खूनी बबासीर ( blood piles)ओर सुखी बबासीर ( dry piles) में अंतर लक्षण ओर घरेलू उपाय / What is difference in bloody piles and dry piles Symptom and gharelu treatment hindi

खूनी बबासीर ओर सुखी बबासीर में अंतर लक्षण ओर घरेलू उपाय / what is difference in bloody piles and dry piles Symptom and gharelu upay hindi

खूनी बबासीर सुखी बबासीर का नाम तो सुना जरूर होगा लेकिन यह किस तरह शरीर को परेशान करती है उसका पता तभी लगता है जब ब्यक्ति बबासीर जैसी समस्या से घिरता है। बबासीर आज आम समस्या बन गयी है जिसका कारण हमारी खराब जीवन शैली है  जिसमे खराब खानपान से  लेकर ब्यायाम का अभाव भी है। सबसे पहले आप बबासीर की जड़ को समझये।

 बबासीर बनता कैसे है 
बबासीर कब्ज की समस्या से बनता है । अब कब्ज कैसे बनता है । कब्ज  भोजन में फाइबर की कमी से बनता है। कम पानी पीने से बनता है। बहुत बार यह भी देखा गया है कि हम फाइवर को किसी भी रूप में ले लेते है जैसे फाइवर वाले अनाज फलो के रूप में  लेकिन फिर भी कब्ज नही टूटती है  उसका कारण आंतो में चिकनाई का कम होना होता है जिसको हम आसानी से दूर कर सकते है । उसके लिये हमको एक चम्मच घी को किसी भी रूप में रोटी दाल सब्जी  के साथ लेकर  खाना  चाहिये। अगले दिन जब पाखाना जायेगे तो पेट की कब्ज टूट चुकी होगी। यह एक उत्तम उपाय  हो सकता है जिसमे बबासीर को जन्म देने से पहले ही रोका जा सकता है। जो लोग शराब का सेवन ज्यादा करते है या किसी दिन शराब का सेवन ज्यादा किया  और अगले दिन पेट मे जबरजस्त कब्ज बन गयी । पाखाना नही आ रहा है सिर्फ पिला पिसाब आ रहा है उनको मैं यह पर एक जबरजस्त उपाय बताता हूं जिसको करने के बाद उनकी कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी। असल मे ये समस्या कब्ज के साथ ही लिवर की भी है आपको कब्ज के साथ ही लिवर को भी ठीक करना होगा तभी कब्ज टूटेगी। इसका बहुत आसान उपाय मैं खासकर उन लोगो के लिये बतला रहा हु जो लिवर खराब की वजह से कब्ज से परेशान है ओर दो या तीन दिन से पाखाना उनको नही आ रहा है उनके लिये नीचे दिया फार्मूला उत्तम उपाय है कर के देखे लाभ होगा। 

1 केला दो से तीन
2 पपीता  पका हुआ 200ग्राम
3 सेब सिलके सहित एक से दो
4 अंगूर 100ग्राम
5 संतरा दो दाने बड़े
6 यदि अमरूद उपलब्ध हो तो ले सकते है सिर्फ एक दाना पका अमरूद

इन सबको छीलकर काट कर मिला  लीजिये ओर बिना नमक के खा लीजिये। 15 मिनट बाद खुल कर पाखाना आएगा कब्ज पुती तरह टूट जाएगी। यह एक उत्तम उपाय बहुत से लोगो पर आजमाया हुआ है। समस्या होने पर आजमाकर देखे लाभ अवस्य होगा।

खूनी बबासीर  ओर सुखी बबासीर में अंतर 
खूनी बबासीर ओर सुखी बबासीर में अंतर यही है कि खूनी बबासीर में मस्सों से खून आता है जब ब्यक्ति टॉयलेट जाता है ओर मामूली सा जोर लगाने पर ही खून निकलने लगता है  इसको खूनी बबासीर कहते है। यह खून खासतोर पर तब निकलता है जब टॉयलेट कब्ज के कारण सुखी निकल रही हो। जिसके कारण किसी के अंदर ओर किसी के बाहर मस्से निकलते है यही मस्से  धीरे धीरे बाद में घाव बन जाते है ओर इनसे  खून निकलता है  यह खून तब निकलता है जब हम टॉयलेट जाते है।  यह कम पानी ओर फाइबर की वजह हम ऊपर बतला चुके है। दूसरी जो सुखी बबासीर होती है उसमे  असहनीय दर्द होता है जिसका कारण भी कब्ज होता है। खासकर जब पेट से गैस बाहर निकलती है तब भी दर्द होता है  ओर जब टॉयलेट बाहर निकलती है तब भी दर्द होता है। यह सुखी टॉयलेट के कारण होता है  जिसको कब्ज कहते है। जब हम टॉयलेट के दौरान जोर लगाते है तो मस्से धीरे धीरे प्रकट होने लगते है यही मस्से आगे जाकर के कब्ज होने पर  दर्द का कारण बनते है। यदि ब्यक्ति को पतला पाखाना आने लगे तो समस्या कम होती है। इसको सुखी बबासीर कहते है।

खूनी ओर सुखी बबासीर का  घरेलू आसान इलाज
1 खूनी सुखी बबासीर का बहुत से इलाज उपलब्ध है आज हम यह पर एक जबरजस्त इलाज बतला रहे है जिसमे आपको बहुत कम पैसे में इससे लाभ उठा सकते है इन दोनों बबासीर के लिये आपको बकाइन पेड़ की छाल लेनी है उसको बारीक कूट कर पाउडर बना लीजिये। उसके बाद  पाउडर को किसी छलनी से छान लीजिये। जिसको समस्या है उसको एक छोटा चाय चम्मच से आधा चम्मच तीन दिन दिन में एक बार लेने से लाभ होता है। दोनों तरह की बबासीर से छुटकारा मिलेगा। मठ्ठा का सेवन दवा लेने के एक आधा घंटे बाद जरूर कीजिये। जिनको आंतो की समस्या है ओर कमजोर आंतो की वजह से खून टॉयलेट में आ रहा हो उनको बकाइन का चूर्ण नुकसान पहुचाता है ऐसे मरीज बकाइन का चूर्ण का सेवन न करे। उन्हें यह समस्या को बढ़ा देगा।

2 दही में अजवाइन मिला कर खाने से  सूखी बबासीर में लाभ मिलता है। टॉयलेट नही आने पर कभी कभी सर्दियों में अदरक का सेवन जरूर करना चाहिये।

3 फाइवर जैसे कि बहुत चीजो में मिलता है कुछ के नाम हम प्रकट कर रहे है जैसे गेंहू का दलिया, ओट्स ले सकते है। सेब जैसे फलो को छिलके के साथ खा सकते है। चिकेन ओर मछली खा सकते है। 

4 दो बादाम  भिगाकर कुछ दिन खाने से कब्ज में राहत मिलती है जो बबासीर को फायदा देगी।

5 त्रिफला  को गून गुने पानी से लेना बबासीर खासकर सुखी बबासीर में फायदा देता है या हरण को लेकर चूस सकते है।

6 मुनक्के दूध में पका कर ले सकते है। यह कब्ज बबासीर में लाभ देगा।।


बबासीर में परहेज
बबासीर के मरीजो को बादी चीजो का सेवन नही करना चाहिये । इसलिये उन्हें अपने भोजन में  बैगन , उर्द की दाल का सेवन से बचना चाहिये। 



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