट जॉब करना पसंद करते है। बहुत बार तो ये लोग अपनी कंपनी भी खड़ी कर देते है।
लेकिन सरकारी जॉब में ऐसा नही है वहा पर सरकार ने एक निश्चित समय तय किया है उसी के हिसाब से वेतन तय होता है। प्राइवेट जॉब में किसी की वेतन आज तीस हजार है तो साल भर बाद वो 60 हजार भी हो सकती है ओर तीन साल में एक लाख भी ब्यक्ति पहुँच सकता है। सरकारी में ऐसा नही है। वहा एक निश्चित समय वेतन बढ़ने का है। जहाँ तक तर्क बुद्धि की बात है सरकारी हो या प्राइवेट आज के समय मे सब बुद्धिमान होते है बस किस्मत की बात है कि किसकी रोटी कहा लिखी है।
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