अमिताभ ओर रेखा की अनसुनी कहानी
अमिताभ ओर रेखा की अनसुनी कहानी कोंन नही सुंत चहिगा।कहानी पढ़ने सुनने के लिये नाम ही काफी है लेकिन क्या आप जानते है कि वो कहानी किसकी ओर किस प्रेम की है उसके असली किरदार कोंन है हमारी कहानी का किरदार वो मुम्बई के अमिताभ ओर रेखा नही है यह तो हमारे गांव के अम्मू ओर रेखा है अम्मू को अमिताभ नाम गांव वालों ने ही दिया क्योकि उसकी लंबाई काफी ज्यादा है वह एक्टिंग भी अमिताभ फ़िल्म वालो की अच्छी से कर लेता है उनके डाइलोक भी अच्छे से बोल लेता है इसलिये गांव के लोग उनको अपने गांव का अमिताभ समझने लगे। यह बात बहुत पुरानी है उस समय गांव में टेलीविशन ने कदम रखा था। हमारे गांव में टेलीविशन वैसे भी देर में ही पहुचा था। लोग शहर के सिनेमा हॉल में अमिताभ रेखा की पिक्चर देखने जाते थे। इसलिये हमारे गांव में अमिताभ का जन्म हुआ। अब जब अमिताभ है तो रेखा तो होनी चाहिये। हमारे गांव के अम्मू ने इसका भी इतजाम कर लिया। उन्हें गांव की लड़की रेखा से प्यार हो गया। यह प्यार क्लास 10 से 12 तक कॉलेज में चला। जिसमे प्यार बाते नही होती थी बल्कि नेत्र सुख अम्मू भोगते थे वो भी 20 कदम दृर से। डर इस बात का था कि कही रेखा की फटकार न लग जाये। इसी बात का डर हमेशा लगा रहता था। आखिर एक दिन बिछुड़ने का भी आ गया । यहाँ रेखा की शादी अन्यत्र हो जाती है। अम्मू अपने गांव के लंबू अमिताभ जी अकेले रह गये। आज भी अकेले है जिंदगी रेखा के नाम की माला जब के काट रहे है। एक बार शादी हुई भी थी लेकिन बहुत जल्द तलाक हो गया। पहली को पता चल चुका था कि ये तो रेखा के दीवाने है उनको को निमित मात्र ही शादी कर रखी है इसलिये उसने दूसरे से इश्क कर लिया। अपने अम्मू आज भी अकेले है।
दो सहेलियों का प्यार आखिर क्यों टूटा / Do saheliyon ke pyar ka pyar aakhir kyo tuta hindiदो