क्या जवानी में लड़को को झूठ बोलना अच्छा लगता है ?

क्या जवानी में लड़के को  झूठ बोलना अच्छा लगता है ?  

 बिल्कुल सत्य। आप हम सब जवानी से गुजरे है । आपने क्या कभी सोचा कि लड़के जवानी में झूठ क्यो बोलते है। आप यदि इस सवाल का उत्तर चाहते है तो अपनी जवानी को याद करो। आप कब किस वक्त किस विषय मे अपने माता पिता अपने टीचर, अपने दोस्ततो से किस चीज के लिये झूठ बोलते थे। आज हम आपको आपके बीते दिनों को याद करवा देते है जब आप झूठ का प्रयोग अपने को बचाने के लिये करते थे। विस्तार से जाने।

पेंडिंग होम वर्क  के लिये
जब स्कूल से बहुत से कार्य आपको उस वक्त मिलता होगा ओर आप उस कार्य को नही कर पाते होंगे तो आप अपना खुरापाती दिमाक लगाते होंगे ओर किसी तरह का झूठ टीचर से  बोलकर  बच जाते होंगे। जवानी में यही तो होता है। आपने पहले किया और आपके बच्चे यदि आज कर रहे है तो कोंन सा बुरा कर रहे है। आखिर यह जवानी का दोष है। जवानी में मस्त नींद जो लेनी है। यारदोस्तो से गप्पे जो मारनी है। खेलना कूदना जो है । इसलिये अपने खास काम तो पेंडिंग होने ही है।

गर्लफ्रैंड से झूठ
बहुत से लड़के जवानी में लड़की को इम्प्रेस करने के लिये झूठ का सहारा लेते है ओर यह झूठ उनकी मजबूरी बनता है क्योंकि यदि झूठ नही बोलते है तो गर्लफ्रैंड पटती नही है। वह नाराज हो जाएगी। लड़की पटाने के लिये सुहावने सपने जो दिखाने है। इसलिये झूठ का सहारा लेना ही पड़ता है। दोस्ततो आपने बहुत बार अपनी गर्लफ्रैंड से झूठ बोला होगा । खासकर तब जब आपकी जेब मे पैसे नही होगे ओर वह किसी चीज को खाने या लेने के लिये जिद कर रही होगी। इस समय झूठ ही एक सहारा है जो जवानी में लड़के को बचाता है। उस समय झूठ सगे भाई से भी बढ़कर लगता है। कैसा लगा। सच है कि नही। 

माता पिता से झूठ
जवानी में जब स्कूल में नम्बर कम आते थे तब जब मातापिता नम्बरो के बारे में पूछते थे तो झूठ ही सहारा होता था। मातापिता को या तो नम्बर बताते नही थे और यदि बताते थे तो टीचर की चुगली करते थे कि टीचर ने ठीक से पढ़ाया नही । मातापिता को यह नही बताया कि सारा समय तो गर्लफ्रैंड की याद में ही चला जाता था। पढ़ते ही कहा थे। झूठ ही झूठ जवानी में बोला जाता है। कुछ ही होते होंगे जो सही बताते होंगे।

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