प्यार का लड्डू कितना मीठा कितना कठुआ / pyar ka laddu kitna mitha kitna kathuwa hindi

प्यार का लड्डू कितना मीठा कितना कठुआ / pyar ka laddu kitna mitha kitna mathura hindi
हिंदुस्तान में एक कहावत है जो आपने भी सुनी होगी कि शादी का लड्डू जो खाये वो पसताये ओर जो न खाए वो भी पसताये। आज हम यहां पर इसी कहावत के आधार पर प्यार के लड्डू जो खाये वो पसताये ओर जो न खाए वो भी पसताये। अपने शहर में बहुत से नवजवान जवानी के जोश में  स्कूल के आगे पीछे मंडराते है ओर बहुत से तो लड़कियों के घर के आसपास मंडराते है। एक नजर उसको देखने को तरसते है। यह हाल लड़को का ज्यादा होता है। जवानी के जोश में जब वे अपने होश खो बैठते है तब बहुत बार उनकी तुड़ाई भी होती है लेकिन जहर का घुट पीकर रह जाते है आखिर प्यार का मामला है। लेकिन कुछ खुशनसीब होते है उनको अपना प्यार आसानी से मिल जाता है ज्यादा मेहनत भी नही करनी पड़ती है। किस्मत यहां तक उनके मेहरवान होती है जैसा सोचा था उससे बढ़कर उनको मिलता है। इसलिये कहते है जो प्यार का लड्डू  खाये वो पसताये ओर जो न खाए वो भी पसताये। प्यार पाने को हर कोई जीवन मे कोशिश तो करता है लेकिन प्यार सबको नही मिल पाता है। कहते है जोड़ियां तो स्वर्ग से बन कर आती है । इसलिये जिसको जैसा भी जीवन साथी मिले उसके साथ रहना जीवन बिताना सीखना चाहिये। यह भी एक किस्म का प्यार है जो दिखता नही है। बल्कि यदि सही तरीके से जीवन को जीते है तो यह दिनरात चौगुना फलता फूलता है। अंत मे यही कहिगे की  खुश रहो प्रसन्न रहो।







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