बबासीर में भोजन खाने का परहेज क्यो करे / Bavasir me bhojan khane ka parhej kyo kare hindi
बबासीर रोग को तो लगभग वे सभी जानते है जो इस रोग से पीड़ित रहते है फिर भी आपके याददाश्त को दुरुस्त करने के लिये हम बतला देते है । बबासीर एक खूनी होती है ओर दूसरी बादि होती है। खूनी बबासीर के लक्षण इस प्रकार है कि इसमे पाखाने में खून बिना दर्द के आता है यह अंदुरुनी मस्सों के कारण होता है। दूसरी तरफ जो बादि बबासीर होती है उसमे चुंबन बनी रहती है ओर ब्यक्ति को बहुत बार असहनीय दर्द भी होता है। बबासीर की दवा ओर इलाज के लिये नीचे का ब्लॉक पढिये। परन्तु यहां पर हम बबासीर के रोगी के परहेज के बारे में बात करेगे।
बबासीर के रोगी को परहेज
बबासीर के रोगी को परहेज करने से बहुत लाभ मिलता है खासकर बादि बबासीर में यह बहुत लाभ देता है। खूनी बबासीर में दवाई लेने जरूरी हो जाता है लेकिन बादि बबासीर में परहेज ही रोग को मिटा सकने की तागत रखता है। अब परहेज को जाने। बबासीर के रोगी बादि चीजो को न खाए जैसे बैंगन, उर्द की दाल , से तो परहेज रखे। मसालेदार भोजन भी न करे। मशालों में अदरक का सेवन बहुत बार लाभ देता है । दही का सेवन यदि कब्ज तोड़ने को करते है तो आप दही खा सकते है। दूध का सेवन भी कर सकते है लेकिन त्रिफला य्या अलसी भी लेना न भूले।