दो सहेलियों का प्यार आखिर क्यों टूटा / Do saheliyon ka pyar aakhir kyo tuta hindi

दो सहेलियों का  प्यार आखिर क्यों टूटा / Do saheliyon ke pyar ka pyar aakhir kyo tuta hindiदो

दो सहेलियों के प्यार जो एक साथ जीने मरने की कसमें खाते थे आखिर वो प्यार क्यो टूटा। आप जानना चहिगे तो इस पूरी कहानी को ध्यान से पढिये।  यह बात उन दिनों की है जब हम सुदूर पूर्वोत्तर भारत मे रहते थे। उस समय एक प्रेमा देवी लड़की थी जिसकी सहेली का नाम आशा था। प्रेमा ओर आशा में बहुत प्यार था दोनों  19 साल तक कुँवारी थी और दोनों की तमन्ना थी कि उनकी शादी एक ही घर मे हो । वे दोनों क्योकि एक साथ पढ़ी थी  एक साथ ही पड़ोसन बन कर रह रही थी इसलिये साथ साथ रहने की वजह से दोनों में बहुत प्यार हो गया। यह प्यार इतना आगे बढ़ गया कि दोनों जेठानी ओर देवरानी के सपने देखने लगी। लेकिंन किस्मत को कुछ ओर ही  मंजूर था। एक दिन एक फौजी का रिस्ता जब आशा को आया तो आशा उस रिस्ते से इंकार नही कर सकी उसका कारण यह था कि फौजी बहुत हैंडसम था । बलिस्ट था इसलिये उसकी बाहों में आशा का कोमल मन फिसल गया।  सुंदर आशा भी बहुत थी । फौजी तो उसको देखते ही दीवाना हो गया था। फौजी का बस चलता तो वह आशा को एक बार जरूर चूम लेता लेकिंन क्या करे आखिर समाज का बंधन भी कुछ चीज होती है फौजी तड़पता रह गया। अब फौजी आशा की हा का इंतजार करने लगा । थोड़ी देर ना नुकुर के बाद आशा ने हा कर दी। आशा ने हा तो कर दी लेकिन जब सहेली की याद आयी तो वह रो गयी। जब सहेली को पता चला कि उसके पति का कोई भाई नही है तो वह निराश हो गयी। आखिर एक दिन दोनों ने फैसला किया कि दोनों अपने बच्चों की शादी एक दूसरे परिवार में करेगी। धीरे धीरे समय बिता प्रेमा की शादी भी हो गयी । उनके पति सरकारी जॉब में थे। वह उनको खूब प्यार करती थी। धीरे धीरे दोनों के बच्चे हुए । आशा की एक बेटी ओर एक बेटा हुआ ओर प्रेमा के दो बेटे हुए। आशा की लड़की बहुत तेज थी आशा उसकी शादी समय से करना चाहती थी ओर वह अपने सहेली प्रेमा के लड़के से शादी चाहती तो थी लेकिन लड़के की सरकारी जॉब चाहती है। प्रेमा के बेटे के पास सरकारी जॉब नही थी जिसके कारण वह अपनी बेटी को दूसरे घर मे ब्याही। यही वजह आखिर बनी दोनों सहेली की दोस्ती टूटने की वजह। दोस्ततो  कहानी  सच्ची धटना पर आधारित है।




 

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