दो दोस्ततो की दिल को छूने वाली सच्ची कहानी / Do dosto ki dil ko chhune wali sachchi kahani hindi

दो दोस्ततो की दिल को छूने वाली सच्ची कहानी

तनवीर ओर हर्ष दोनों बचपन के दोस्त थे । दोस्ती गाडी थी । इसी के चलते दोनों जहाँ भी जाते साथ ही जाते थे। दोनों के जीवन का आराम  से बित रहा था। एक दिन दोनों घूमते घूमते मन मे विचार आया कि अब हमारी पढ़ाई हायर सेकेंडरी की पूरी हो गयी है क्योंन्ही अब हम कुछ रोजगार की ओर सोचे । इसी उधेड़बुन में वे एक दिन भर्ती कार्यालय पहुँच गये । किस्मत अच्छी थी कि उन्हें पता चला कि अगले हप्ते पुलिस की भर्ती है दोनों ने खूब तैयारी की ओर सही समय पर भर्ती कार्यालय पहुँच गये ओर पूरी प्रकिया के बाद दोनों भर्ती हो गये। यह बात पूर्वोत्तर  भारत की है । पूर्वोत्तर भारत मे  अधिकांश एरिया जंगल का है  जिस वजह से ट्रेनिंग में जलावन की लकड़ी के लिये , बांस चारदीवारी के लिये  लेने जंगल जाना पड़ता था। एक दिन बांस काटते समय हसिया  तनवीर के पैर में लग गया । अब जब हसिया लग गया तो  खून आना लाजमी था। जंगल मे पूरी 30  रिक्रूट की प्लाटून थी लेकिन सब अपने काम मे ब्यस्त थे। हर्ष ओर तनवीर एक साथ बांस काट रहे थे। जब तनवीर का पैर पर हल्की चोट लगी ओर खून निकलने लगा तो हर्ष ने अपनी नई बनियान तुरन्त फाड़ कर उससे मरम पट्टी कर दी। जैसे कि भारत के हर घर मे वैद्य है हर कोई कुछ न कुछ जानता है हर्ष ने भी वही किया उसने जंगल से कुछ पत्तियां तोड़ी ओर खून निकलने वाली वजह पर उसका रस डाल दिया । जिससे खून कम हो गया ओर ऊपर से उसने मरम पट्टी भी कर दी। उसके बाद दोनों अपने कैम्प आये। इस घटना ने दोनों की दोस्ती को बदल कर रख दिया फिर तो वह जब भी जहा भी जाते कोशिश यही होती थी कि साथ ही जाये। यदि गलतीं से  कभी दोनों अलग भी होते थे तो संचार आपस मे बना रहता था। उसके बाद दोनों की शादी हो गयी । दोनों परिवारों में भी अच्छा मैल हो गया। आज दोनों अपनी नॉकरी से  रिटायर्ड हो गये है ओर वह को याद कर मुस्कराते है पुरानी घटना आज भी उनके दिल जुबान पर रहती है । दोस्ती आज 65 साल की उम्र में भी कायम है। 


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