दो दोस्ततो की सच्ची प्रेम रस भरी कहानी / Do dosto ki sachchi prem ras bhari kahani hindi

दो दोस्ततो  की सच्ची प्रेम रसभरी  कहानी / Do dosto ki sachchi prem ras bhari  kahani hindi

यह बात उन दिनों की है जब हम हिमालय की गोद उत्तर पूर्व की पहाड़ियों में रहा करता था । उन दिनों मेरी दोस्ती  चंदन से गयी । चंदन एक किराने की दुकान चलाता था। उसके पास अपनी खेती भी थी। जैसे कि आप जानते है कि खेती मेहनत मांगती है। आज कल भारत मे लोगो का रुझान खेती की तरह कम ही है लोग अब भारत मे जल्दी धनी बनने की सोचते है इसलिये या तो वह आधुनिक खेती को अपना रहे है या ब्यापार में निवेश कर रहे है। इसलिये चंदन ने भी अपना निवेश किराने की दुकान में कर रखा था। चंदन एक ईमानदार लड़का था । पता नही क्यो चंदन मुझ पर कुछ ज्यादा ही विश्वाश करता था। मेरी सरकारी नॉकरी थी। उसने मेरा सरकारी घर भी देखा था। चंदन नेपाली मूल का भारतीय था। मैं  उत्तराखण्डी होने के नाते हमारी भाषा भी कुछ हद तक मिल जाती है। हम एक दूसरे की भाषा को समझ लेते थे। मेरा सरकारी घर  सेउसके घर जाने में भाड़ा सिर्फ 5 रुपये लगता था । हमारी दोस्ततो इतनी पक्की हो गयी कि जब में उसके घर दो सप्ताह तक नही जाता तो उसका सारा परिवार मुझे याद करता था। उसके घर मे उसकी बहन भाई थे पत्नी भी थी। सब मुझको बहुत प्यार करते थे। वे चाहते तो यह थे कि में वही बस जाऊ । उनके प्यार को देख कर दिल से मैं  भी यही चाहता था कि मैं उनके बीच मे ही रहूं। लेकिन यह हो नही सकता था। मेरा दोस्त तो यह भी चाहता था कि में वही शादी करके अपना नया घर बसा लू ओर उन्ही के बीच रहू। उसकी पत्नी परिवार वाले मुझको बहुत  चाहने लगे थे। वे अपनी  कुछ जमीन देकर मेरा घर वही बसाना चाहते थे। मुझे वहां कई लड़कियों से प्यार हुआ। लेकिन इंद्रा नाम की लड़की के प्यार को में आज भी याद करता हु। उसको में चाहने लगा था। दोस्ततो जवानी में कदम बहुत सम्भल कर रखने  चाहिये। मेने भी कदम सम्भल कर रखे। मैं  अपनी जिंदगी में यही चाहता था कि किसी को प्यार करो तो दिल से करो ओर उसको दिल से अपनाओ। मेरी शादी हो चुकी थी लेकिन क्या करूँ ये दिल का सौदा है प्यार तो हम दोनों एक दूसरे से करने लगे थे लेकिन शारीरिक दूरी का हमने खूब ख्याल रखा। मैं नही चाहता था कि किसी की जिंदगी बर्वाद हो ओर अपना परिवार बिखरे इस वजह से मैने दूरी इंद्रा से बना कर आजीवन बना कर रखी। अब उसकी शादी भी हो चुकी है उसके बच्चे भी बड़े हो चुके होंगे। हमारे तो हो ही चुके है लेकिन मेने जीवन मे देखा है कि कुछ ही लोग होते है जो दिल से किसी को चाहते है वाकि तो सब भोग विलाश के चक्कर मे पड़ते है। जब दिल भर गया तो प्यार को भूल जाते है कुछ ऐसे लोग प्यार को खिलौना समझते है। आज भी जब मैं  उन दिनों की याद करता हु अपने दोस्त चंदन की याद बहुत आती है क्योंकि उन्होंने मुझे प्रदेश में घर का अहसास करा दिया था। जिंदगी में कुछ ही लोग ऐसे होते है जिनको ऐसे लोग मिलते है ओर यह कुछ हद तक अपने पर भी निर्भर करता है क्योंकि लोग आपके रहन सहन बातचीत से ही तो मोहित होते है। यह सब मुझमें काफ़ी था दूसरे मुझमें दुसरो को मदद करने की हमेशा दिल मे रहता है। मेरी इन्ही चीजो किबवजः से वे मेरे कायल थे।आज  जब भी मुझे अपने पुराने दिन याद आते है  तो दिल खुशी से झूम उठता है। मेरी कहानी कैसी लगी अगली कहानी सपना हेल्थ.कॉम पर पढ सकते है। धन्यवाद।।
Previous
Next Post »