जीवन का लक्ष्य ( Aims) निर्धारित क्यो करना चाहिये ? / Jivan ka lakshy nirdharit kyo karna chahiye? hindi

जीवन का लक्ष्य निर्धारित क्यो करना चाहिये ? 

जब भी पृथवी पर मनुष्य रूप में कोई भी प्राणी जन्म लेता है तो सर्वप्रथम वह अपने जीने की कला को सीखता है। जिसमे उसे पेट भरने के लिये कहे या अपनी भूख मिटाने के लिये भोजन की आवश्यक्ता होती है जिसको उसकी माता अपनी तरह से पूरा करती है ओर जब माता अपना कर्तब्य में देरी करती है ओर वह अबोध बालक चील चिल्ला कर रो रो कर अपनी इच्छा को अपनी माता द्वारा पूरा करवा लेता है। लेकिन जैसे जैसे वह बड़ा होता है  उसको अपना लक्ष्य निर्धारित करना ही पड़ता है जैसे  स्कूल जाने पर होम वर्क करना जरूरी होता है । घर पर रहने पर घर के कार्यो में माता पिता का हाथ बटवाना पड़ता है। आपको अपने जीवन मे देखा होगा कि कुछ लोग इन दोनों चीजो को करने में असमर्थ रहते है कुछ बालक यदि इनमें से एक कार्य कर भी लेते है तो वह अपने उद्देश्य को पूरा समझते है जबकि यह सही नही है यदि एक बालक सिर्फ घर के कार्य मे  मातापिता की मदद करता है ओर दूसरे कार्यो में असफल रहता है तो इसका मतलब यही निकलता है कि वह अपने लक्ष्य की ओर सही तरीके से नही बढ़ रहा है। कही न कही उसमे कमी रह गयी है उस कमी को उसको सुधरना ही होगा। जब वह अपनी कमी को सुधरेगा तभी तो वह अपने जीवन पथ पर सही तरीके से चल पाएगा। जो लोग ऐसा करने में नाकाम रहते है उनको जीवन की सफलता पाने में अपने साथियों की अपेक्षा देरी लगती है। एक बालक का सर्वागीण विकाश तभी संभव है जब उसको हर कार्य मे महारत हासिल तो हो लेकिन उसके बावजूद भी वह अपने लक्ष्य न  डगमगा ये  । यही तो एक सच्चे बालक ओर इंसान की पहचान है। जीवन को खुल कर  जिओ लेकिन मजाक का पात्र न बनो। यदि तुम जीवन मे मजाक का पात्र बनते हो हो तो जीवन तो असफल होगा ही तुम एक जानवर की तरह इस पृथवी पर हो। इसलिये लक्ष्य अपने जीवन के निर्धारित करो। जीवन मे आगे बढ़ने में लक्ष्य ही मदद करने वाले है। हमारे ग्रंथ जीवन मे मोक्ष की ओर ले जाते है लेकिन वह भी तुमको तभी मिलेगा जब तुम अपने को उस लायक बनाओगे जिसमे भक्ति एकरग मन से लक्ष्य पाने को की गयी तब जाकर उम्मीद कर सकते हो कि तुम एक दिन जीवन मे सफल जरूर होओगे।


Previous
Next Post »