पाप कितने किस्म के होते है / Pap kitne kism ke hote he hindi

पाप कितने किस्म के होते है / Pap kitne kism ke hote he hindi

पाप कितने किस्म के होते है यह हर कोई  इंसान जानता है लेकिन फिर भी  वह अनजान बना रहता है। इसका कारण मनुष्य का स्वार्थी स्वभाव होता है। इसलिये वह पापो से मुँह फेर लेता है। पाप मुख्य रूप से दो किस्म के होते है एक पाप जानबूझकर मनुष्य पाप करता है दूसरा मनुष्य से अनजाने में पाप हो जाता है । जानबूझकर जो पाप होते है उनमें जैसे किसी जानंबर मनुष्य को सताने वाला काम करना या उनको चोट देना या मार कर उनकी हत्या करना यह सब पाप है अनजाने पाप वो है जो गलतीं से हो जाते है जैसे पैर के नीचे चींटी का आना जैसे पाप अनजाने में हो जाते है। 

तीन तरह के वे पाप जो अपनो की भलाई में हो जाते है
1तीन तरह के पाप जो अपनो की भलाई में जाते है जैसे कि अपने बच्चे को पढ़ाई के लिये डांटना, धमकाना, पीटना। यह भी पाप की क्षेणी में आता है लेकिन इस पाप को हम अपनो की भलाई के चक्कर मे भूल जाते है। 

2 दूसरे किस्म का पाप वो है जिसमे हम अपने बच्चों को उनकी गलत आदत के लिये पीटते है। जैसे उनके धूमपान करने पर , शराब पीने पर,  गंदी हरकतों के लिये। यह सब भी पाप है लेकिन यह सब अपनो के हित मे हम करते है इसलिये इन चीजो को पाप नही मानते है।

3 बेटी के अपनी इच्छानुसार विवाह पर हम उसको गाली देते है बहुत से लोग बेटी की पिटाई भी कर देते है। यह सब भी पाप ही है लेकिन हम इसको नजर अन्ताज करते है । यह सब भी पाप की क्षेणी में ही आता है।

पापो से कैसे मुक्ति पाये
पापो से मुक्ति पाने के लिये  अनेक चीजे कर सकते है खासकर वे लोग जो अनजाने में जिनसे पाप हो जाते है। यदि आप सच्चे दिल से  चाहिगे की मैं पाप मुक्त हो जाऊं तो यह सम्भव है लेकिन उसके लिये आपको कुछ तो करना होगा। अब आप सोच रहे होंगे कि इसके लिये क्या कर सकते है । आप यह आराम से कर सकते है बस इसके लिये आपको सच्चे दिल से प्रभु में ध्यान लगाना होगा। आप इसके लिये भगवान शिव का ध्यान कर सकते है। जो सबसे सरल उपाय है। उनको प्रसन्न करना सबसे आसान है । अपने भक्तों की पुकार वे जल्दी सुनते है। उनके दुखः भी हर लेते है। इसलिये यदि आप  गृहस्थ है तो अपने घर के  ईशान कोण में  एक  मंदिर बनवा लीजिये। वह मन्दिर घर के अंदर भी हो सकता है। उसमे एक छोटा शिवलिग जरूर रखे। उस शिवलिंग को प्रतिदिन यदि संभव हो तो गंगाजल से स्न्नान कराना चाहिये। दूध दही से भी स्न्नान करा सकते है। उसके बाद बेल पत्री फूल चढ़ाना चाहिये। भगवान शिव को बेल पत्र चढ़ाना के चमत्कारी लाभ मिलते है। भगवान शिव को फूलों में मंदार पुष्प पसन्द है यह पुष्प आसानी से मिल जाता है इस पुष्प को उनको चढ़ाया जा सकता है। अपने घर के मंदिर में बैठ कर रोजाना धूप दीप प्रज्वलित करके भगवान शिव की आराधना करने से उनके पंचाक्षरी मंत्र ओम नमो शिवायः का प्रतिदिन 108 बार रुद्राक्ष की माला से जप करना चाहिये। आप यदि चाहे तो इसको 11 माला भी कर सकते है। यह अपने पाप मुक्ति का सबसे अच्छा साधन है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये आपको अन्य देवी देवताओं की पूजा भी करनी चाहिये। माता पार्वती उनकी अर्धांगनी है इसलिये उनको पूजने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते है। भगवान विष्णु की पूजा भी करनी चाहिये। यह सब करके आप पापो से कुछ हद तक मुक्ति पा सकते है। जहाँ तक पापो की बात है तो मनुष्य जीवन मे एक पाप समाप्त होता है तो मनुष्य दूसरी गलतीं कर बैठता है इसलिये हमारे ऋषियों ने पूजा का विधान बनाया है। जिनसे कुछ हद तक हम अपने पापो से मुक्ति पा सकते है। इसलिये भगवान शिव माता पार्वती भगवान विष्णु जो आदि देव है उनकी पूजा का विधान है । जब भी पूजा करे कोशिश कीजिये कि नहा धोकर ही पूजा करे। यदि संभव हो तो नये या धुले कपड़े पहन कर ही पूजा करनी चाहिये। इससे अपना दिल भी खुश रहता है जब अपना दिल खुश रहेगा तब भगवान भी प्रसन्न रहते है।










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